लखनऊ, राज्य ब्यूरो। TB Centers of Excellence ड्रग रेजिस्टेंट (डीआर) टीबी केयर का सेंटर आफ एक्सीलेंस केजीएमयू को बनाया गया है। यह डीआर टीबी के नोडल सेंटर व जिला डीआर टीबी सेंटर के लिए गाइड की भूमिका निभाएगा। यह इन सेंटरों पर आने वाले डीआर टीबी के रोगियों के उच्च स्तरीय इलाज में मददगार होगा।
केजीएमयू में होंगे डीआर टीबी से बचाव के लिए उच्च स्तरीय शोध
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव डा. पी अशोक बाबू की ओर से जारी किए गए आदेश में इसे तीन वर्ष के लिए सेंटर आफ एक्सीलेंस के तौर पर स्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया है।
- केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डाक्टर अन्य विशेषज्ञों के साथ मिलकर डीआर टीबी से बचाव के लिए उच्च स्तरीय शोध करेंगे। देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने का संकल्प लिया गया है।
- ऐसे में सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य यूपी में इस रोग से निपटने के लिए मजबूती से कार्य किया जा रहा है।
- डीआर टीबी आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के गलत इस्तेमाल व बीच में लंबे समय से टीबी का इलाज छोड़ने के कारण होती है।
- डीआर टीबी के रोगियों को दवा का असर नहीं होता। ऐसे में इनका उपचार बेहद कठिन होता है। टीबी उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत केजीएमयू को यह जिम्मेदारी दी गई है।
टीबी क्या है
टीबी यानि क्षय रोग एक संक्रामक रोग है, जो कीटाणु के कारण होता है।
टीबी के क्या लक्षण है
तीन सप्ताह से ज्यादा खांसी
बुखार विशेष तौर से शाम को बढने वाला बुखार
छाती में दर्द
वजन का घटना
भूख में कमी
बलगम के साथ खून आना
टीबी की जांच कहां
अगर तीन सप्ताह से ज्यादा खांसी हो तो नजदीक के सरकारी अस्पताल/ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र , जहां बलगम की जांच होती है, वहां बलगम के तीन नमूनों की निःशुल्क जांच करायें। टी.बी. की जांच और इलाज सभी सरकारी अस्पतालों में बिल्कुल मुफ्त किय जाता है।
टीबी का उपचार कहां
रोगी को घर के नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र (उपस्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं चिकित्सालयों) में डाट्स पद्वति के अन्तर्गत किया जाता है। उपचार अवधि 6 से 8 माह।