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सरकारों के लिए हमेशा चुनौती बने रहे कमलेश तिवारी, एक वर्ष से अधिक जेल में रहे

हिंदू महासभा के नेता के रूप में कमलेश तिवारी की राजनीतिक सक्रियता बढ़ी लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने हिंदू समाज पार्टी नाम से राजनीतिक संगठन बना लिया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 08:52 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 08:58 PM (IST)
सरकारों के लिए हमेशा चुनौती बने रहे कमलेश तिवारी, एक वर्ष से अधिक जेल में रहे
सरकारों के लिए हमेशा चुनौती बने रहे कमलेश तिवारी, एक वर्ष से अधिक जेल में रहे

लखनऊ, जेएनएन। भगवा लिबास में आये हत्यारों की गोली और चाकू का शिकार हुए हिंदूवादी संगठन के नेता कमलेश तिवारी की हत्या ने सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की पेशानी पर बल ला दिया है। तिवारी की हत्या ऐसे संवेदनशील वक्त में हुई है जब राजधानी समेत 11 विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव चल रहा है और प्रदेश धनतेरस, दीपावली और छठ जैसे त्योहारों की अगवानी के लिए तैयार बैठा है। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आने वाला है।

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आक्रामक बयानों के चलते लखनऊ निवासी कमलेश तिवारी की अलग पहचान बन गई थी। सपा के एक प्रभावशाली नेता ने आरएसएस पर विवादित टिप्पणी की तो नवंबर 2015 में जवाब में उन्होंने पैगंबर हजरत मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। इसके विरोध में देश भर में एक वर्ग की आवाज गूंजने लगी। तिवारी को न केवल जेल भेजा गया बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) में भी वह निरुद्ध किए गए। भाजपा सरकार बनने के डेढ़ माह बाद ही कमलेश ने राम मंदिर निर्माण के लिए संकल्प मार्च निकालने का एलान किया तो फिर उन्हें समर्थकों समेत गिरफ्तार किया गया। वह सरकारों के लिए हमेशा चुनौती बने रहे।

हिंदू महासभा के नेता के रूप में कमलेश तिवारी की राजनीतिक सक्रियता बढ़ी, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने हिंदू समाज पार्टी नाम से राजनीतिक संगठन बना लिया। उनके समर्थन में कुछ हिंदू संगठन भी आगे आये। जब उन पर रासुका लगाया गया तो बिजनौर के उलमा ने कमलेश तिवारी का सिर कलम करने का फतवा जारी कर दिया। इसके बाद उनके संगठन ने प्रदर्शन किया। उनके समर्थक रासुका हटाये जाने की मांग भी करते थे। तिवारी को उन्नाव जेल भेजा गया था। उन्हें स्थानीय अदालत से जमानत मिल गई थी, लेकिन रासुका होने की वजह से रिहा नहीं हो पा रहे थे।

गिरफ्तारी के करीब एक वर्ष बाद अक्टूबर 2016 में कमलेश तिवारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राहत दी और रासुका से मुक्त कर दिया। तब एक बार फिर वर्ग विशेष ने कमलेश तिवारी के खिलाफ प्रदेश व्यापी प्रदर्शन किया। रिहा होने के बाद कमलेश ने राम मंदिर निर्माण के लिए आंदोलन शुरू किया। अक्टूबर 2017 में गुजरात एटीएस के हत्थे आइएसआइएस के दो गुर्गे चढ़े तो उन दोनों ने भी कमलेश को निशाना बनाने की बात मानी थी। कमलेश को अपनी हत्या का अंदेशा हो चुका था। उन्होंने ट्वीट कर इसकी आशंका जताई थी।

कमलेश तिवारी की लखनऊ में हुई हत्या

भगवा वस्त्र पहने दो युवकों ने शुक्रवार को हिंदू महासभा के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष व हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की लखनऊ में खुर्शेदबाग स्थित उनके घर में गला रेतकर और गोली माकर हत्या कर दी और फरार हो गए। हत्यारे मिठाई के डिब्बे में चाकू और पिस्टल लेकर आए थे। मिठाई का डिब्बा सूरत का था। माना जा रहा है कि आइएसआइएस मॉडयूल ने इस घटना को अंजाम दिया है।


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