Coronavirus : ऑपरेशन से पहले मरीज का होगा कोरोना टेस्ट, अस्पतालों ने बदला नियम
बिना जांच के ऑपरेशन में मरीज और मेडिकल स्टाफ दोनों के लिए रिस्क। दैनिक जागरण ने किया था आगाह।
लखनऊ, जेएनएन। मरीजों में सर्जरी से पहले कोरोना टेस्ट नहीं किया जा रहा है। ऐसे में स्टाफ पर संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। वहीं इससे मरीजों में भी रिस्क अधिक है। चीन की स्टडी का हवाला देकर 'दैनिक जागरण' ने अफसरों को आगाह किया। ऐसे में अब संस्थानों ने ऑपरेशन से पहले कोरोना टेस्टिंग को अनिवार्य कर दिया है। दैनिक जागरण ने 22 अप्रैल के अंक में 'सर्जरी के मरीजों में 10 गुना रिस्क ज्यादा' खबर प्रकाशित की थी।
चीन में हुई स्टडी के मुताबिक, वहां डॉक्टरों ने बगैर कोरोना जांच के मरीजों का ऑपरेशन कर दिया। ऐसे में मरीज में जहां रिस्क दस गुना बढ़ गया, वहीं मेडिकल स्टाफ के लिए भी यह खतरनाक साबित हुआ। ऐसे में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) से विशेषज्ञों ने सर्जरी से पहले कोरोना टेस्ट अनिवार्य करने की मांग की थी। अब केजीएमयू प्रशासन ने रूटीन, सेमी इमरजेंसी व इमरजेंसी सभी मरीजों में कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया है।
वहीं, लोहिया संस्थान ने सर्जरी में कोरोना टेस्ट को लेकर कमेटी बना दी है। संस्थान के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने जल्द ही इस पर फैसला लेने का दावा किया। दरअसल, कोरोना के कई मरीजों में लक्षण नहीं होते हैं, ऐसे में बिना जांच सर्जरी घातक साबित हो सकती है।
केजीएमयू ने जारी किए निर्देश
- इमरजेंसी में भर्ती मरीजों का ऑपरेशन से पहले कोविड-19 जांच के लिए नमूना लिया जाएगा।
- मरीज के पर्चे पर प्री-ऑपरेटिव केस फॉर कोविड-19 लिखना होगा
- सेमी इमरजेंसी वाले मरीजों को जांच के लिए न्यूरोलॉजी विभाग में बने ट्रॉएज एरिया में ले जाना होगा। यहां नमूना संग्रह कर मूल विभाग भेजा जाएगा
- इलेक्टिव सर्जरी में मरीजों की जांच के लिए एक रेजिडेंट डॉक्टर की ड्यूटी लगाई गई है। यह रेजिडेंट 10 बजे क्वीनमेरी से नमूने लेगा
- 10.30 बजे रेजिडेंट लारी में नमूने लेगा। वहीं 11 बजे शताब्दी व 11.30 बजे ट्रॉमा सेंटर के मरीजों के नमूने लेगा।
- पांच दिन ड्यूटी करने वाले रेजिडेंट को हॉस्पिटल में क्वारंटाइन किया जाएगा