पौधों को पता होता है कि उनके आसपास कितने पौधे हैं
पोस्टर सत्र में विभिन्न शोधार्थियों द्वारा 400 से अधिक पोस्टरों के माध्यम से अपने शोध कार्यों को प्रस्तुत किया गया।
लखनऊ, जेएनएन। समय-समय पर किए गए अनुसंधानों से यह साबित हो चुका है कि पौधे केवल बातें ही नहीं करते हैं बल्कि वह संगीत को भी रिसपांस करते हैं। स्पेन से आए जोम मार्टीनेज गार्सिया ने नई बात बताई। उनका कहना है कि पौधों को अपने आसपास उग रहे पौधे एवं चारों ओर घनी होती हुई आबादी का भी अहसास हो जाता है।
सीएसआइआर-एनबीआरआइ एवं इंडियन सोसाइटी ऑफ प्लांट फिजियोलॉजी (आइपीपीसी) द्वारा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित की जा रही चौथी इंटरनेशनल प्लांट फिजियोलॉजी कांग्रेस के तीसरे दिन डॉ.गार्सिया ने कहा कि पौधों को यह एहसास घटती-बढ़ती छाया या प्रकाश के आधार पर होता है। अपने शोध में इस क्रिया से संबंधित कोशिकीय तंत्र के बारे में किए गए शोध की विस्तृत जानकारी दी।
यूनाइटेड किंगडम के डॉ.क्रिस्टीन ने एंटी ऑक्सीडेंट एंड सेलुलर रीडोक्स होम्यो स्टैसिस विषयक शोध में पौधों की वृद्धि तथा विभिन्न जैविक अथवा अजैविक स्थितियों के दौरान पौधे में होने वाली प्रतिक्रियाओं के नियंत्रण में ऑक्सीडेंट एवं एंटीऑक्सीडेंट पदार्थों की भूमिका पर चर्चा की। डॉ.होयर ने बताया कि कोशिकाओं में ऊर्जा के निर्माण एवं उपभोग की प्रक्रिया चलती रहती हैं जिन्हें रिडोक्स प्रक्रिया कहा जाता है। कुछ विशिष्ट आणविक संकेत होते हैं जो इन प्रक्रियाओं के नियमन के द्वारा पौधों के विकास एवं वृद्धि के साथ-साथ विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों के प्रति पौधे की प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। विशेष युवा वैज्ञानिक सत्र का भी आयोजन किया गया जिसमें 14 युवा वैज्ञानिकों द्वारा अपने-अपने शोध को प्रस्तुत किया।