अभिव्यक्ति के उत्सव 'संवादी' के चौथे संस्करण का उदघाटन थोड़ी देर में
पिछले तीन साल में लखनऊ के प्रमुख साहित्यिक-सांस्कृतिक आयोजनों में जगह बना चुके संवादी के चौथे संस्करण का उद्घाटन दिन में 1.30 बजे उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा करेंगे।
लखनऊ (अजय शुक्ला)। गुलाबी ठंडक व गुनगुनी धूप के साथ लखनऊ के चिर परिचित अड्डों, नुक्कड़ों पर बहस-मुबाहिसों का दौर शुरू हो चुका है, अब विचारों का गुबार राष्ट्रीय फलक पर छाने को है। शुक्रवार को गोमतीनगर स्थित भारतेंदु नाट्य अकादमी में अभिव्यक्ति के उत्सव दैनिक जागरण 'संवादी' के चौथे संस्करण की शुरुआत के साथ प्रदेश की राजधानी अगले तीन दिन गर्मागर्म बहस का केंद्र बनने वाली है। इस बहस में राष्ट्रवाद से लेकर क्षेत्रीय चिंताओं और हाल में चर्चा में रहे मुद्दों पर भी बड़ी चर्चा होगी।
पिछले तीन साल में लखनऊ के प्रमुख साहित्यिक-सांस्कृतिक आयोजनों में जगह बना चुके संवादी के चौथे संस्करण का उद्घाटन दिन में 1.30 बजे उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा करेंगे। इस मौके पर साहित्य अकादमी (नई दिल्ली) के अध्यक्ष विश्वनाथ तिवारी व दैनिक जागरण के प्रधान संपादक संजय गुप्त भी उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन सत्र में ही दैनिक जागरण हिंदी बेस्टसेलर की दूसरी तिमाही की सूची भी जारी होगी।
इसमें कथा, कथेतर व अनुवाद श्रेणी की टॉप टेन सूची होगी। तीन दिवसीय इस आयोजन में अभिव्यक्ति के सभी माध्यमों के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित नाम शामिल होंगे तो विषयों की ऐसी विविधता भी होगी जिसमें हर वर्ग का संवादधर्मी अपनी संवेदनाओं व विचारों का प्रतिबिंब खोज सकेगा। लखनऊ के अदब प्रेमियों के लिए 'अवध की खोती विरासत' पर चर्चा और दास्तानगोई विशेष आकर्षण होगी।
अवध की विरासत पर चर्चा के लिए उपशास्त्रीय गायिका मालिनी अवस्थी, यतीन्द्र मिश्र, रवि भट्ट के साथ लखनऊ दूरदर्शन के आत्म प्रकाश मिश्र होंगे। साहित्यिक चर्चा में वैचारिक प्रतिबद्धताओं पर नुक्ताचीनी पहले से होती रही है। अब इनके अंतर्संबधों पर बात बढ़ाने का दौर है। संवादी का पहले दिन का पांचवा सत्र साहित्य और राष्ट्रवाद के इन्हीं संबंधों और अपने हिस्से की बात कहने वालों के नाम रहेगा।
इस सत्र में सामाजिक सरोकारों और प्रखर राष्ट्रवादी पत्रकारिता के पर्याय बन चुके बलदेव भाई शर्मा के साथ नीरजा माधव, जगदीश्वर चतुर्वेदी व अरुण कमल की बहस साहित्य प्रेमियों के लिए खासी दिलचस्प होगी। राजनीति में आधी आबादी के एक तिहाई हिस्से की चल रही लड़ाई के बीच 'राजनीति, महिला और सेक्स' विषय पर राखी बक्षी के साथ शाजिया इल्मी, पंखुड़ी पाठक, प्रियंका चतुर्वेदी की बेलाग बातचीत से सोच के कई जाले साफ होंगे।
'चाणक्याज चांट' व 'कृष्णा की' जैसी विश्वस्तरीय बेस्टसेलर से अपना खास पाठक वर्ग बना चुके अश्विन सांघी की मौजूदगी लखनऊवासियों के लिए खास तो युवा वर्ग के लिए उत्सव को उल्लास में बदलने वाली होगी।
संवादी का दूसरा दिन भाषा और संगीत प्रेमियों के लिए खास होगा। पहले सत्र की शुरुआत में 'संगीत का छूटता सिरा' विषय पर पंडित छन्नूलाल मिश्र, मालिनी अवस्थी और सुनंदा शर्मा के साथ यतीन्द्र मिश्र की बात होगी। इस दिन सेलीब्रिटी राइटर अमीश त्रिपाठी और उषा किरण खान के साथ विभावरी भी होंगी। 'नीलेश मिसरा लाइव' में यू ट्यूब की हलचल सामने होगी तो कहानी कहने और सुनने के नए अंदाज से साक्षात्कार का मौका मिलेगा।
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मुंबई के मुखातिब थिएटर ग्रुप की पेशकश हिंदी नाटक 'शैडो ऑफ ऑथेलो' रंगमंच के रोमांच से रूबरू कराएगी। यह पहला मौका होगा जब दलित चिंतकों की अग्रिम पांत के नाम हरिराम मीणा, भगवानदास मोरवाल, शरण कुमार लिंबाले और टेकचंद उस शहर में दलित साहित्य के ब्राह्मणवाद पर चर्चा करेंगे जहां दलित समाज के लोग सत्ता और साहित्य के शीर्ष पर रहकर पूरे देश को दिशा दे चुके हैं। इसी के साथ स्थानीय स्तर पर उभरती शख्सियतों और विधाओं को भी मौका मिलेगा।
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