KGMU: अमाशय से विकसित कर बनाई आहारनाल, जन्म से थी विकृति
जन्मजात अविकसति आहारनाल का ऑपरेशन करके केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी के डाॅ जेडी रावत ने बच्चे को दिया नया जीवन।
लखनऊ, जेएनएन। बच्चे की जन्मजात आहार नली अधूरी थी। अविकसित नली होने की वजह से दूध पिलाते ही वह उल्टी कर देता था। ऐसे में परिजन केजीएमयू लाए। यहां डॉक्टर ने तीन बार में ऑपरेशन कर आहार नाल को ठीक कर दिया।
सिद्धार्थनगर निवासी निशा को 21 मार्च 2017 को प्रसव हुआ। पति मेराज अहमद के मुताबिक बच्चा दूध नहीं पी रहा था। वहीं जबरन पिलाने पर वह उल्टी कर देता था। ऐसे में स्थानीय चिकित्सक ने बच्चे को केजीएमयू रेफर कर दिया। यहां 22 मार्च को उसे पीडियाटिक सर्जरी में भर्ती किया गया। डॉ. जेडी रावत ने जांच की तो बच्चे की आहार नली सिर्फ गले तक मिली।
अविकसित आहार नाल को निकाला
ऐसे में पहले ऑपरेशन में अविकसित आहार नाल को ट्यूब के जरिये बाहर निकाल दिया। तीन अप्रैल 2019 को उसके आमाशय के पिछले हिस्से को लेकर एक ट्यूब बनाई गई। इसे स्टेपल कर बगल में नई नलिका विकसित की गई। एक मई को तीसरा ऑपरेशन कर विकसित की गई। नलिका को गले के पास बाहर निकल नलिका से जोड़ा गया। अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ्य है। उसे शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया।
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