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वाराणसी के पूर्व मेयर तथा मीरजापुर निवासी कौशलेंद्र फूलपुर से भाजपा प्रत्याशी

भारतीय जनता पार्टी ने इलाहाबाद की फूलपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव में कौशलेंद्र सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया है। वह पार्टी में प्रदेश संगठन में मंत्री और वाराणसी के मेयर रहे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 19 Feb 2018 09:06 PM (IST)Updated: Tue, 20 Feb 2018 09:45 AM (IST)
वाराणसी के पूर्व मेयर तथा मीरजापुर निवासी कौशलेंद्र फूलपुर से भाजपा प्रत्याशी
वाराणसी के पूर्व मेयर तथा मीरजापुर निवासी कौशलेंद्र फूलपुर से भाजपा प्रत्याशी

लखनऊ (जेएनएन)। भारतीय जनता पार्टी ने देश के पहले प्रधानमंत्री रहे पंडित जवाहरलाल नेहरू की सीट रही इलाहाबाद के फूलपुर लोकसभा के उप चुनाव से जाति समीकरण साधने का प्रयास किया है। भाजपा ने यहां से समाजवादी पार्टी के पटेल बिरादरी के प्रत्याशी के जवाब में पटेल बिरादरी का प्रत्याशी उतारा है।

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भारतीय जनता पार्टी ने इलाहाबाद की फूलपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव में कौशलेंद्र सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया है। वह पार्टी में प्रदेश संगठन में मंत्री और दो बार वाराणसी के मेयर रहे हैं। इतना ही नहीं कौशलेंद्र सिंह पटेल मीरजापुरके चुनार के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी पढाई बीएचयू से की है। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कौशलेंद्र सिंह पटेल कई वर्ष से भाजपा के बीजेपी संगठन से जुड़े रहे। 2006 में पार्टी ने उन्हें वाराणसी मेयर प्रत्याशी के तौर पर पेश किया। उन्होंने जीत हासिल की। बिजनेसमैन कौशलेंद्र सिंह ने बीएचयू से कॉमर्स में मास्टर्स डिग्री हासिल की है।

इसी दौरान उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीति में कदम रखा। मध्यमवर्गी किसान कुर्मी परिवार में जन्मे कौशलेंद्र ने युवाओं में अपनी अच्छी पहचान बनाई। 1996 से 98 तक वह एबीवीवी में प्रदेश सहमंत्री रहे। इसके बाद 2000 से 2004 तक वह प्रदेश कोषाध्यक्ष रहे। यहां से वह सीधे बीजेपी के यूथ विंग यानी भारतीय जनता युवा मोर्चा पहुंचे और 2005-2006 में कोषाध्यक्ष चुने गए. तेज तर्रार छवि के नेता कौशलेंद्र सिंह ने इसके बाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति में सदस्य के तौर पर जगह हासिल की।

इसके बाद भाजयुमो के अखिल भारतीय सदस्यता अभियान के प्रभारी बने। इसके बाद कोलकात्ता से कश्मीर तक उन्होंने पार्टी की तिरंगा यात्रा के प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी संभाली। प्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य जब पार्टी के अध्यक्ष बने तो कौशलेंद्र को उनकी टीम में प्रदेश मंत्री के तौर पर जगह मिली। वह भाजपा की ऐतिहासिक परिवर्तन यात्रा के वह प्रभारी बनें। इस दौरान उन्होंने 22 जनपदों में सत्ता परिवर्तन अभियान को धार दी। इस बार के निकाय चुनाव में उन्हें बरेली महानगर का प्रभारी बनाया गया। इस में कौशलेंद्र ने अपने कौशल से पार्टी को विजय दिलाई।

फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में भाजपा ने युवा कौशलेंद्र सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाकर मुकाबला दिलचस्प कर दिया है। कौशलेंद्र पटेल का नाम आगे कर बीजेपी ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। वह पार्टी में युवा चेहरा हैं। भाजपा के इस कदम से युवा नेताओं में उम्मीदें बढ़ी हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में वह भी टिकट के लिए दावेदारी कर सकते हैं। इसके साथ साफ हो गया कि पार्टी परिवारवाद को आगे नहीं बढ़ाने जा रही। फूलपुर की इस सीट पर काफी तेजी से चर्चा थी कि पार्टी केशव मौर्य के परिवार से किसी सदस्य को दावेदार बना सकती है। केशव प्रसाद मौर्य यहां से सांसद थे, उनके इस्तीफे के बाद फूलपुर की सीट पर उपचुनाव हो रहा है।

फूलपुर में जातीय गणित हावी

फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में मुस्लिम, पटेल और कायस्थ बिरादगी के सबसे ज्यादा वोटर हैं। इनके बाद ब्राह्मण और अनुसूचित जाति के मतदाताओं का नंबर आता है। जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां पटेल मतदाता हमेशा से ही निर्णायक भूमिका अदा करते रहे हैं। ऐसे में पटेल मतदाता अगर बंटते हैं तो मुकाबला चौंकाने वाला भी आ सकता है। पटेल के साथ ही साथ मुस्लिम, कायस्थ और ब्राह्मण वोटबैंक का भी इस सीट पर अच्छा रसूख रहा है। यहां पर पटेल वोटरों की संख्या करीब सवा दो लाख है। इनके साथ मुस्लिम, यादव व कायस्थ मतदाता की संख्या भी इसी के आसपास है। यहां पर करीब डेढ़ लाख ब्राह्मण और एक लाख से अधिक अनुसूचित जाति के मतदाता हैं। अब फूलपुर में इलाहाबाद शहर उत्तरी और शहर पश्चिमी विधानसभा सीटें जुडऩे के बाद यहां मुस्लिम, पटेल और कायस्थ बिरादगी के सबसे अधिक वोट हो गए हैं। इसके बाद ब्राह्मण और अनुसूचित जाति वोट हैं।

फूलपुर में यादव के बाद कुर्मी, लोध और कुशवाहा जातियां सबसे अहम हैं। इनमें लोध बीजेपी का परंपरागत वोटर माना जाता है। केशव मौर्य की कुशवाहा जाति में अच्छी पकड़ मानी जाती है। कौशलेंद्र के आने से पार्टी को पटेल वोट बैंक में सेंध लगने की उम्मीद है।

भाजपा के लिए अपना दल सोनेलाल पार्टी से गठबंधन यहां पर लाभ का सौदा है। यहां से सोने लाल पटेल ने भी चुनाव लड़ा था। उन्हें पटेलों का अच्छा समर्थन भी मिला था।

फूलपुर लोकसभा उप चुनाव के लिए कांग्रेस ने जहां मनीष मिश्रा को उतारा है तो समाजवादी पार्टी ने नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया है। इनके जवाब में आज भारतीय जनता पार्टी ने भी पटेल दांव चला है। फूलपुर लोकसभा सीट उप चुनाव पर 11 मार्च को मतदान होगा। इसका परिणाम 14 मार्च को आएगा।


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