'पाताल लोक' में बस गए लखनऊ के आधे से ज्यादा बाजार
जानकारों के मुताबिक अमीनाबाद की करीब 70 फीसद दुकानों में अवैध बेसमेंट खोदे गए हैं। ऐसे में पांच हजार की दुकानों के हिसाब से करीब साढ़े तीन हजार अवैध बेसमेंट तो अमीनाबाद में ही हैं।
लखनऊ, जेएनएन। सड़क के किनारे फुटपाथ और उससे कुछ दूरी पर दुकान। बात यही नहीं खत्म होती है। इस दुकान के नीचे गोदाम या एक और दुकान। लखनऊ के 50 फीसद बाजारों 'पाताल लोक' में बस गए हैं। नियम तो ये है कि बेसमेंट में केवल पार्किंग ही बनाई जानी हैं। मगर यहां तो पूरे पूरे बाजार बनाए जा रहे हैं।
इन बाजारों में सबसे अधिक बेसमेंट
हजरतगंज, जनपथ, हलवासिया, अमीनाबाद, मोहन मार्केट, गड़बड़झाला, नजीराबाद, चौक, नाका ङ्क्षहडोला, लाटूश रोड, आलमबाग, मौलवीगंज, ठाकुरगंज, अकबरीगेट, नादान महल रोड, गोमती नगर, इंदिरा नगर के बाजार इसमें शामिल हैं।
अमीनाबाद की 70 फीसद दुकानों के नीचे अवैध बेसमेंट
दुकानों के नीचे जमीन को खोखला कर के 20 से 30 फुट नीचे तक बेसमेंट बना कर खतरनाक तरीके से निर्माण किये गये हैं। पिछले साल अमीनाबाद की मुमताज मार्केट में आग लगने के बाद और लगभग तीन साल पहले अवैध बेसमेंट पर बड़ा अभियान चलाया गया था, मगर तब एलडीए ने कुछ सर्वे कर के ही मामला छोड़ दिया था।
अमीनाबाद में केवल नगर निगम के स्वामित्व वाले गड़बड़झाला और मोहन मार्केट में ही 300 के करीब दुकानें ऐसी हैं, जिनमें अवैध बेसमेंट चिह्नित किए गए थे। इसके अलावा बाकी के बाजार में भी व्यापारियों ने बिना एलडीए से नक्शा पास कराए अवैध बेसमेंट खोद लिए हैं। एलडीए ने अभी तक इनके बारे में कोई सूचना सार्वजनिक नहीं की है, लिहाजा इनकी संख्या दिया जा पाना मुश्किल है।
अमीनाबाद में जांच के बाद इतने मिले थे अवैध बेसमेंट
मोहन मार्केट में 229, फल बाजार में 29, गड़बड़झाला में 33।
जनपथ मार्केट में भी डबल बेसमेंट
एलडीए की जनपथ मार्केट में डबल बेसमेंट तक बनाए गए हैं। इस बाजार वैध बेसमेंट की दुकानें भी हैं। इसके अलावा जो दुकानें भूतल पर हैं, उनके नीचे दो दो मंजिल तक बेसमेंट हैं। जिनकी जांच तो कई बार की गई मगर कारवाई नाममात्र को हुई है।
बेसमेंट निर्माण के मानक
- एकल आवासीय भवनों में बेसमेंट संभव नहीं है।
- बेसमेंट में केवल पार्किंग हो सकती है दुकानें या गोदाम नहीं।
- बेसमेंट का निर्माण बिना एलडीए से मानचित्र पास करवाए नहीं करवाया जा सकता है।
- बेसमेंट के लिए मिट्टी खोदाई की अनुमति खनन विभाग से लेना आवश्यक है।
व्यापारी नहीं बनवाते बेसमेंट, बिल्डर जिम्मेदार
लखनऊ व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि व्यापारी बेसमेंट के निर्माण को लेकर बिल्कुल भी जिम्मेदार नहीं हैं। बिल्डर बनवाते हैं। पुलिस, एलडीए मिले हुए हैं। हम तो केवल अपनी रोजी चला रहे हैं।
लविप्रा के नोडल अधिकारी (अवैध निर्माण) संजय पांडेय ने बताया कि अवैध बेसमेंट के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने की तैयारी है। सबसे पहले सर्वे होगा। उसके बाद हर रोज कार्रवाई की जाएगी।