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केजीएमयू में भत्ते को लेकर दूसरे दिन भी भूख हड़ताल पर डटे इंटर्न, रेजीडेंट ने संभाला मोर्चा

केजीएमयू में भत्ते को लेकर इंटर्न डॉक्टर हड़ताल पर हैं। उन्होंने कोविड ड्यूटी के सिवाय सभी कार्यों से हाथ खड़े कर दिए। ऐसे में वार्डों की ड्यूटी में रेजीडेंट चिकित्सकों पर बोझ बढ़ गया। उधर भत्ते में बढ़ोतरी न होने पर इंटर्न ने आर-पार की लड़ाई का एलान किया है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 03:40 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 03:40 PM (IST)
केजीएमयू में भत्ते को लेकर दूसरे दिन भी भूख हड़ताल पर डटे इंटर्न, रेजीडेंट ने संभाला मोर्चा
केजीएमयू में बुधवार को भी भूख हड़ताल पर डटे इंटर्न , रेजीडेंट ने संभाला मोर्चा ।

लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में भत्ते को लेकर इंटर्न डॉक्टर हड़ताल पर हैं। उन्होंने कोविड ड्यूटी के सिवाय सभी कार्यों से हाथ खड़े कर दिए। ऐसे में वार्डों की ड्यूटी में रेजीडेंट चिकित्सकों पर बोझ बढ़ गया। उधर, भत्ते में बढ़ोतरी न होने पर इंटर्न ने आर-पार की लड़ाई का एलान किया है। 

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केजीएमयू में तीन सौ से अधिक इंटर्न हैं। इसमें 250 एमबीबीएस व 70 बीडीएस के हैं। आरोप है कि इंटर्न के स्टाइपेंड में पिछले 10 वर्षों से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।

ऐसे में इंटर्न डॉक्टरों को प्रतिमाह सिर्फ 7500 रुपये ही भत्ता मिल रहा है। वहीं इंटर्न कोविड ड्यूटी भी कर रहे हैं। इसके अलावा विभिन्न विभागों के वार्डों में भी आठ से12 घंटे तक की ड्यूटी लगाई जा रही है। इसके साथ ही हाई रिस्क एरिया जैसे कोरोना ट्रायज एरिया, फ्लू ओ पी डी, इमरजेंसी, कोरोना होल्डिंग एरिया में काम रहे हैं। बावजूद 250 रुपये ही रोजाना भत्ता दिया जा रहा है। यह दैनिक मजदूर को मिलने वाली धनराशि से भी कही कम है। ऐसे में इंटर्न डॉक्टरों ने संस्थान प्रशासन, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भत्ता बढ़ाने की मांग की।

डॉक्टरों ने कहा कि केंद्रीय चिकित्सा संस्थानों में जहां 23,500 व कई राज्यों में 30,000 तक भत्ता दिया जाता है। यह मंगा पूरी न होने तक हड़ताल जारी रहेगी। इस दौरान कुछ छात्र भूख हड़ताल भी कर रहे हैं। वहीं समस्या का समाधान न होने पर रेजीडेंट डॉक्टरों से भी समर्थन की मांग की है। ऐसा हुआ तो कोरोना काल में चिकित्सकीय सेवाओं पर संकट गहरा जाएगा।संस्थान के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि इंटर्न डॉक्टरों के हड़ताल से रेजीडेंट डॉक्टरों ने काम संभाल लिया है।


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