Kamlesh Tiwari Murder Case : हत्यारोपितों की मदद करने के मामले में एक और गिरफ्तार, अब तक तीन
बरेली एटीएस ने कमलेश तिवारी के हत्यारोपित के मददगार वकील नावेद के तीसरे साथी कामरान को गुरुवार तड़के गिरफ्तार किया है।
लखनऊ, जेएनएन। हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की लखनऊ में हत्या के मामले में हत्यारोपित के की मदद करने वालों की गिरफ्तारी जारी है। बरेली एटीएस ने कमलेश तिवारी के हत्यारोपित के मददगार वकील नावेद के तीसरे साथी कामरान को गुरुवार तड़के गिरफ्तार किया है। कमलेश तिवारी के हत्यारोपितों के सबसे बड़े मददगार वकील का तीसरा साथी भी गिरफ्तार हो गया है।
कामरान ने हत्यारोपितों की नेपाल पहुंचाने में मदद की थी। कामरान कमलेश तिवारी के हत्यारोपितों की मदद करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के वकील नावेद का बेहद करीबी है। कामरान और नावेद ने ही अपनी कार से दोनों हत्यारोपितों को नेपाल तक पहुंचाया था। हत्यारोपितों की मदद करने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के वकील नावेद के दो साथियों को पहले ही गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों में रईस और आसिफ हैं। रईस व आसिफ ने दोनों हत्यारोपितों को शाहजहांपुर में मदद पहुंचाई थी। बताया जा रहा है कि बरेली से गिरफ्तार कामरान ने ही अशफाक का मोबाइल ट्रेन में रखा था। इस तरह से चलती ट्रेन में अशफाक के मोबाइल की लोकेशन से उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम भ्रमित हुई थी। यह मोबाइल अंबाला में हुआ ऑन तो जांच में लगी पुलिस को लगा कि दोनों हत्यारोपित पंजाब पहुंच गए हैं। बरेली में कमलेश तिवारी के हत्यारों के मददगारों की लगातार गिरफ्तारी चल रही है। बरेली में क्राइम टीम के साथ ही एसटीएफ व एटीएस लगातार सक्रिय है।
पुलिस मामले में गिरफ्तार हत्या के आरोपी शेख अशफाक हुसैन और पठान मोइनुद्दीन अहमद से पूछताछ कर चुकी है। बीते हफ्ते ही दोनों को गुजरात से ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया गया था। पिछले हफ्ते ही बरेली के दरगाह आला हजरत के मौलाना सैय्यद कैफी अली की गिरफ्तारी के बाद लॉ स्टूडेंट और पेशे से वकील मोहम्मद नावेद को यूपी पुलिस और एटीएस ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
हत्या के इन दोनों आरोपियों से बरेली से गिरफ्तार नावेद का सामना कराया गया। इस दौरान हत्यारोपियों और नावेद के बयानों को क्रॉस चेक भी किया गया। नावेद पर हत्यारोपियों को नेपाल पहुंचाने का आरोप है। उस पर नागपुर से आसिम की गिरफ्तारी के बाद इन दोनों को नेपाल से शाहजहांपुर लाने का आरोप है।
नावेद व मौलाना दोनों पर ही हत्या के आरोपी शेख अशफाक हुसैन और पठान मोईनुद्दीन अहमद को पनाह देने व इलाज करवाने में मदद का आरोप है। आरोप है कि कमलेश तिवारी की हत्या के बाद फरार हुए दोनों आरोपियों को मौलाना कैफी की ओर से मदद मुहैया कराई गई। मदद के तहत कैफी ने दोनों को शरण भी दी। नावेद पर आरोप है कि उसने मौलाना कैफी के निर्देश पर दोनों को बरेली में रुकवाया उसके बाद नेपाल बॉर्डर तक पहुंचने में मदद की थी। पूछताछ के दौरान ही कामरान का नाम सामने आया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया है। पता चला है कि हत्या आरोपियों को कामरान ही नेपाल लेकर गया था।
होटल मालिक को तलाश रही है पुलिस
दोनों हत्यारोपित शुक्रवार रात में बरेली के ही एक होटल में रुके थे। वहां ठहराने का इंतजाम भी नावेद ने कराया था। पुलिस का कहना है कि आरोपित मलूकपुर के कादिरी होटल में रुके थे। होटल में नीचे रेस्टोरेंट और ऊपर ठहरने की व्यवस्था है। मददगार के तौर पर होटल मालिक का नाम भी लिया जा रहा। पुलिस उसे तलाश कर रही।
बरेली पुलिस ने वाहन का इंतजाम कर भेजा लखनऊ
हाई प्रोफाइल हत्याकांड के मामले में लखनऊ पुलिस जिस तरीके से काम कर रही है। उससे बरेली पुलिस भी अचंभित रह गई। कामरान को पकडऩे व लखनऊ ले जाने के लिए सिर्फ दो ही पुलिसकर्मी आए थे। उनके पास कोई वाहन तक नहीं था। गिरफ्तारी के बाद बरेली पुलिस ने वाहन का इंतजाम कर कामरान को लखनऊ के लिए रवाना किया।
अशफाक के परिवार के लोगों को दो वर्ष पहले ही पता थी योजना
हिंदू समाज पार्टी के कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में पता चला है कि हत्या के एक आरोपी अशफाक के परिवारवालों को 2017 से ही इस हत्याकांड की भनक थी। अशफाक ने 2017 में ही कमलेश की हत्या का पूरा प्लान बना लिया थ। तब यह मामला इसलिए रुक गया क्योंकि अशफाक की पत्नी और परिवारवालों को इस बात की खबर लग गई थी। अशफाक तब ही एक युवक के साथ हत्या के लिए लखनऊ के लिए आने वाला था. मगर पत्नी ने कसमें खिलाकर उसे शांत करवा दिया था।
लखनऊ के खुर्शेदबाग इलाके में हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर को हत्या कर दी गई थी। इस मामले में गुजरात एटीएस ने तीन लोगों मौलाना मोहसिन शेख सलीम, रशीद अहमद पठान और फैजान को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में हत्या करने वालों के नाम सूरत के ही रहने वाले अशफाक और मोइनुद्दीन के नाम सामने आए थे। गुजरात एटीएस ने 22 अक्टूबर को दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। अशफाक ने 2016 से ही कमलेश की हत्या की साजिश रचना शुरू कर दी थी। उसने सूरत के ही रहने वाले युवक मुदस्सिर को कमलेश की हत्या के लिए तैयार कर लिया था। दोनों कमलेश की हत्या के लिए 2017 में लखनऊ आने वाले थे, लेकिन अशफाक की पत्नी को इस बारे में पता चल गया था। 2017 में अशफाक पीलीभीत में अपने गांव गया. यहीं से लौटते वक्त वह लखनऊ होते हुए गया था, लेकिन उसने कमलेश से मिलने का प्रयास नहीं किया।