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'हेल्थ इज वेल्थ' पर फिटनेस प्रेमियों का यकीन, थोड़ी मेहनत और खुद को रखें फिट

योग, जिम और स्पोर्ट्स हर तरीके से खुद को फिट रखते हैं शहर के फिटनेस प्रेमी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 11:56 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 12:08 PM (IST)
'हेल्थ इज वेल्थ' पर फिटनेस प्रेमियों का यकीन, थोड़ी मेहनत और खुद को रखें फिट
'हेल्थ इज वेल्थ' पर फिटनेस प्रेमियों का यकीन, थोड़ी मेहनत और खुद को रखें फिट

लखनऊ [दुर्गा शर्मा]। निरोगी काया जीवन के आनंद को दोगुना करती है। शरीर को स्वस्थ रखना मुश्किल नहीं है। बस व्यायाम के रूप में थोड़ी मेहनत चाहिए। फिर देखिए सेहत नियामत के रूप में हमेशा साथ रहेगी। खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने 'हम फिट तो इंडिया फिट' मुहिम भी शुरू की है। इसी कड़ी में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फिटनेस वीडियो भी सामने आया। शहर में भी कई फिटनेस प्रेमी हैं, जो 'हेल्थ इज वेल्थ' में यकीन रखते हैं। रोजना एक्सरसाइज इनकी दिनचर्या का अहम हिस्सा है। आप भी जानिए इनकी फिटनेस का राज। दस वर्ष की उम्र से कर रहीं योग :

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प्रियंका त्रिवेदी ने एमए (योग) और डॉक्टरेट (योग नेचुरोपैथी) किया है। गोमती नगर और इंदिरा नगर के योग सेंटर में योग टीचर्स को ट्रेनिंग देती हैं। स्वयं नियमित अभ्यास के साथ ही प्रतिदिन 100 लोगों को योगाभ्यास कराती हैं। प्रियंका कहती हैं, घर पर ताऊ जी योग करते थे। बचपन में उनको देखते-देखते योग से मन जुड़ गया। दस साल की उम्र से योगाभ्यास शुरू किया। गायत्री परिवार से दीक्षा ली। योग से जुड़ी किताबें पढ़ीं। उनमें दिए आसनों को आजमाया। धीरे-धीरे योग जीवन का अहम हिस्सा बन गया। प्रतिदिन चार बजे उठती हूं। एक घटा प्राणायाम और 15-20 आसन करती हूं। 10 बार सूर्य नमस्कार और 15 मिनट ध्यान को देती हूं। सुबह साढ़े छह बजे तक योग प्रशिक्षण देने के लिए निकलती हूं। सुबह सात से 11 बजे तक ट्रेनिंग देती हूं। उसके बाद शाम को छह से आठ बजे तक प्रशिक्षण का समय रहता है।

उम्र 67 और रोजाना 15 सूर्य नमस्कार :

पूर्व मुख्य सचिव अतुल गुप्ता 11 साल से मनोयोग से योग कर रहे हैं। 67 वर्ष की उम्र में 15 सूर्य नमस्कार सेहत की दृढ़ता का प्रमाण है। अतुल गुप्ता बताते हैं, 11 साल पहले स्लिप डिस्क की समस्या हुई। फीजियोथेरेपी के रूप में योग का अभ्यास शुरू किया। काफी राहत मिली। अभी अपने सारे काम स्वयं कर लेता हूं। डायबिटिज की भी शिकायत रही। योग के जरिए मधुमेह नियंत्रण में काफी सहायता मिली है। कहते हैं, उम्र बढ़ने के साथ बीमारिया बढ़ती हैं। दवाओं की भी अपनी अहमियत हैं। बावजूद इसके व्यायाम और पौष्टिक आहार से बहुत हद तक बीमारियों से बचा जा सकता है। बताते हैं, रोजाना सुबह सवा पाच बजे उठता हूं। एक घटे वॉक करता हूं। 15 सूर्य नमस्कार के साथ ही वक्त्रासन समेत अन्य आसन दिनचर्या का हिस्सा हैं। स्विमिंग भी करते हैं।

व्यायाम ने बढ़ाया आत्मविश्वास:

दोस्त की सलाह पर अमल करते हुए लालकुआ निवासी 23 वर्षीय रचित ने व्यायाम शुरू किया। चार साल से नियमित जिम ट्रेनिंग ने आत्मविश्वास का संचार किया। बताते हैं, दोस्त रनिंग और जिमिंग करता था। उसको फिट देखकर एक्सरसाइज के लिए प्रेरित हुआ। सुबह साढ़े पाच बजे उठता हूं। सुबह छह बजे से साढ़े सात बजे तक जिम में रहते हैं। वेट ट्रेनिंग, एरोबिक्स, जुंबा, फंक्शनल ट्रेनिंग और क्रास फिट समेत अन्य व्यायाम करते हैं। कभी-कभी मेडिटेशन भी करते हैं। दोस्त के घर पर एक्सरसाइज के लिए सेट अप भी किया है। 'योग से शरीर रहता निरोग':

