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दूरबीन विधि से डॉक्टरों ने बचाई मरीज की जान, सर्जरी कर दूर की फेफड़े की टीबी

केजीएमयू के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर सुरेश कुमार की टीम ने किया सफल आपरेशन। लखीमपुर व आजमगढ़ के दो मरीजों को दी गई राहत।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 10:17 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 10:30 AM (IST)
दूरबीन विधि से डॉक्टरों ने बचाई मरीज की जान, सर्जरी कर दूर की फेफड़े की टीबी
दूरबीन विधि से डॉक्टरों ने बचाई मरीज की जान, सर्जरी कर दूर की फेफड़े की टीबी

लखनऊ, (जेएनएन)। केजीएमयू में डॉक्टरों की टीम ने टीबी के कारण फेफड़ों में होने वाली बीमारी 'प्लूरल इंपाइमा' का दूरबीन विधि से सर्जरी कर ठीक करने में सफलता हासिल की है। इसमें मरीज को फेफड़े में पस पड़ गया था, जिसके कारण उसे तीन माह से बुखार, सांस फूलने, सीने में दर्द की शिकायत थी। आजमगढ़ व लखीमपुर खीरी के दो मरीजों का इस विधि से आपरेशन कर उन्हें राहत दी गई। 

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यह पहला मौका है जब केजीएमयू ने दूरबीन विधि से आपरेशन किया है। पहला मामला आजमगढ़ निवासी एक महिला का है। मरीज को 2017 में टाइफाइड हुआ निजी अस्पताल में इलाज करवाने के बाद लाभ न मिलने पर केजीएमयू में छह जुलाई को भर्ती किया गया। इसके बाद 31 अक्टूबर को सर्जरी हुई। इसमें 50 हजार का खर्चा आया। वहीं, दूसरी ओर लखीमपुर की एक लड़की की पांच नवंबर को सर्जरी हुई, इसमें 25 हजार का खर्च आया। 

इसमें सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि टीबी, निमोनिया या एक्सीडेंट और सर्जरी के बाद ये समस्या होती है। इसमें फेफड़ों की अंदर की दीवार पर मवाद या पस पड़ जाता है और मवाद की यह झिल्ली मोटी होती जाती है। जिससे सांस लेते समय फेफड़े को फूलने में समस्या आती है।

बीमारी का समय पर पता न चलने पर समस्या गंभीर होती जाती है। डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि पूर्व में इसके इलाज के लिए बड़ा चीरा लगाना पड़ता था, अब इस असिस्टेड थोरेसिक सर्जरी में छोटा सा कट लगाकर ऑपरेशन किया गया। इसमें चार घंटे लगे। 


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