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जुझारू नेता की छवि आयी काम, मिला कौशल किशोर को इनाम

जिला भाजपा कार्यकर्ताओं ने कौशल किशोर के आवास पर जाकर जमकर जश्न मनाया।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 05:22 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 08:50 AM (IST)
जुझारू नेता की छवि आयी काम, मिला कौशल किशोर को इनाम
जुझारू नेता की छवि आयी काम, मिला कौशल किशोर को इनाम

लखनऊ (निशांत यादव)। भाजपा इस बार करीब तीस प्रतिशत सांसदों के टिकट काटेगी। यह कयास तेजी से लगाए जा रहे थे। सांसदों के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही उनके टिकट तय हुए। भाजपा ने मोहनलालगंज सीट पर वर्तमान सांसद कौशल किशोर का भी रिपोर्ट कार्ड बनाया। जिसमें उनके कामों और जुझारू नेता के रूप में उनकी छवि के कारण दोबारा कौशल किशोर को चुनाव लडऩे का मौका मिला।

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इस सीट पर पूर्णिमा वर्मा के बाद यह दूसरा मौका है जबकि भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद को दोबारा चुनाव मैदान में उतारा है। इसी के साथ मोहनलालगंज सीट पर प्रत्याशियों को लेकर बड़ी पार्टियों की तस्वीर लगभग साफ हो गई है। कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी पहले ही इस सीट पर तय हो गए हैं।

कौशल किशोर वर्ष 2002 से 2007 तक कम्युनिस्ट पार्टी से मलिहाबाद से विधायक और मुलायम सरकार में मंत्री रहे हैं। वर्ष 2017 के विधान सभा चुनाव से पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सहित कई बड़े नेताओं ने सांसद कौशल किशोर के घर सामूहिक भोज किया था। उसी के बाद उनकी पत्नी जय देवी को मलिहाबाद सीट से विधान सभा चुनाव लडऩे का टिकट मिला। इस समय उनकी पत्नी जय देवी मलिहाबाद की विधायक हैं जो कि मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र में आता है। कौशल किशोर ने भाजपा के टिकट पर वर्ष 2014 के लोकसभा के चुनाव में मोहनलालगंज सीट पर विजय दर्ज की। कौशल किशोर को 40.77 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर आए बसपा के आरके चौधरी को 27.75 प्रतिशत वोट मिले थे।

इसलिए मिला दोबारा मौका

कौशल किशोर को श्रमिकों के हक की लड़ाई करने वाले नेता के रूप में जाना जाता है। यहीं कारण है कि उनको केंद्र सरकार के श्रमिक व रोजगार मंत्रालय की परामर्श दात्री समिति के सदस्य के रूप में शामिल किया गया। माना जा रहा है कि सांसद कौशल किशोर के प्रस्ताव पर मलिहाबाद से  इटौंजा नई रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे कराने की योजना स्वीकृत हुई। सांसद निधि का अधिक उपयोग करने वाले सांसदों में भी उनकी गिनती होती है। ऐशबाग-सीतापुर अमान परिवर्तन में इटौंजा का स्टेशन का दर्जा समाप्त कर उसे हॉल्ट बनाने का निर्णय हुआ। कौशल किशोर के हस्तक्षेप के बाद वापस इस स्टेशन को क्रासिंग स्टेशन बनाने का आदेश रेलवे ने जारी किया।

इससे पहले पूर्णिमा वर्मा को मिले अधिक बार टिकट

कौशल किशोर से पहले केवल पूर्णिमा वर्मा को भाजपा ने दो से अधिक बार टिकट दिया। पूर्णिमा वर्मा 1996 में मोहनलालगंज सीट से जीती थी। हालांकि 1998 और 1999 में उनको लगाता दो बार भाजपा ने टिकट दिया। लेकिन वह सपा की रीना चौधरी से हार गई थी।

साफ होने लगी तस्वीर

कौशल किशोर को भाजपा से दोबारा टिकट मिलने के बाद मोहनलालगंज सीट पर प्रत्याशियों की तस्वीर साफ होने लगी है। सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी के रूप में सीएल वर्मा उम्मीदवार होंगे। जबकि कांग्रेस ने पूर्व सांसद रमाशंकर भार्गव को उम्मीदवार बनाया है। रमाशंकर भार्गव के भाई हरगोविंद भार्गव सीतापुर की सिधौली विधानसभा सीट से बसपा विधायक है। यह सीट मोहनलालगंज लोकसभा क्षेत्र में भी आती है। इस बीच शिवपाल सिंह यादव वाली प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) ने भी गणेश रावत को प्रत्याशी बनाया है।


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