उपकरणों की खरीद में हेराफेरी के मामले में कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो शालीन कुमार की छुट्टी
Misappropriation in purchase of equipment लखनऊ के कल्याण सिंह कैंसर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर शालीन कुमार पर करोना काल के दौरान उपकरणों की खरीद में हेराफेरी के आरोप लगे थे। उन्होंने उपकरणों की खरीद में शासकीय नियमों की अनदेखी की थी।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल के दौरान कल्याण सिंह कैंसर संस्थान, चक गजरिया में बने कोविड अस्पताल में उपकरणों की खरीद में अनियमितता के मामले में चिकित्सा शिक्षा विभाग में बड़ा एक्शन लिया है। यह मामला सीएम योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आने के बाद निदेशक प्रोफेसर शालीन कुमार को पद मुक्त कर दिया गया है। अब कैंसर संस्थान का अतिरिक्त चार्ज एसजीपीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान को सौंपा गया है।
लखनऊ के कल्याण सिंह कैंसर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर शालीन कुमार पर करोना काल के दौरान उपकरणों की खरीद में हेराफेरी के आरोप लगे थे। उन्होंने उपकरणों की खरीद में शासकीय नियमों की अनदेखी की थी। शासन के निर्देश पर 16 जून को महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई। कमेटी की जांच रिपोर्ट में भी कई नियमों की अनदेखी करने का मामला सही पाया। इसके बाद 30 जुलाई को कमेटी ने जांच आख्या प्रस्तुत की। कमेटी ने बताया कि कोविड-19 से जुड़े उपकरणों की खरीद के दौरान शासकीय नियमों की अनदेखी की गई है। इस पर संस्थान के निदेशक शालीन कुमार को सप्ताह भर में अपना जवाब देने के लिए कहा गया।
शासन उनके जवाब से भी संतुष्ट नहीं हुआ और गुरुवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने उन्हेंं निदेशक पद से मुक्त कर दिया गया है। अब वह लखनऊ में अपनी मूल तैनाती एसजीपीजीआई के रेडियोडायग्नोसिस विभाग में प्रोफेसर के तौर पर कार्य करेंगे। नए निदेशक की तैनाती होने तक के लिए कैंसर संस्थान का चार्ज एसजीपीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान को सौंपा गया।