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उत्तर प्रदेश की जेलों का हर दो साल में होगा सिक्योरिटी ऑडिट, जल्द समिति का गठन करने की तैयारी

जेलों से बंदियों के भाग निकलने से लेकर भीतर उनके बीच संघर्ष की घटनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश में स्थित कारागारों का नियमित सिक्योरिटी ऑडिट कराए जाने की योजना बनाई जा रही है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 07:28 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 07:28 PM (IST)
उत्तर प्रदेश की जेलों का हर दो साल में होगा सिक्योरिटी ऑडिट, जल्द समिति का गठन करने की तैयारी
उत्तर प्रदेश की जेलों का हर दो साल में होगा सिक्योरिटी ऑडिट, जल्द समिति का गठन करने की तैयारी

लखनऊ, जेएनएन। जेलों से बंदियों के भाग निकलने से लेकर भीतर उनके बीच संघर्ष की घटनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश में स्थित कारागारों का नियमित सिक्योरिटी ऑडिट कराए जाने की योजना बनाई जा रही है। पुरानी जेलों में जर्जर हो चुके निर्माण को दुरुस्त कराने से लेकर नए सुरक्षा उपकरण तक लगाए जाएंगे। डीजी जेल आनन्द कुमार ने हर दो साल में सूबे की सभी जेलों का सिक्योरिटी ऑडिट कराने का निर्णय लिया है। जल्द इसके लिए एक समिति गठित की जाएगी, जिसमें जेल अधिकारियों के अलावा स्थानीय जिला प्रशासन, पुलिस व सुरक्षा मुख्यालय के अधिकारी भी शामिल होंगे।

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उत्तर प्रदेश की 71 जेलों में 1.10 लाख से अधिक बंदी निरुद्ध हैं। इन जेलों में करीब 59000 हजार बंदियों को रखने की क्षमता है। ऐसे हालात में जेल अधिकारियों के सामने सुरक्षा-व्यवस्था की चुनौती सबसे बड़ी रही है। बीते दिनों रायबरेली जेल से दो बंदी क्वारंटाइन बैरक के शौचालय की दीवार में सेंध लगाकर भाग निकले थे। डीजी जेल आनन्द कुमार का कहना है कि कई जेलें बहुत पुरानी हैं। उनमें कई जगह बदलाव व मरम्मत की जरूरत है। क्षमता से अधिक बंदियों को रखने के लिए कई जेलों में नए निर्माण कार्य व सुरक्षा-व्यवस्था की दृष्टि से कुछ बदलाव किए जाने की आवश्यकता भी है।

डीजी जेल आनन्द कुमार ने कहा कि जेलों में कुछ नए निर्माण भी कराए जाने हैं। इन बिंदुओं को देखते हुए ही जेलों का सिक्योरिटी ऑडिट कराया जाएगा। जेलों के रखरखाव के मद से यहां जरूर निर्माण कार्य कराए जाएंगे। जेलों की सुरक्षा-व्यवस्था को और पुख्ता करने के लिए कारागार अधिकारियों से भी प्रस्ताव मांगे गए हैं। जेल में बंदी रक्षकों की कमी होने के कारण भी कई जगह दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे में तकनीक का इस्तेमाल करके जेलों की सुरक्षा बढ़ाने की कसरत की जा रही है।


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