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Kamlesh Tiwari Murder case: कमलेश तिवारी के हत्‍यारे अशफाक के हाथ में चाकू और मोइनुद्दीन की उंगली में लगी थी गोली Lucknow News

बरेली में मरहम पट्टी खरीद खुद ही किया था इलाज। मौलाना के घर में तीन घंटे तक थे मौजूद मदरसे में ली थी शरण।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 08:33 PM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 07:13 AM (IST)
Kamlesh Tiwari Murder case: कमलेश तिवारी के हत्‍यारे अशफाक के हाथ में चाकू और मोइनुद्दीन की उंगली में लगी थी गोली Lucknow News
Kamlesh Tiwari Murder case: कमलेश तिवारी के हत्‍यारे अशफाक के हाथ में चाकू और मोइनुद्दीन की उंगली में लगी थी गोली Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। कमलेश तिवारी हत्याकांड में दोनों हत्यारों के पकड़े जाने के बाद कई बातें उजागर होने लगी हैं। गुजरात गई टीम ने जब आरोपितों से पूछताछ की तो पता चला कि हत्या की वारदात को अंजाम देने के दौरान मोइनुद्दीन की उंगली में गोली लगी थी। वहीं अशफाक चाकू लगने से घायल हो गया था। 

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छानबीन में सामने आया है कि मोइनुद्दीन ने ही कमलेश को गोली मारी थी। गोली चलाने के दौरान असलहे की नाल के सामने उसकी उंगली आ गई थी। इससे गोली उंगली को चीरते हुए कमलेश के जबड़े में जा लगी। घायल होने के बावजूद मोइनुद्दीन ने दोबारा गोली चलाई थी, जो चैंबर में ही फंसी रह गई थी। उधर, गोली लगने के बाद कमलेश ने अपनी जान बचाने के लिए विरोध किया था, जिसपर अशफाक ने चाकू से उनके गले पर कई वार कर दिए थे।

हालांकि विरोध के दौरान अशफाक के हाथ में चाकू का वार लग गया था और वह भी चोटिल हो गया था। दोनों आरोपित होटल से निकलने के बाद सीधे बरेली भागकर गए थे। यहां दोनों ने बरेली के प्रेमनगर निवासी मौलाना कैफी अली से संपर्क किया था। इस दौरान करीब तीन घंटे तक दोनों हत्यारे मौलाना के घर में रुके थे। यही नहीं मेडिकल स्टोर से मरहम पट्टी खरीदकर अशफाक ने खुद अपना और मोइनुद्दीन का इलाज किया था। पुलिस के मुताबिक अशफाक एक निजी कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव है, जिसके कारण उसे दवाओं की जानकारी थी।

मौलाना से कराएंगे सामना

पुलिस सूत्रों का कहना है कि मौलाना कैफी अली ने ही दोनों को बरेली के किला क्षेत्र स्थित एक मदरसे में रुकने की व्यवस्था कराई थी। पुलिस ने अभी तक मौलाना कैफी अली को गिरफ्तार नहीं किया है। उच्चाधिकारियों का कहना है कि दोनों हत्यारोपितों से मौलाना का आमना सामना कराया जाएगा, इसके बाद यह स्पष्ट हो सकेगा कि मौलाना की भूमिका हत्या की साजिश में थी या नहीं। बताया जा रहा है कि मौलाना कैफी अली हत्या की साजिश में नहीं पाए जाते हैं तो उन्हें हत्यारों को पनाह देने के आरोप में गिरफ्तार किया जा सकता है।


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