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चतुर्दशी पर अनंत महाराज के पूजन-अर्चन में रमे जैन और सनातनी

भगवान विष्णु के प्रति आस्था का पर्व अनंत चतुर्दशी पर परंपरागत रूप से मनाया गया। व्रतधारी सनातनी श्रद्धालुओं ने भगवान विष्णु और जैन मतावलंबियों ने अनंतनाथ की पूजा-अर्चना की।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 05 Sep 2017 05:24 PM (IST)Updated: Tue, 05 Sep 2017 10:16 PM (IST)
चतुर्दशी पर अनंत महाराज के पूजन-अर्चन में रमे जैन और सनातनी
चतुर्दशी पर अनंत महाराज के पूजन-अर्चन में रमे जैन और सनातनी

लखनऊ (जेएनएन)। हरि अनंत हरि कथा अनंता-रामचरित मानस की यह अर्द्धाली हरि के अगणित रूप और अनेक कथा प्रसंगों की अभिव्यक्ति करती है। ऐसे रूप से मानने वाले आज की तिथि को अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाते हैं। भगवान विष्णु के प्रति आस्था और श्रद्धा का यह पर्व मंगलवार को परंपरागत रूप से मनाया गया। व्रतधारी श्रद्धालुओं ने भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की। इससे इतर जैन मतावलंबियों में यह पर्व जैन परंपरा के अनुसार मनाया गया। 

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भगवान अनंत नाथ का विशेष पूजन

प्रदेश भर के जैन मंदिरों में जैन धर्मावलंबियों ने अपने सभी 24 तीर्थंकर भगवान का अभिषेक व पूजन कर अपनी आस्था व श्रद्धा निवेदित की। सायं भगवान अनंत नाथ का विशेष पूजन-अर्चन किया गया। भगवान अनंत नाथ जैन मतावलंबियो के चौबीस तीर्थांकर में से एक हैं।  जैन समाज के चल रहे पर्युषण पर्व का आज समापन हुआ। आज उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा की गई। इस दौरान प्रवचन में सत्य और धर्म के मार्ग पर सभी लोगों को चलने की सीख दी गई। जैन श्रद्धालुओं ने भगवान वासुपूज्य के निर्वाण उत्सव पर भगवान का अभिषेक किया और लड्डू चढ़ाया। इसमें पुरुष, महिलाओं और बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

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दस दिन का पर्युषण पर्व 

दिगंबर जैन मंदिरों में चल रहे पर्युषण पर्व श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह रहा। दस दिनों में जैन श्रद्धालुओं ने त्याग करना, क्रोध पर नियंत्रण, सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की सीख ली। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों ने संगीतमय अभिषेक पूजन के साथ-साथ भगवान वासपूज्य के मोक्ष कल्याणक पर निर्वाण लड्डू चढ़ाया। अनंत चतुर्थदर्शी पर श्रद्धालुओं ने निर्जला व्रत रखा। पर्व के अंतिम दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म पर जैन समाज के लोगों ने बडी संख्या में पहुंच कर चौबीसो तीर्थकरों की पूजा की।

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