एक मंच पर निपटेंगी कश्मीरियों की समस्याएं, तैयार होगा बेहतर माहौल Lucknow News
शिकायत प्रकोष्ठ दूर करेगा जम्मू कश्मीर व पूर्वोत्तर राज्यों के विद्यार्थियों की शिकायतें। शैक्षिक संस्थानों से ब्योरा जुटाने के बाद बैठक कर प्रदेश सरकार को भेजनी होगी रिपोर्ट।
लखनऊ, जेएनएन। अपने घरों से सैकड़ों किमी दूर शिक्षा हासिल कर रहे कश्मीरी और पूर्वोत्तर राज्यों के छात्र-छात्राओं का ब्योरा जुटाया जा रहा है। ब्योरा मिलने के बाद बातचीत कर उनकी आर्थिक व सुरक्षा संबंधी समस्याओं को दूर किया जाएगा। इसके लिए डीएम अभिषेक प्रकाश की अध्यक्षता में शिकायत प्रकोष्ठ का गठन किया जा चुका है। हर महीने कश्मीरी व पूर्वोत्तर राज्यों के छात्रों के साथ बैठक करने के बाद प्रकोष्ठ न केवल उन छात्र-छात्राओं की समस्याओं को दूर करेगा, बल्कि सरकार को रिपोर्ट भेज उनकी स्थिति से अवगत भी कराएगा।
शहर में रहकर शिक्षा हासिल कर रहे जम्मू कश्मीर, असम, मेघालय, मणिपुर, सिक्किम, त्रिपुरा, नागालैंड, मिजोरम व अरुणांचल प्रदेश के छात्रों को शहर में बेहतर माहौल देने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में शिकायत प्रकोष्ठ गठित करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद डीएम की अध्यक्षता में प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। यह प्रकोष्ठ शहर में रह रहे ऐसे छात्रों से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को दूर करेगा। शहर के शैक्षिक संस्थानों से कश्मीरी व पूवोत्तर के छात्रों का ब्योरा जमा किया जा रहा है। दरअसल, कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करने व नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद बदलते हालात को देखते हुए सरकार से यह फैसला किया है, ताकि कश्मीरी व पूवोत्तर राज्यों के लोगों को बेहतर माहौल दिया जा सके।
प्रकोष्ठ के कार्य
- प्रत्येक माह बैठक करना
- तीन दिन में शासन को रिपोर्ट भेजना
- विवरण पंजिका तैयार करना
- कार्यवाही की कार्यवृत्त जारी करना
- सुरक्षा मुहैया कराना
डीएम प्रकोष्ठ के अध्यक्ष
डीएम की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। शिकायत प्रकोष्ठ में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, उपजिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, जिला विद्यालय निरीक्षक, क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी व जिला समाज कल्याण अधिकारी को सदस्य बनाया गया है, जबकि जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सदस्य सचिव है।
क्या कहते हैं अधिकारी ?
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बालेंदु कुमार द्विवेदी के मुताबिक, शिकायत प्रकोष्ठ शहर के शैक्षिक संस्थानों से कश्मीरी व पूर्वोत्तर के राज्यों से पढऩे आए छात्र-छात्राओं का ब्योरा मांगा गया है। ब्योरा मिलने के बाद बातचीत कर उनकी समस्याओं को दूर कराया जाएगा। ताकि, उनको शहर में बेहतर माहौल मिल सके।