जलकल विभाग कर रहा 'बीमारी की सप्लाई', कई जगहों पर पानी के नमूने फेल
शहरवासियों की सेहत दांव पर हैं। वह दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। मलिन बस्तियों के साथ-साथ शहर के प्रमुख इलाके के लोग भी शुद्ध पानी के लिए परेशान हैं।
लखनऊ, जेएनएन। गर्मी में शहरवासियों को शुद्ध पेयजल मुहैया नहीं हो पा रहा है। घरों में बिना क्लोरीन का पानी आपूर्ति हो रहा है। ऐसे में बैक्टीरिया की संभावनाएं भी प्रबल हैं। सीएमओ व जलकल विभाग के ओटी टेस्ट में कई इलाकों में पानी के नमूने फेल हो गए हैं। स्थिति यह है कि खदरा के पानी का नमूना फेल होने के बाद कई जगह गड़बड़ सप्लाई मिली। एक अप्रैल से सोमवार तक के ओटी टेस्ट में तमाम सैंपल फेल हो गए है।
गोलमार्केट, कपूराथला का पानी गड़बड़
गोलमार्केट, कपूरथला में हर रोज हजारों लोगों का आवागमन होता है। यहां छात्र से लेकर तमाम लोग रनिंग वाटर पीते हैं। साथ ही आबादी के लोग भी सप्लाई के पानी पर आश्रित हैं। यहां पानी के सैंपल फेल हो गए हैं। ऐसे में एक बड़ी आबादी की सेहत दांव पर है।
पुराने लखनऊ व पुलिसचौकी का भी पानी गड़बड़
पुराने लखनऊ का पानी भी शुद्ध नहीं है। यहां हुसैनाबाद गेट से लिया गया पानी का सैंपल जांच में फेल हो गया। ऐसे ही पुलिस चौकी सतखंडा व हुसैनाबाद पुलिस चौकी की प्वाइंट से लिया का सैंपल भी निगेटिव आया है।
हजरतगंज के पानी में मिला था बैक्टीरिया
जलकल विभाग का पानी आपूर्ति का ढर्रा गत वर्ष की तरह जारी है। उसमें सुधार की कोशिश नहीं की गई। यह हाल तब है जब गत वर्ष हजरतगंज के पानी में बैक्टीरिया की पुष्टि हो चुकी है। यहां मई 2018 में सैंपल लेकर संचारी रोग विभाग की स्टेट लैब में भेजा गया था। जहां पानी में कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया की पुष्टि हुई थी। यही नहीं कॉलीफॉर्म की रेंज 180 से अधिक पाई गई, जोकि डेंजर लाइन को भी पार कर गई थी।
टंकी के पास क्लोरीन गायब
पानी में क्लोरीन मिलाने में खेल हो रहा है। स्थिति यह है कि टंकी के बगल में लिए गए नमूने में भी क्लोरीन नहीं पाना गड़बड़ी की ओर इशारा करता है। एक अप्रैल को खदरा के रामलीला मैदान व पानी की टंकी के पास से लिया गया एक-एक सैंपल फेल हो गया।
दूषित पानी खराब करता है लिवर
दूषित पानी पीने से पेट में संक्रमण फैल जाता है। यही नहीं व्यक्ति हेपेटाइटिस की चपेट में भी आ जाता है। यह वायरस लिवर सेल्स हिपोटोसाइट को डैमेज करता है। इसके चलते एसजीपीटी, एसजीओटी एंजाइम के अलावा सीरम में बिलुरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसे में व्यक्ति के लिवर पर दुष्प्रभाव पडऩे लगता है और वह पीलिया की चपेट में आ जाता है। व्यक्ति में यदि बदन दर्द, पेशाब का पीला होना, हरारत, उल्टी, मिचली, भूख न लगना, दायीं ओर पेट के ऊपर दर्द हो तो चिकित्सक से संपर्क जरूर करे। गत वर्ष राजभवन कॉलोनी का सैंपल भी हुआ था फेल।
इन स्थानों पर पानी के नमूने फेल
- बादशाहनगर रेलवे कॉलोनी
- इंदिरा ब्रिज निशातगंज
- क्रिश्चियन कॉलेज के सामने, गोलागंज
- लक्ष्मणपुरी गेट, फैजाबाद
- राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, गोमतीनगर
- राजकीय चीनी निगम, विपिन खंड
- गुलिस्तां कॉलोनी, हजरतगंज
- राजेश्वर मंदिर के सामने स्टैंड पोस्ट रनिंग वाटर, राजभवन कॉलोनी, हजरतगंज
- अरोग्य फिटिनिस सेंटर के निकट विकास नगर
- त्रिवेणी नगर तृतीय