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मदरसों में ड्रेस कोड लागू करने पर योगी सरकार के मंत्रियों में विरोधाभास

एक ही बात पर योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रियों में टकराव दिखने लगा है। मदरसों में ड्रेस कोड लागू करने को लेकर उनके बयान विरोधाभासी हैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 04 Jul 2018 06:47 PM (IST)Updated: Thu, 05 Jul 2018 12:31 PM (IST)
मदरसों में ड्रेस कोड लागू करने पर योगी सरकार के मंत्रियों में विरोधाभास
मदरसों में ड्रेस कोड लागू करने पर योगी सरकार के मंत्रियों में विरोधाभास

लखनऊ (जेएनएन)। एक ही बात पर योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रियों में टकराव दिखने लगा है। मदरसों में ड्रेस कोड लागू करने को लेकर उनके बयान विरोधाभासी हैं। इन मंत्रियों में एक मुस्लिम वक्फ एवं हज राज्यमंत्री मोहसिन रजा और दूसरे अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी हैं। अल्पसंख्यक मामलों से जुड़े दोनों मंत्रियों में एक मदरसों में ड्रेस कोड शीघ्र लागू किए जाने की बात कह रहे हैं जबकि दूसरे ने ऐसे किसी प्रस्ताव की बात को सिरे से खारिज कर दिया है। लक्ष्मी नारायण चौधरी के समर्थन में परिवहन मंत्री स्वतंत्र मिश्र भी खड़े नजर आए।

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मदरसों में ड्रेस कोड संबंधी कोई प्रस्ताव नहीं

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने अपने विभाग के राज्यमंत्री के ड्रेस कोड संबंधी बयान से मंगलवार की देर रात किनारा करते हुए कहा कि 'मदरसों में ड्रेस कोड को लेकर सरकार ने कोई नीति निर्धारित नहीं की है। इस विषय को लेकर विभाग का कोई मत नहीं है। न्यूज एजेंसी ने चौधरी के ट्वीट के हवाले से यह खबर जारी की है। हालांकि, देर रात राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कैबिनेट मंत्री के किसी भी तरह के ट्वीट की जानकारी से इन्कार करते हुए कहा कि वह अपनी बात पर कायम हैं। 

मदरसों के छात्र भी पहनेंगे पैंट-शर्ट

मोहसिन रजा ने लखनऊ में पत्रकारों से कहा कि योगी सरकार मदरसों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू करने के बाद अब वहां ड्रेस कोड अनिवार्य करने जा रही है। यानी अब यहां के छात्र कुर्ता-पायजामा पहनकर मदरसों में पढऩे नहीं जा सकेंगे। यहां के छात्र भी आम स्कूलों की तरह पैंट-शर्ट पहनकर पढ़ाई करने जाएंगे। शीघ्र ही इसके लिए सरकार आदेश जारी करेगी। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि यहां के छात्र किस रंग की ड्रेस पहनेंगे। उन्होंने कहा कि मदरसों में भी जल्द ड्रेस कोड लागू होगा। अभी यहां के छात्र कुर्ता-पायजामा ही पहनते हैं। लोगों ने इसे ही मदरसों का डे्रस कोड समझ लिया है। ड्रेस कोड होने से यहां के लड़कों में भी छात्र वाली भावना जागृत होगी। इससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा। 

मदरसों में ड्रेस कोड पर फैसला शीघ्र

रजा ने कहा कि मदरसों में ऊंचे पायजामे के साथ कुर्ता पहन कर छात्र आते हैं। इससे उनकी पहचान एक धर्म विशेष से होती है। मदरसे के छात्रों के बीच इसे खत्म करना जरूरी है। मदरसों में पैंट शर्ट पहनने या नए ड्रेस कोड को लेकर अभी विचार चल रहा है, जल्द ही सरकार इस पर अंतिम निर्णय करेगी। मंत्री ने कहा कि मदरसों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रदेश सरकार पहले ही एनसीईआरटी पाठ्यक्रम लागू कर चुकी है। यहां धार्मिक शिक्षा के साथ ही सामाजिक शिक्षा भी दी जाएगी। साथ ही सरकार यहां के छात्रों को भी मुख्यधारा में जोड़कर ऐसा माहौल देना चाहती है ताकि वे प्रतियोगी परीक्षाओं को पास कर इंजीनियर, डॉक्टर, आइएएस, पीसीएस आदि बन सकें।

मदरसों में ड्रेस कोड लागू करने का इरादा नहीं : स्वतंत्र देव

परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिह ने मदरसों में पैंट-शर्ट का ड्रेस कोड लागू कराने के जैसे किसी प्रस्ताव की बात से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है और न ही सरकार के सामने कोई ऐसा प्रस्ताव आया है। मंत्री ने इटावा में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश सरकार शहरों के साथ गांवों का विकास और गरीबों के उत्थान को लेकर प्रतिबद्ध है। डेढ़ माह से बिजली कटौती बढऩे के सवाल पर कहा कि मौसम के चलते आपूर्ति प्रभावित है। आंधी-तूफान तो कहीं ज्यादा बारिश होने से यह हालात उत्पन्न हुए हैं। पावर कारपोरेशन के अधिकारी इस ओर गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं,जल्द ही बिजली व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी।


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