Move to Jagran APP

खेल-खेल में बच्चे की सांस नली में फंसा मक्का का दाना, जान पर बनी आफत

दो वर्षीय बच्चे के सांस नली में फंसा मक्का। नली ब्लॉक होने से एक फेफड़े ने काम करना किया बंद।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 20 Jun 2020 05:59 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 07:05 AM (IST)
खेल-खेल में बच्चे की सांस नली में फंसा मक्का का दाना, जान पर बनी आफत
खेल-खेल में बच्चे की सांस नली में फंसा मक्का का दाना, जान पर बनी आफत

लखनऊ, जेएनएन। मामा के घर आया बच्चा खेल रहा था। अचानक डलिया में रखे मक्के के दाने को मुंह में डाल लिया। मुट्ठीभर मुंह में डाले दाने उसने सभी उलट दिए। मगर, एक सांस नली में चला गया। इससे एक फेफड़े की नली ब्लॉक हो गई। उसकी सांस उखड़ने लगी। परिवारजन केजीएमयू लेकर आए। यहां डॉक्टरों ने ब्रांकोस्कोपी कर उसकी जान बचाई।

loksabha election banner

दो वर्षीय यश हरदोई के हरपालपुर निवासी मामा के घर आया। घर के सदस्यों ने उसे जमीन पर खेलने के लिए छोड़ दिया। सभी अपने-अपने काम में मगन हो गए। इस दरम्यान यश मक्के के दाने से भरी डलिया के पास पहुंच गया। उसने डलिया से मक्के से मुट्ठी भर ली। कई दाने बच्चे ने मुंह में रख लिए। इस दरम्यान अचानक उसे उल्टी हुई। उसमें कई मक्के के दाने निकले। बावजूद वह जोर-जोर रोने लगा। सांस फूलने लगी। 16 जून को हुई घटना में बिगड़ती हालत देख मामा राम प्रताप सिंह बच्चे को लेकर नजदीकी अस्पताल गए। यहां डॉक्टरों ने इलाज किया । इसके बाद सुधार न होते देख केजीएमयू रेफर कर दिया ।

केराइना प्वाइंट पर दाना, उखनड़ने लगी सांस

रामप्रताप बच्चे को लेकर शाम को केजीएमयू के ट्राएज एरिया में पहुंचे। यहां से कोविड टेस्ट के बाद पल्मोनरी एंड क्रिट किल केयर मेडिसिन विभाग में बच्चे को भर्ती कराया। विभागाध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश व लेफ्टीनेंट जनरल रिटायर्ड डॉ. बीएनबीएम प्रसाद ने बच्चे को देखा। बच्चे की सांस उखड़ने लगी। हालत गंभीर देखकर उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा। रात में ही सीटी स्कैन जांच कराई। इसमें दाना ट्रैकिया (सांस नली) के अंदर केराइना प्वाइंट पर मिला। सांस नली के इसी प्वाइंट से दोनों फेफड़े के ब्रांकस निकलते हैं। वहीं, बाएं फेफड़े वाली नलिका पर दाना पूरी तरह सटा था। ऐसे में बाएं फेफड़े में ऑक्सीजनेशन का काम बंद हो गया। वहीं दाएं फेफड़े में भी सांस को हल्का बाधित कर रहा था।

ईएनटी डॉक्टर की मदद से रिजिट ब्रांकोस्कोप से निकाला

यश को 17 जून को ईएनटी विभाग शिफ्ट किया गया। यहां डॉ. वेदप्रकाश व ईएनटी के डॉ. अभिषेक ने रिजिट ब्रांकोस्कोप के जरिए सांस नली के अंदर से मक्का का दाना निकाला। इस दौरान ऑक्सीजन भी बच्चे की चलती रही। साथ ही बच्चे को एनेस्थीसिया की डोज भी दी गई। डॉक्टरों के मुताबिक, मक्के का दाना बच्चे के लिए जानलेवा बन सकता था। इससे बच्चे का दम घुटने का खतरा था।

मक्का-मटर का दाना देने से बचें

डॉ. वेद प्रकाश के मुताबिक छोटे बच्चों को मक्का, मटर, चना देने से बचें। खेलते समय उनकी निगरानी रखें। इनके दाने मुंह में रखने से सांस नली में जाने का खतरा रहता है। इसके अलावा छोटे सिक्के भी बच्चों को खेलने के लिए न दें। आहार नली में सिक्के पहुंचने के कई केस केजीएमयू आ चुके हैं। वहीं, यश की हालत ठीक होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया।

उल्टा कर पीठ पर दें थपकी

यदि बच्चा कुछ निगल गया है। ऐसी स्थिति में घबराएं नहीं, बल्कि समझदारी से काम लें। उसे तुंरत पैरों की तरफ पकड़कर उल्टा कर दें। वहीं पीठ की तरफ से थपकी दें। ऐसा करने से यदि निकली हुई वस्तु बाहर आ जाए तो ठीक है। वरना जल्द अस्पताल पहुंचे। एक्स-रे, सीटी स्कैन कराएं। डॉक्टर से संपर्क करें। वहीं, बच्चे को लेटाकर दूध व पानी न पिलाएं। यह सांस नली में जाने का खतरा रहता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.