Move to Jagran APP

International Day Against Drug 2020 : यूपी में लगातार बढ़ रहा नशे का शिकंजा, गिरफ्त में युवा

International Day Against Drug 2020 सबसे बड़ी आबादी वाले उत्तर प्रदेश में नशे के आदी लोगों की संख्या भी सबसे अधिक है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 02:55 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 08:03 AM (IST)
International Day Against Drug 2020 : यूपी में लगातार बढ़ रहा नशे का शिकंजा, गिरफ्त में युवा
International Day Against Drug 2020 : यूपी में लगातार बढ़ रहा नशे का शिकंजा, गिरफ्त में युवा

लखनऊ, जेएनएन। शराब और मादक पदार्थों का जिक्र आते ही आपके जहन में सबसे पहले उड़ता पंजाब फिल्म की झलक आती होगी। यही लगता होगा कि पंजाब और दिल्ली में नशे का कारोबार और उसके आदी सबसे ज्यादा होंगे। लेकिन, ऐसा नहीं है। ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स), दिल्ली के वर्ष 2019 में किए गए एक सर्वे की रिपोर्ट अलग तस्वीर पेश करती है। सबसे बड़ी आबादी वाले उत्तर प्रदेश में नशे के आदी लोगों की संख्या भी सबसे अधिक है। चिंता की बात यह कि उत्तर प्रदेश के युवाओं के साथ किशोरों में भी नशे की लत बढ़ रही है।

loksabha election banner

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, लखनऊ के जोनल डायरेक्टर प्रशांत श्रीवास्तव बताते हैं कि एम्स दिल्ली के सर्वे के अनुसार देश में शराब व मादक पदार्थों का सेवन करने वाले लोगों में 10 से 17 साल की उम्र के किशोर भी हैं, जो सबसे अधिक चिंता का कारण है। मादक पदार्थों की तस्करी पर शिकंजा कसने के लिए सभी एजेंसियों को एकजुट प्रयास करने होंगे। बताते हैं कि सर्वे के अनुसार देश में शराब पीने वालों की संख्या करीब 16 करोड़ है। इनमें शराब के लती लोगों की संख्या लगभग 5.7 करोड़ है। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि शराब के आदी लोगों की श्रेणी में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है।

उत्तर प्रदेश में 1.6 करोड़ लोग शराब के आदी हैं, जबकि दूसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश में ऐसे प्रॉब्लम यूजर की संख्या 47 लाख, तमिलनाडु में 37 लाख और मध्य प्रदेश में 31 लाख है। दूसरी ओर भांग, गांजा व चरस के नशे की बात करें तो उत्तर प्रदेश में इसके आदी 28 लाख लोग हैं, जबकि पंजाब में 5.7 लाख, उड़ीसा में 4.6 लाख, महाराष्ट्र में 4.6 लाख और छत्तीसगढ़ में इन नशों के लती लोगों की संख्या 3.8 लाख है।

किशोरों में नशे के बढ़ते चलन ने और बढ़ाई चिंता : अफीम, हेरोइन व अन्य मादक पदार्थों के प्रॉब्लम यूजर दूसरे राज्यों के मुकाबले यूपी में अधिक हैं। यहां तक सूंघ कर किये जाने वाले नशों के जाल में प्रदेश के करीब 94 हजार किशोर फंस चुके हैं। दूसरे राज्यों के मुकाबले यह आंकड़ा भी सबसे अधिक है। प्रशांत श्रीवास्तव के अनुसार एम्स दिल्ली ने अपना सर्वे 2011 की जनगणना के जरिए वर्ष 2018 में दशकीय वृद्धि दर के आधार पर किया है।

बढ़ रही तस्करी भी : उत्तर प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी भी बढ़ रही है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, लखनऊ ने वर्ष 2019 में 8359.44 किलो गांजा, 183.65 किलो चरस, 6.650 किलो हेरोइन, 24.215 किलो अफीम व अन्य मादक पदार्थ बरामद किए थे। इस वर्ष अब तक 2666.6 किलो गांजा, 31.37 किलो चरस, 360.384 किलो अफीम व अन्य मादक पदार्थ बरामद किए हैं।

अंतराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस : हर वर्ष 26 जून को 'अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस' मनाया जाता है। नशीली वस्तुओं और पदार्थों के निवारण के लिए 'संयुक्त राष्ट्र महासभा' ने 7 दिसंबर 1987 को यह प्रस्ताव पारित किया था और तभी से हर साल लोगों को नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इसे मनाया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.