पानी की बर्बादी करने वालों पर दंड लगे
जलदान-जल जागृति अभियान - पानी के मीटर लगाए जाएं जागरण संवाददाता, लखनऊ जीवन में जल का महत्व हम
जलदान-जल जागृति अभियान
- पानी के मीटर लगाए जाएं
जागरण संवाददाता, लखनऊ
जीवन में जल का महत्व हम सब समझ चुके हैं। जरूरत है तो बस जल संरक्षण से जुड़ी बातों को आत्मसात करने की। कारण यह है कि जब हम स्वयं जागरूक होंगे तभी बच्चों को व अन्य लोगों को जागरूक कर सकेंगे। अपनी जरूरतों को कम कर जो जलदान करेंगे उसका फल 'सुरक्षित व स्वच्छ जल' के रूप में पीढि़यों को मिलेगा।
दैनिक जागरण ने लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से जलदान, जो कि जल जागृति अभियान है, की शुरुआत की है। इसके तहत शुक्रवार को जागरण कार्यालय में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संगिनी क्लब की सदस्यों, एनजीओ के अलावा शहर के प्रबुद्ध लोगों ने इसमें अपने विचार साझा किए।
सभी इस पर एकमत थे कि पेयजल हो, सिंचाई हो या निर्माण कार्य, सबके लिए भूजल का जमकर दोहन हो रहा है। यही नहीं, जिसे पानी नसीब हो रहा है वह उसका जमकर दोहन कर रहा है। जागरण ब्रांड के मैनेजर जीवन जोशी ने कहा कि लोगों की यह नासमझी ही रही कि धरती के नीचे अपार जल भंडार है। कितना भी खींचो कभी खत्म नहीं होगा। जबकि स्थिति बिल्कुल उलट है। अति दोहन से मीठे पानी के भंडार खाली हो रहे हैं। ऐसे में सभी को मिलजुल कर प्रयास करने होंगे। जागरण ने बीते वर्ष आधा गिलास पानी अभियान चलाया था, जिसे लोगों का काफी सहयोग मिला। इसी कड़ी में देश भर में जलदान की शुरुआत की गई है। मकसद यह कि आप द्वारा बचाए गए पानी से किसी का गला तर हो सके।
व्यापार मंडल के सुरेश छबलानी ने बताया कि वह खुद तो कम पानी में काम चलाते ही हैं लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करते हैं। भोजपुरी कवि कृष्णा नंद राय तो लोगों को प्रेरित करने के लिए बाकायदा जल संरक्षण का पोस्टर पहन कर साइकिल से चलते हैं। सूर्य प्रकाश पाठक का सुझाव था कि जल संरक्षण से धार्मिक संस्थाओं को जोड़ा जाए। जयपुरिया स्कूल में टीचर स्वाति मालवीय ने कहा कि हमें अपनी आदतों में बदलाव लाना होगा। रीता भी बच्चों को वह यही शिक्षा देती हैं कि पानी की बर्बादी से ईश्वर का अपमान होता है।
प्रदीप अवस्थी व विजेंद्र सिंह कहते हैं कि जानवरों के लिए पानी जरूर रखें। गृहणी रंजना श्रीवास्तव का कहना है कि हम सुधरेंगे तो जग भी सुधरेगा। अरुण कुमार सिंह व उमेश चंद्र वर्मा कहते हैं कि जलदोहन से भूजल भंडार खाली हो रहे हैं। विजयंत खंड गोमती नगर के सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव व विनीत कुमार सक्सेना कहते हैं कि एक गिलास से पूरे दिन पानी पिएं। इससे बर्तन धोने में कम पानी लगेगा। जितना संभव हो पौधे लगाएं। मधुबाला सहाय बाल्टी-मग के प्रयोग की हिमायत करती हैं। सेंट फ्रांसिस में टीचर कैरोलिन कहती हैं कि पानी की सप्लाई निश्चित समय के लिए ही होनी चाहिए। अनुपमा श्रीवास्तव कहती हैं कि आरओ व एसी के पानी का इस्तेमाल घर के कामों में करें। कल्पना, कंचन रस्तोगी व सत्या कहती हैं कि बाल्टी व मग का प्रयोग कर काफी पानी बचाया जा सकता है। रूबी राज के अनुसार पानी के मीटर लगाए जाएं। घंटी बजाइए
पुष्पा मिश्रा व सीमा मिश्रा को टंिकयों व कूलर में लगाए गए पाइप से बानी बहता देख बहुत कष्ट होता था। टोकने पर लोग लड़ने को तैयार हो जाते। ऐसे में उन्होंने घरों की घंटी बजाना शुरू किया।
शिकायत के लिए टोलफ्री नंबर जारी हो
सुझाव दिया गया कि जिम्मेदार विभाग एक टोलफ्री नंबर जारी करें, जिससे पानी की बर्बादी करने वालों की शिकायत की जा सके।