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Kanpur Kidnapping Case : कानपुर के संजीत यादव अपहरण व हत्या की होगी सीबीआइ जांच

Kanpur Kidnapping and Murder Case सीएम योगी आदित्यनाथ ने संजीत यादव के परिवारीजन के अनुरोध पर सीबीआइ जांच की सिफारिश कर दी है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 11:06 AM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 06:46 PM (IST)
Kanpur Kidnapping Case : कानपुर के संजीत यादव अपहरण व हत्या की होगी सीबीआइ जांच
Kanpur Kidnapping Case : कानपुर के संजीत यादव अपहरण व हत्या की होगी सीबीआइ जांच

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर में लैब टेक्नीशियन संजीत यादव की अपहरण के बाद हत्या की घटना की सीबीआइ जांच कराने का निर्देश दिया है। योगी सरकार ने संजीत यादव के परिवारीजन की मांग पर यह फैसला किया है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि सीअीआइ जांच की सिफारिश का औपचारिक पत्र केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है। संजीत के परिवारीजन को भी इसकी जानकारी दे दी गई है। माना जा रहा है कि सीबीआइ जांच में कई पुलिस अधिकारियों व कर्मियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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कानपुर के बर्रा से लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण व हत्या मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई करते हुए तत्कालीन एएसपी अपर्णा गुप्ता तथा सीओ बर्रा मनोज गुप्ता समेत दस पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। संजीत यादव के अपहणकर्ताओं ने 26 जून को उसकी हत्या कर लाश पांडु नदी में फेंक दी थी। इसके बाद पुलिस को चकमा देकर 13 जुलाई को 30 लाख की फिरौती भी वसूल ली थी।

गौरतलब है कि कानपुर बर्रा पांच निवासी चमन सिंह यादव के इकलौते 28 वर्षीय बेटे संजीत यादव का 22 जून की शाम को अपहरण हो गया था। दूसरे दिन परिवार के लोगों ने पूर्व थाना प्रभारी रणजीत राय को बेटे के लापता होने की तहरीर दी थी। इसके बाद भी पुलिस हाथ पर हाथ रखे बैठी रही। इसके बाद 29 जून की शाम से अपहर्ताओं ने पिता को फोन कर 30 लाख की फिरौती मांगनी शुरू कर दी। 13 जुलाई की रात पुलिस ने फिरौती की रकम लेकर परिवार के लोगों को भेजा। इसके बाद अपहर्ता गुजैनी पुल से फिरौती की रकम लेकर फरार हो गए और पुलिस देखती रह गई।

जांच भी उलझी

संजीत यादव के अपहरण तथा हत्या के केस की जांच ज्यों ज्यों आगे बढ़ रही है, उलझाऊ बयान सामने आ रहे हैं। इस मामले के तीन हत्यारोपी ज्ञानेंद्र यादव, कुलदीप गोस्वामी और नीलू सिंह 48 घंटे की पुलिस कस्टडी में है। पूछताछ में यह तीनों बार-बार अपना बयान बदल रहे हैं। संजीत यादव के अपहरण व हत्या का एक आरोपी रामजी शुक्ला कोरोना पॉजिटिव है। उससे 14 दिन बाद पूछताछ की जाएगी।

पुलिस को जांच में पता चला है कि संजीत यादव का अपहरण करने से पहले ही शातिरों ने पुलिस से बचने के लिए तीन सिम खरीदे थे। एक ही फर्जी आईडी पर तीन सिम खरीदे गए। मुख्य आरोपी कुलदीप गोस्वामी ने ही फर्जी आईडी पर लिए गए सिम के नंबर से 22 जून की रात संजीत को फोन कर मौज-मस्ती का लालच देकर बुलाया था। इसके बाद संजीत को किराये के मकान में बंधक बनाकर रखा गया। संजीत की कॉल डिटेल से मिले नंबर और परिजनों के फोन पर आने वाली फिरौती की कॉल से यह पता चला है।


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