पत्नी ने बच्चों की जिंदगी का वास्ता भी दिया, लेकिन आतंकी मुस्तकीम पर हावी रहा जुनून
आतंकी मुस्तकीम को रोजाना आतंकी गतिविधियां देख मन मसोस रह जाती थी आयशा सरकार से माफी की गुहार।
बलरामपुर, जेएनएन। मुस्तकीम की पत्नी आयशा रोजाना घर में ही पति को आतंकी गतिविधियों कों अंजाम देते देखती, लेकिन मन मसोस कर रह जाती थी। कई बार बच्चों की जिंदगी का वास्ता भी दिया, लेकिन मुस्तकीम का जुनून हावी रहा। दिल्ली पुलिस व यूपी एटीएस के सामने आयशा ने अपनी चुप्पी तोड़ी, तो फफक पड़ी। अब उसे चार मासूम बच्चों की फिक्र है, जिसे गांव वाले आतंकी के बच्चे कहकर पुकारेंगे। बच्चों के सुंदर भविष्य का ख्वाब पति के कारनामों से चूर-चूर हो गया।
कभी नहीं देखे एक साथ दस हजार रुपये : -आयशा का निकाह वर्ष 2011 में मुस्तकीम के साथ हुआ था। जिससे चार बच्चे सायरा(08), इब्राहिम(07), साफिया(06) व यूसुफ(03) हैं। आयशा बताती है कि उत्तराखंड में चोटिल होने के बाद हासिमपारा में कॉस्मेटिक की दुकान खोली, लेकिन वहां से आमदनी न के बराबर थी। पति के पास कभी एक साथ दस हजार रुपये नहीं देखे। फिर भी बारूद, महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व अन्य सामान कहां से लाता था, इसकी जानकारी नहीं हो सकी। कहाकि वह अलग कमरे में रहकर यूट्यूब पर वीडियो व तकरीरें देखता था। एक बार माफ कर दे सरकार :-आयशा फफक कर कहती है कि पति ने बहुत बड़ा अपराध किया है। कई बार बच्चों की दुहाई भी दी, लेकिन वह नहीं माना। उसके कृत्य से पूरा परिवार आहत है। बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय हो गया है। गांव वाले अब पूरे परिवार को शक की नजर से देखेंगे। एक बार सरकार व अल्लाह मुस्तकीम के अपराध को माफ कर दे।