योग पखवाड़ा के तहत मोहान रोड स्थित आयुर्वेदिक यूनानी फार्मेसी के काशीराम सभागार में सेमिनार का आयोजन किया गया। आयोजन उप्र राज्य आयुष सोसाइटी की ओर से किया गया। मुख्य अतिथि प्रो. सुदीप सहाय बेदार ने कहा कि योग से शरीर निरोग रहता है। बहुत सी जटिल बीमारियों में भी लाभ मिलता है। शारीरिक और मानसिक परेशानियों को दूर करता है। योग श्वसन क्रियाओं को सुचारू बनाता है। योग से रक्त संचार भी सुचारू होता है। ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने में भी सहायक होता है। डायबिटीज, मानसिक तनाव, अपच, जोड़ों में दर्द और कब्ज जैसी बीमारियों में योग से राहत मिलती है। सेमिनार में डॉ. एके श्रीवास्तव, डॉ. संजीव रस्तोगी, डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव और डॉ. आदित्य वर्मा सहित कई आयुर्वेदिक व यूनानी चिकित्सक मौजूद रहे। अध्यक्षता आयुष विभाग के प्रो. हेमंत कुमार राय ने की। ऊर्जा का भंडार :

केजीएमयू सीनियर फीजियोथेरेपिस्ट डॉ. मंसूर अहमद खान के मुताबिक, रनिंग, साइकिलिंग, पुश अप, क्रंचेज, स्पोर्ट्स और योग समेत व्यायाम की हर विधा से इनकी दोस्ती है। पैराग्लाइडिंग, रिवर राफटिंग, हार्स राइडिंग, स्काई डाइविंग, जिप लाइन, स्कूबा डाइविंग और बंजी जंपिंग समेत अन्य एडवेंचर्स स्पोर्ट्स भी इन्हें डराते नहीं हैं। 42 साल की उम्र में ऊर्जा का ऐसा भंडार जो युवा पीढ़ी को भी पीछे छोड़ दे। डॉ. मंसूर बताते हैं, सुबह पाच बजे उठ जाते हैं। तीन दिन साइकिलिंग और तीन दिन रनिंग करते हैं। सौ पुश अप, क्रंचेज और डंबल एक्सरसाइज करते हैं। अनुलोम विलोम और कपालभाति भी करते हैं। शाम को चार से पाच बजे तक स्वीमिंग करते हैं। बताते हैं, घर की बालकनी को मिनी जिम बना रखा है। साथ ही बैडमिंटन, लॉन टेनिस और टेबिल टेनिस आदि खेल चुस्त रहने में सहायक हैं। बाइक से लेह तक के 2600 किमी तक का सफर भी तय किया है। साथ में दोस्तों के साथ लॉन्ग साइकिल ड्राइव और आउटिंग में एडवेंचर्स स्पोर्ट्स पसंद है।

एनसीसी कैडेट व छात्रएं भी जुटीं योगाभ्यास में :

नवयुग कन्या महाविद्यालय, राजेंद्र नगर के एनसीसी विभाग के तत्वावधान में चार दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर शुरू किया गया है। शिविर के पहले दिन सोमवार को बड़ी संख्या में एनसीसी कैडेट और छात्रओं ने योगाभ्यास किया। प्रशिक्षण सुबह 7.30 से 9 बजे तक कॉलेज परिसर में चलेगा। प्रशिक्षण कॉलेज की एनसीसी अधिकारी एवं एसोसिएट प्रोफेसर मेजर डॉ. मनमीत कौर सोढी की देखरेख में दिया जा रहा है। योगाभ्यास में ग्रीवा, स्कन्ध चालन क्त्रियाओं से लेकर भुजंगासन, मकरासन, भद्रासन, वक्त्रासन, त्रिकोण आसन, ताड़ासन, वृक्षासन, पवनमुक्तासन, भ्रामरी, कपालभाति, अनुलोम-विलोम आदि का अभ्यास किया गया। कार्यक्रम संयोजक मेजर डॉ. मनमीत कौर सोढी के अनुसार नियमित रूप से योग का अभ्यास हमारे तन व मन को निरोगी व चुस्त-दुरूस्त रखता है। आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में सेहतमंद रहने के लिए योगाभ्यास जरूरी हैं। शिविर के दौरान 'योग का महत्व' विषय पर पोस्टर व 'योग और स्वास्थ्य' विषय पर व्याख्यान प्रतियोगिता तथा योग से संबंधित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी हुई। विजयी छात्रओं को 21 जून को पुरस्कृत किया जाएगा।

सेना भी कर रही तैयारी :

सेना इस साल भी 21 जून को योग दिवस का आयोजन करेगी। लखनऊ छावनी में 11 गोरखा राइफल्स रेजीमेंटल सेंटर, सेना चिकित्सा कोर एवं कॉलेज और सूर्या खेल परिसर में योगाभ्यास का आयोजन किया जाएगा। छावनी परिषद प्रशासन कस्तूरबा पार्क में योग दिवस आयोजित करेगी। मध्य कमान मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले सात राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा में सेना के रेजीमेंट और ब्रिगेड मुख्यालयों के साथ फार्मेशन सेंटरों पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया जाएगा। - हेल्थ टिप्स : जल्दी सोएं, जल्दी उठें। व्यायाम करें। पौष्टिक नाश्ता लें।

- स्वास्थ्य का मूलमंत्र : शरीर को जितना आराम देंगे यह उतना कष्ट देगा। एक्टिव रहेंगे तो दुरुस्त रहेंगे। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए व्यायाम जरूर करें।

- हेल्थ मंत्र: जितनी देर भी व्यायाम करें उतनी देर कुछ और न सोचें।

- सेहत का मंत्र : मन, शरीर और आत्मा के योग से खुशी मिलती है। योग से विवेक जागरण होता है। फिर हम किसी भी समस्या का सामना आसानी से कर पाते हैं।


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