केजीएमयू में सस्ती दवाओं के 'अमृत' से मरीज महरूम
मुश्किल में मरीज : अमृत फार्मेसी और हास्पिटल रिवाल्विंग फंड (एचआरएफ) मेडिकल स्टोर पर दवाओं का टोटा, निजी मेडिकल स्टोर पर मिल रही दवाएं, ट्रामा सेंटर में फैला है रैकेट
लखनऊ (आशीष त्रिवेदी)। केजीएमयू में मरीजों को सस्ती दरों पर दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। यहां तक की असाध्य रोगों के मरीजों को भी निजी मेडिकल स्टोरों पर महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। क्योंकि अमृत फार्मेसी और हॉस्पिटल रिवाल्विंग फंड (एचआरएफ) के मेडिकल स्टोर पर दवाओं का जबरदस्त टोटा रहता है। असाध्य रोगों के मरीजों को सस्ती दवाएं नहीं मिल पा रही। मरीजों को जेनरिक दवाएं नहीं उपलब्ध करवाने का दावा भी फेल हो रहा है।
केजीएमयू की ओल्ड ओपीडी, लिंब सेंटर आदि में खुली अमृत फार्मेसी में काउंटर तक पहुंचने पर जब मरीज का पर्चा देखकर बताया जाता है कि दवाएं नहीं है तो उनका हौसला टूट जाता है। इसमें जेनरिक दवाएं करीब 60 से 80 प्रतिशत तक सस्ती देने का दावा किया जाता है, लेकिन यह लाभ मरीजों को मिल नहीं पाता। कई एंटी बॉयोटिक, व कैंसर आदि की दवाएं यहां नहीं मिल पा रही हैं।ं
वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में तीसरे तल पर एचआरएफ के मेडिकल स्टोर पर सन्नाटा देखने को मिला। यहां मरीजों को जो दवाएं लिखी जा रही हैं उनमें से ज्यादातर उपलब्ध नहीं रहती। वहीं इलाज करवा रहे गंभीर मरीज को डॉक्टर द्वारा लिखी दवाएं बहुत कम मिलती हैं। यही हाल वेलफेयर सोसाइटी की दवा की दुकानों का भी है। भीड़ तो सिर्फ बाहर निजी मेडिकल स्टोर पर लगती हैं। वहीं ट्रामा सेंटर में निजी मेडिकल स्टोरों के नुमाइंदे हर फ्लोर पर डेरा जमाए बैठे हैं, जो डाक्टरों की लिखी दवा तत्काल ऑन कॉल उपलब्ध करवाते हैं। केजीएमयू की मीडिया सेल के इंचार्ज प्रो. संतोष कुमार का कहना है कि मरीजों को ज्यादातर दवाएं मिले इसकी कोशिश रहती है। सभी दवाएं हमेशा उपलब्ध हों कई बार ऐसा संभव नहीं होता।