इन्वेस्टर्स समिट के लिए सक्रियता बढ़ी, सपा नेता मुलायम को न्यौता भेजा
इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियां जोरों पर हैं। स्थल सजाया जा रहा है। विशिष्टों को बुलावे के लिए निमंत्रण भेजेे जा रहे हैं। बस ४८ घंटे शेष है। काउंटडाउन शुरू है।
लखनऊ (जेएनएन)। इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियां जोरों पर हैं। स्थल सजाया जा रहा है। विशिष्टों को बुलावे के लिए निमंत्रण भेजेे जा रहे हैं। काउंटडाउन शुरू हो चुका है। इसी क्रम में तैयारियां तेज करते हुए यूपी सरकार के संबंधित मंत्री सतीश महाना और सुरेश राणा ने इन्वेस्टर्स समिट का न्यौता सपा नेता मुलायम सिंह यादव को दिया है। यूपीएसआइडीसी ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। उसने उद्योग लगाने के लिए स्थान चाहने वालों के लिए कई विकल्प तैयार कर रखे हैं।
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बड़े समूह ने मांगा भाऊपुर में 27 सौ एकड़ भूमि
एक बड़े औद्योगिक समूह ने कानपुर भाऊपुर में इन्वेस्टमेंट मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर के लिए प्रस्तावित 2724 एकड़ भूमि पर लॉजिस्टिक हब बनाने की इच्छा जताई है। यह समूह देश के कई राज्यों में लॉजिस्टिक हब बनाने के साथ ही विदेशों में भी औद्योगिक इकाइयां स्थापित कर चुका है। किसानों से भूमि की खरीद में खर्च होने वाली राशि का भुगतान एडवांस में करने की पेशकश भी कंपनी ने की है। सबकुछ ठीक रहा तो 21-22 फरवरी को लखनऊ में प्रस्तावित इन्वेस्टर्स समिट में भूमि देने पर फैसला हो सकता है।
हजारों करोड़ के निवेश की इच्छा
कई बड़े औद्योगिक समूहों के मालिकों ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर सूबे में हजारों करोड़ के निवेश की इच्छा जताई थी। इन्हीं में से एक समूह को भाऊपुर की भूमि पसंद आ गई है। भाऊपुर में यदि कंपनी लॉजिस्टिक हब बनाती है तो उसे कई फायदे होंगे क्योंकि वह आसानी से अपने उत्पादों को झांसी होते हुए भोपाल, आगरा होते हुए दिल्ली, हमीरपुर होते हुए सागर आदि शहरों में भेज सकती है। खास बात यह है कि कंपनी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर से अपने माल कोलकाता के बंदरगाह, अमृतसर , मुंबई आदि जगहों पर भेजने में कामयाब होगी।
यूपीएसआइडीसी के पास कई विकल्प
भाऊपुर में वैसे तो राज्य सरकार ने 22 गांवों की करीब 20 हजार एकड़ भूमि को अधिसूचित कर रखा है। फिलहाल 2724 एकड़ में इंवेस्टमेंट मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर की योजना बनी है। अगर कोई बड़ा समूह नहीं भी लेता है तो भी यूपीएसआइडीसी इसे आसानी से बसा लेगा। उसे सिर्फ भूमि के लिए बैंक से लोन लेना होगा। एक हजार करोड़ रुपये मुआवजा बांटने में खर्च होंगे। दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए एक हजार करोड़ रुपये यूपीएसआइडीसी को देगा। साथ ही एमकेयू गु्रप ने भी यहां एक हजार करोड़ के निवेश की बात कही है। इसके साथ कई और उद्यमी यहां बल्क में भूमि मांग रहे हैं।
औद्योगिक समूह को मिलेगी भूमि
गांव क्षेत्रफल
रायपालपुर 1605
गुरगांव 257
रामपुर गजरा 223
आंट 604
संभलपुर बिठूर 35
कुल भूमि है : 2724 एकड़
सरकारी भूमि : 402 एकड़
किसानों की भूमि : 2323 एकड़