कमलेश तिवारी के हत्यारों का मददगार मौलाना कैफी अली रिजवी रिहा, कोर्ट से मिली जमानत
हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी के हत्यारों की मदद और संरक्षण देने के आरोपित बरेली के मौलाना कैफी अली रिजवी को जमानत मिल गई है।
लखनऊ, जेएनएन। हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी के हत्यारों की मदद और संरक्षण देने के आरोपित बरेली के मौलाना कैफी अली रिजवी को जमानत मिल गई है। रिजवी की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुदेश कुमार ने 20-20 हजार रुपये की दो जमानतें एवं निजी मुचलका दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया है।
अदालत के समक्ष अभियुक्त मौलाना कैफी अली रिजवी की ओर से तर्क प्रस्तुत कर कहा गया कि उसे जिस अपराध में गिरफ्तार किया गया है, वह सभी जमानती हैं। लिहाजा जमानत पर उसे रिहा किया जाए। आरोपित मौलाना कैफी अली रिजवी पर आरोप है कि उसने 18 अक्टूबर, 2019 को कमलेश तिवारी की हत्या किए जाने के बाद हत्यारों को घर में शरण दी और उन्हें आर्थिक मदद के साथ इलाज भी कराया था।
पुलिस को विवेचना में पता चला था कि गुजरात के रहने वाले अशफाक एवं मोइनद्दीन कमलेश तिवारी की हत्या के मौलाना कैफी अली रिजवी के घर रुके थे। जहां पर मौलाना ने उनकी मदद करने के साथ-साथ इलाज भी कराया था। मामले की जांच कर रही एसआइटी ने साक्ष्य के आधार पर मौलाना को 22 अक्टूबर को बरेली से गिरफ्तार किया था। इस मामले में साजिशकर्ता सहित आधा दर्जन आरोपित जेल में हैं।
कमलेश तिवारी की हत्या के मामले में पुलिस ने हत्यारोपी मोईनुद्दीन व अशफाक के मददगार बरेली के प्रेमनगर निवासी मौलाना कैफी अली को गिरफ्तार किया था। दोनों हत्यारोपितों से कैफी अली का सामना कराने के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की थी। दोनों हत्यारोपितों ने घटना के बाद मौलाना कैफी अली से संपर्क किया था और बरेली जाकर उनसे मुलाकात भी की थी। मौलाना कैफी अली ने हत्यारोपितों को शरण देने के साथ ही उनका इलाज भी कराया था।