लखनऊ में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के रहमो-करम पर फल-फूल रहें अमान्य विद्यालय
बीते वर्ष चिनहट के डायमंड पब्लिक गर्ल्स हायर सेकेंड्री स्कूल को अधिकारियों ने घोषित किया था अमान्य। मान्यता प्रत्याहरण और रिपोर्ट दर्ज करने के हुए थे आदेश पर नहीं हुई कार्यवाई।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी में माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के रहमो-करम पर अमान्य विद्यालय फल-फूल रहें हैं। जानकारी के बाद भी अधिकारी इन पर कार्यवाई करने से कतरा रहे हैं। बीते वर्ष सितंबर में चिनहट स्थित डायमंड पब्लिक गर्ल्स कॉलेज में एक ही परिसर में दो मान्यताओं से विद्यालय संचालन करने की पुष्टि हुई थी। जो पूरी तरह से गलत था। इसके बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से उसका संचालन जारी है और अबतक विद्यालय और प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं हुई।
दो सितंबर 2019 में डीआइओएस के औचक निरीक्षण में हुआ था खुलासा
दो सितंबर 2019 को डायमंड पब्लिक स्कूल का डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने विद्यालय का औचक निरीक्षण किया था। वहां पर एक ही परिसर में यूपी बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड से विद्यालय संचालित थे। विद्यालय में दोनों बोर्डो के विद्यार्थी भी बैठे थे। डीआइओएस के मुताबिक कॉलेज के प्रिंसिपल निसार अहदम ने निरीक्षण के दौरान भी अपना नाम और पद छुपाने की कोशिश की थी। इसके बाद स्टाफ और विद्यार्थियों से पुष्टि होने पर उन्हें नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया था पर उन्होंने स्पष्टीकरण भी नहीं दिया था। डीआइओएस ने बताया कि स्कूलों को 2001 में माध्यमिक शिक्षा अधिनियम की धारा 9(4) के तहत मान्यता मिली है। वहीं, 2009 से सीबीएसई बोर्ड से भी मान्यता है। एक ही परिसर में दो बोर्डों से मान्यता लेकर विद्यालय संचालन यह नियमानुसार नहीं है। जब यूपी बोर्ड ने मान्यता सत्यापन की जांच करवाई तो स्कूल प्रबंधन ने जांच अधिकारी न तो सहयोग किया और न ही दस्तावेज दिए। सिर्फ यही बताया कि स्कूल को सीबीएसई से मान्यता मिली है।
क्या कहते हैं डीआइओएस ?
डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह के मुताबिक, औचक निरीक्षण में एक ही कैंपस में दो मान्यताओं से स्कूल चलाने को लेकर डीआइओएस द्वितीय को विद्यालय की मान्यता प्रत्याहरण की कार्यवाई करने और प्रबंधन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा गया था क्योंकि बालिका विद्यालय उनके अधीन हैं। वहीं, आगे की कार्यवाई उनके खिलाफ करेंगे।
क्या कहते हैं डीआइओएस ?
डीआइओएस द्वितीय नंद कुमार के मुताबिक, हां मामला मेरे संज्ञान है मुझसे आख्या मांगी गई थी। मैं अभी निदेशालय के कार्यों में लगा हूं। सारे प्रपत्र देखकर ही बता पाऊंगा कि वर्तमान स्थिति है।