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सीतापुर में बोले जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी, प्राचीन सनातन धर्म ही मूल, यहां आकर बढ़ा गौरव

जितेंद्र नारायण त्यागी बुधवार को खैराबाद पहुंचे। भुइयां ताली तीर्थ पर जितेंद्र नारायण त्यागी का कार्यक्रम आयोजक कमाल सराय उदासीन आश्रम के प्रबंधक बजरंग मुनि ने अभिनंदन किया और पगड़ी पहनाई। स्वागत से अभिभूत जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा बहुत विचार करने के बाद सनातन धर्म को अपनाया।

By Vikas MishraEdited By: Published: Wed, 15 Dec 2021 06:35 PM (IST)Updated: Wed, 15 Dec 2021 06:35 PM (IST)
सीतापुर में बोले जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी, प्राचीन सनातन धर्म ही मूल, यहां आकर बढ़ा गौरव
जितेंद्र नारायण त्यागी बोले, सनातन धर्म में आने के बाद जो सम्मान मिला है, उससे गदगद हूं।

सीतापुर, संवाद सूत्र। जितेंद्र नारायण त्यागी (पहले वसीम रिजवी) बुधवार को खैराबाद पहुंचे। भुइयां ताली तीर्थ पर जितेंद्र नारायण त्यागी का कार्यक्रम आयोजक कमाल सराय उदासीन आश्रम के प्रबंधक बजरंग मुनि ने अभिनंदन किया और पगड़ी पहनाई। स्वागत से अभिभूत जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा बहुत विचार करने के बाद सनातन धर्म को अपनाया। सनातन धर्म सबसे प्राचीन धर्म है, यही मूल है। यहां आकर हमारा व परिवार का गौरव बढ़ा है। डासना मंदिर में महंत नरसिंहानंद महराज ने साधु, संतों के साथ रीति रिवाज से सनातन धर्म में शामिल किया। मुझे अद्भुत ऊर्जा का अहसास हो रहा था।

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सनातन धर्म में आने के बाद जो सम्मान मिला है, उसकी शब्दों में प्रशंसा नहीं की जा सकती। महादेव की ऐसी शक्ति है जो आप के अंदर ऊर्जा पैदा करती है। उन्होंने हर-हर महादेव के जयकारे भी लगाए। उन्होंने कहा अयोध्या में रामजन्म भूमि को लेकर बड़ा विवाद था, उसे भाईचारे के साथ हल करने पर मैंने बहुत जोर दिया। बैठक में मैंने कहा ऐसे मुकदमे लड़ने से कोई फायदा नहीं। मुगलों ने हिंदुओं की संस्कृति को बरबाद करने के लिए मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाई। हमें हिंदू भाइयों से झगड़ा नहीं करना चाहिए। मुझसे लोग सहमत नहीं हुए। वहां हमारी बात सुनी नहीं गई। सनातन हिंदू धर्म जीवन जीने की राह बताता है, प्रेम करना सिखाता है। वहीं इस्लाम इसके विपरीत लड़ने की शिक्षा देता है।

वहां अधर्म की शिक्षा दी जाती है। मुझे इस्लाम में अपनी बात कहने का हक नहीं मिला। हम हिंदुस्तान को बचाना चाहते हैं। सनातन धर्म की संस्कृति को संरक्षित करना चाहते हैं। हम ऐसी विचारधारा से बाहर आए हैं जो लड़ना सिखाती है। तीन हजार ऐसी मस्जिदें हैं, जिनको तोड़कर मंदिर बनाए गए। हमें सभी को फिर हासिल करना है, सब लेनी हैं। अगर छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा न होता तो आज यह सोंचा जा रहा होता कि यहां मंदिर की नींव कैसे बनेगी। उन्होंने कहा वास्तव में इस्लाम कोई धर्म नहीं है। वह पूरे राष्ट्र में इसकी मुहिम चलाएंगे। लोगों को जागृत कर सनातन हिंदू धर्म का मूल संदेश समझाएंगे। देश के लोग अधर्म के रास्ते पर जानें से बचें, फिरका परस्त ताकतें पराजित हों। उनकी इच्छा है कि अंतिम संस्कार सनातन धर्म की परंपरा अनुसार हो।

महिलाओं से लिया आशीर्वादः जितेंद्र नारायण त्यागी ने कार्यक्रम में आई महिलाओं से आशीर्वाद लिया। महिलाओं ने जितेंद्र नारायण त्यागी के सिर पर हाथ फेर कर उन्हें भारत माता का सच्चा सपूत बताया। महिलाओं से आशीर्वाद पाकर त्यागी गदगद नजर आए।


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