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तंगहाली में खिलाड़ी शनीष को नहीं बेचना पड़ेगा लक्ष्मण अवार्ड, मदद के लिए आगे आई यूपी सरकार

यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा किसी प्रतिभाशाली खिलाड़ी को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। सरकार खेल व खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 30 Aug 2020 10:52 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 06:46 AM (IST)
तंगहाली में खिलाड़ी शनीष को नहीं बेचना पड़ेगा लक्ष्मण अवार्ड, मदद के लिए आगे आई यूपी सरकार
तंगहाली में खिलाड़ी शनीष को नहीं बेचना पड़ेगा लक्ष्मण अवार्ड, मदद के लिए आगे आई यूपी सरकार

लखनऊ, जेएनएन। अपनी प्रतिभा से देश का नाम रोशन करने वाले अंतरराष्ट्रीय सॉफ्ट टेनिस खिलाड़ी शनीष मणि मिश्रा कोरोना महामारी के चलते तंगहाली में ऐसे फंसे कि अपना लक्ष्मण अवार्ड बेचने चल पड़े। संकट के इस दौर में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य उनकी मदद को आगे आए और तत्काल 51 हजार रुपये की आर्थिक मदद की। साथ ही कहा कि प्रतिभाशली खिलाड़ियों की हरसंभव मदद की जाएगी।

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दरअसल, वैश्विक महामारी कोरोना से खेल और खिलाड़ी भी नहीं बच पाए हैं। खेल गतिविधियां पूरी तरह से बंद हैं। उत्तर प्रदेश के विभिन्न खेलों के 450 संविदा प्रशिक्षकों को अप्रैल माह से मानदेय नहीं मिला है। ऐसे में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे इन प्रशिक्षकों के लिए अपने बच्चों की पढ़ाई और दो जून की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो रहा है। इस मामले को दैनिक जागरण ने गत 22 अगस्त को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसका संज्ञान लेते हुए रविवार को प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अंतरराष्ट्रीय सॉफ्ट टेनिस खिलाड़ी और संविदा कोच शनीष मणि मिश्रा से मुलाकात कर 51 हजार रुपये की आर्थिक मदद की और अंगवस्त्र से सम्मानित किया।

अंतरराष्ट्रीय सॉफ्ट टेनिस खिलाड़ी शनीष मणि मिश्रा वर्ष 2015 में नई दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप खेलने वाली टीम का हिस्सा थे। वर्ष 2016 में जापान में हुई एशियन चैंपियनशिप में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। उनकी उपलब्धियों को देखते हुए यूपी दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें वर्ष 2017 में उन्हें लक्ष्मण अवार्ड से सम्मानित किया था। इसके बाद खेल विभाग में संविदा टेनिस कोच के तौर पर काम करने लगे, लेकिन कोरोना संक्रमण काल में रोजगार हाथ से चला गया।

शनीष मणि मिश्रा के ऐसे हालात की जानकारी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को मिली तो उन्होंने खिलाड़ी से फोन पर संपर्क किया। उन्हें बुलाकर 51 हजार रुपये की आर्थिक मदद और अंग वस्त्र से सम्मानित किया। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि किसी भी प्रतिभाशाली खिलाड़ी को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। सरकार खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन व बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। देश व प्रदेश का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों के साथ सरकार हमेशा खड़ी रहेगी।

शनीष मणि के मुताबिक, उन्होंने यह भरोसा भी दिया कि सरकार जल्द ही सभी प्रशिक्षकों को एक अप्रैल से नियुक्ति का आदेश जारी करेगी, जिससे रुका हुआ मानदेय मिल सकेगा। मालूम हो कि माली हालत खराब होने से वह लखनऊ के एक डिपार्टमेंटल स्टोर में नौकरी करने लगे। आहत शनीष मणि मिश्रा ने इस शनिवार को लक्ष्मण अवार्ड बेचने की घोषणा की थी। दैनिक जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा, मेरी तरह ही प्रदेश के वे सभी प्रशिक्षक भी परेशान हैं। हम मानदेय के लिए दो माह से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन, कोई सुनवाई नहीं होने पर सड़क पर उतरना पड़ा। इसके लिए मीडिया का बहुत धन्यवाद है। खासकर दैनिक जागरण का, जिसकी मदद से सरकार तक हम लोगों की बात पहुंच सकी। मुझे उम्मीद है कि सरकार जल्द ही हम सबके लिए नियुक्ति का आदेश जारी करेगी। शनीष गोंडा जिले के रुपईडीह ब्लॉक क्षेत्र के रहने वाले हैं।


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