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Jitin Prasada Joins BJP: बैंक की नौकरी छोड़ की थी राजनीतिक की शुरुआत, जानें- अब तक का सफर

Jitin Prasada Join BJP कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद बुधवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। बेदाग छवि और उत्तर प्रदेश की राजनीति में दबदबा रखने वाले जितिन प्रसाद एक बड़ा ब्राह्मण चेहरा भी हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 02:51 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 05:30 PM (IST)
Jitin Prasada Joins BJP: बैंक की नौकरी छोड़ की थी राजनीतिक की शुरुआत, जानें- अब तक का सफर
जितिन प्रसाद ने बैंक की नौकरी छोड़ कर राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी।

लखनऊ, जेएनएन। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद बुधवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। बेदाग छवि और उत्तर प्रदेश की राजनीति में दबदबा रखने वाले जितिन प्रसाद एक बड़ा ब्राह्मण चेहरा भी हैं। यूपी की राजनीति उनका यह कदम उथल-पुथल लाने वाली घटना के साथ कांग्रेस के लिए बड़ा झटका भी है। यूपी के शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस के युवा चेहरे जितिन ने दो बार लोकसभा चुनाव जीत कर मनमोहन सिंह की कैबिनेट में मानव संसाधन विकास मंत्रालय और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय में राज्यमंत्री का दायित्व संभाला। राजनीतिक जानकारों के अनुसार उनको उत्तर प्रदेश की धौरहरा सीट से भाजपा चुनाव लड़ा सकती है।

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जितिन प्रसाद का जन्म 29 नवंबर, 1973 को यूपी के शाहजहांपुर में हुआ। उन्होंने अपनी पढ़ाई देहरादून के दून स्कूल से की और फिर दिल्ली चले गए। श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बीकॉम ऑनर्स किया। बीकॉम करने के बाद उन्होंने आइएमआइ नई दिल्ली से एमबीए किया। इसके बाद जितिन बैंक में नौकरी करने लगे। उनके राजनीति सफर की शुरुआत 2001 में भारतीय युवा कांग्रेस के सेक्रेटरी के रूप मे हुई थी। वह लोकसभा चुनाव 2004 में अपने गृह जनपद शाहजहांपुर से पहली बार सांसद चुने गए। यूपी की राजनीति में दबदबा के चलते वर्ष 2008 में उनको मनमोहन सिंह सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया। जितिन प्रसाद की जीत का सिलसिला जारी रहा और 2009 के आम चुनाव में वह धौरहरा सीट से सांसद चुने गए। इनाम के तौर पर कांग्रेस ने उनको एक बार फिर केंद्र में मंत्री पद से नवाजा और वह 2009 से 2011 तक सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री रहे।

मनमोहन सिंह सरकार में उनको 2011-12 में पेट्रोलियम मंत्रालय की भी जिम्मेदारी दी गई। 2012 से 14 में वह मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री भी रहे। जितिन प्रसाद कांग्रेस के उन नेताओं में से एक हैं, जिनको कांग्रेस आलाकमान और राहुल-प्रियंका का बेहद करीबी माना जाता रहा है। मध्य प्रदेश के दिग्गज कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के समय भी उनका नाम काफी उछला था। उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों के हितों की रक्षा के लिए उन्होंने अपने संरक्षण में 'ब्राह्मण चेतना परिषद' बयाया है। इसके जरिए उन्होंने ब्राह्मणों को जोड़ने का अभि‍यान शुरू किया है।

जितिन प्रसाद के परिवार का कांग्रेस और देश की राजनीति से पुराना नाता रहा है। उनके पिता जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस के पुराने नेता रहे। पिता जितेंद्र प्रसाद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के राजनीतिक सचिव रहे। सोनिया गांधी के खिलाफ संगठन का चुनाव लड़े। जितेंद्र प्रसाद यूपी कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। जितिन के दादा ज्योति प्रसाद भी कांग्रेस के नेता थे और उनकी दादी पामेला प्रसाद कपूरथला के रॉयल सिख परिवार से थीं। फरवरी 2010 में जितिन प्रसाद ने पूर्व पत्रकार नेहा सेठ से शादी की है।

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