Move to Jagran APP

कानपुर बालिका गृह केस में योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, DPO व संवासिनी गृह की अधीक्षिका निलंबित

Kanpur Shelter Home Case योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी अजीत कुमार और संवासिनी गृह की अधीक्षिका मिथलेश पाल को सस्पेंड कर दिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 07:09 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 08:42 PM (IST)
कानपुर बालिका गृह केस में योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, DPO व संवासिनी गृह की अधीक्षिका निलंबित
कानपुर बालिका गृह केस में योगी सरकार की बड़ी कार्रवाई, DPO व संवासिनी गृह की अधीक्षिका निलंबित

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित राजकीय बालिका गृह केस में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी अजीत कुमार और संवासिनी गृह की अधीक्षिका मिथलेश पाल को सस्पेंड कर दिया है। शेल्टर होम मामले में लापरवाही बरतने पर डीपीओ के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। अनियमितताओं के आरोप में राजकीय बालिका गृह की अधीक्षिका मिथलेश पाल को भी निलंबित किया गया है। निलंबन की अवधि में दोनों को महिला कल्याण निदेशालय लखनऊ से संबद्ध किया गया है। 

loksabha election banner

कानपुर स्थित राजकीय बालिका गृह केस में उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर के जिला प्रोबेशन अधिकारी को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में असफल रहने और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही गलत सूचना का मुकाबला नहीं करने के लिए निलंबित कर दिया है। पिछले दिनों कानपुर में स्वरूपनगर स्थित संवासिनी गृह में 57 संवासिनियां कोरोना संक्रमित और इनमें पांच संवासिनियां गर्भवती पाई गई थीं। इसको लेकर प्रमुख विपक्षी दलों ने भी सरकार को घेरा था। इस मामले में योगी सरकार ने शुक्रवार को कानपुर के जिला प्रोबेशन अधिकारी अजीत कुमार व अधीक्षिका मिथिलेश पाल को निलंबित कर दिया।

निदेशक महिला कल्याण मनोज कुमार राय ने बताया की प्रारंभिक जांच में दोनों अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है, इसलिए दोनों अधिकारियों को निलंबित किया गया है। जल्द ही इन्हेंं आरोप पत्र देकर जवाब मांगा जाएगा। जवाब आने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि राजकीय बाल संरक्षण गृह कानपुर की सात गर्भवती किशोरियों में पांच कोरोना संक्रमित हैं। इन्हें आगरा, एटा, कन्नौज, फीरोजाबाद व कानपुर के बाल कल्याण समिति से संदर्भित कर रखा गया है। सभी यहां आने से पूर्व गर्भवती थीं। दो को हैलट को और तीन को रामा मेडिकल कॉलेज के कोविड अस्पताल में रखा गया है। हैलट में भर्ती एक को आठ माह और दूसरी को साढ़े आठ माह का गर्भ है। यहां जांच में एक एचआईवी संक्रमित पाई गई है, जबकि दूसरी को हेपेटाइटिस सी का संक्रमण है। 

बता दें कि कानपुर के स्वारूपनगर स्थित बालगृह (बालिका) में 171 बालिकाएं निरुद्ध हैं। इनमें से 63 नाबालिग बालिकाएं पॉक्सो एक्ट के तहत निरुद्ध हैं, जिन्हें पॉक्सो एक्ट के तहत कानपुर, एटा, आगरा, कन्नौज और फीरोजाबाद की बाल कल्याण समितियों ने विधिक रूप से जेजे एक्ट- 2015 और पॉक्सो एक्ट- 2012 के तहत विधिक कार्रवाई करते हुए सुरक्षा व संरक्षण के लिए बालगृह कानपुर में भेजा है।

महिला आयोग ने डीएम को भेजा नोटिस : राष्ट्रीय महिला आयोग ने आरटीआइ एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर द्वारा कानपुर संवासिनी केस में की गयी शिकायत का संज्ञान लेते हुए कानपुर के डीएम को नोटिस दिया है। आयोग की सदस्य कमलेश गौतम द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि शिकायत में महिलाओं के अधिकार व गरिमामय जीवन के अधिकार के हनन की शिकायत है। आयोग ने डीएम कानपुर को इस मामले में विधिसम्मत कार्रवाई करते हुए आयोग को 30 दिनों में अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। नूतन ने अपनी शिकायत में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान रिट याचिका संख्या 4/2020 में अपने अत्यंत विस्तृत आदेश दिनांक तीन अप्रैल 2020 में कोविड काल में बाल संरक्षण गृहों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। लेकिन, कानपुर संवासिनी गृह में इनका पालन नहीं किया गया। इस गृह की अधिकतम क्षमता 100 है, जबकि वहां 171 बालिकाएं रह रही थीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.