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Janmashtami 2022: नन्हे बाल गोपाल का इन खास चीजों से करें श्रृंगार, हर मनोकामना होगी पूरी

Janmashtami 2022 नन्हे बाल गोपाल की सजावट में कोई कमी ना रह जाए। ये बेहद जरूरी है कि कान्हा के जन्मोत्सव पर उनका श्रृंगार उनकी प्रिय और शुभ चीजों से कैसे किया जाए। हम आपको बताएंगे की इस खास मौके पर कैसे शुभ चीजों से बाल गोपाल का करें श्रृंगार।

By Vrinda SrivastavaEdited By: Published: Mon, 15 Aug 2022 07:14 PM (IST)Updated: Mon, 15 Aug 2022 07:14 PM (IST)
Janmashtami 2022: नन्हे बाल गोपाल का इन खास चीजों से करें श्रृंगार, हर मनोकामना होगी पूरी
Janmashtami 2022: नन्हे बाल गोपाल का इन खास चीजों से करें श्रृंगार.

लखनऊ, जागरण संवाददाता। जन्माष्टमी के खास मौके पर हर घरों में तैयारियां चल रही है। खूब पकवान बनाए जा रहे हैं और कृष्ण के पालकी से लेकर मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है। लड्डू गोपाल के जन्म के बाद गोपाल को स्न्नान करा के नन्हें नंद के लाला का श्रृंगार किया जाता हैं। नन्हे बाल गोपाल की सजावट में कोई कमी ना रह जाए। इसके लिए ये बेहद जरूरी है कि कान्हा के जन्मोत्सव पर उनका श्रृंगार उनकी प्रिय और शुभ चीजों से कैसे किया जाए। इसके लिए हम आपको बताएंगे की इस खास मौके पर कैसे शुभ चीजों से बाल गोपाल का करें श्रृंगार।

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पीले वस्त्र पहनाएं : जन्माष्टमी पर कान्हा के आगमन पर उनका अभिषेक कर पीले वस्त्र पहनाएं। रंग बिरंगे वस्त्रों से कान्हा प्रसन्न होते हैं। पीले रंग के वस्त्र कृष्ण को बेहद प्रिय है।

वैजयंती माला उन्हें जरूर पहनाएं : जन्माष्टमी पर लड्‌डू गोपाल के श्रृंगार में कान के कुंडल बाजूबंध, कमरबंध, हाथ के कड़े, पायल के साथ वैजयंती माला उन्हें जरूर पहनाएं। ये माला वैजयंती के वृक्ष के बीजों से बनती है। कहते हैं वैजयंती माला राधा-कृष्ण के अटूट प्रेम की निशानी है। कान्हा की पूजा में वैजयंती के फूल बहुत शुभ माने जाते हैं।

मोरपंख राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक : मोरपंख के बिन कृष्ण की कल्पना नहीं की जा सकती। मान्यता है कि मोरपंख राधा-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक है इसलिए कान्हा हमेशा इसे अपने सिर पर सजाते हैं। उनके मुकुट में मोरपंख सदैव लगा होता है। श्रीकृष्ण के मुकुट की सजावट मोर पंख के बिना अधूरी है।

सुगंधित चंदन की खुशबू बाल गोपाल को बहुत पसंद : सुगंधित चंदन की खुशबू बाल गोपाल को बहुत पसंद है। चंदन विभिन्न प्रकार के होते हैं। सफेद चंदन, हरि चंदन, गोमती चंदन आदि. कान्हा का गोपी चंदन से श्रृंगार उत्तम माना जाता है।

छोटी सी बांसुरी कान्हा के हाथ में जरूर रखें : बांसुरी के बिना कान्हा अधूरे माने जाते हैं। श्रीकृष्ण की बांसुरी की धुन सुनकर राधा रानी, गोपियां, ग्वालें, मंत्रमुग्ध हो जाती थी। मान्यता है कि मुरली में कृष्ण का वास होता है। जन्माष्टमी पर चांदी या कोई भी छोटी सी बांसुरी कान्हा के हाथ में जरूर रखें।

नजरदोष से बचाने के लिए काजल जरूर लगाएं : कान्हा की छवि इतनी मनमोहक कि उन्हें नजरदोष से बचाने के लिए काजल जरूर लगाया जाता है। माता यशोदा सदैव कान्हा के श्रृंगार के बाद उन्हें छोटा सा काजल का टीका लगाती थीं।


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