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AKTU Convocation Ceremony in Lucknow : स्वर्ण सी चमकीं बेटियां, मेधावियों ने शेयर किया सफलता का राज

AKTU Convocation Ceremony in Lucknow दीक्षा समारोह में मुख्य अतिथि पर्यावरणविद् अनिल प्रकाश जोशी हुए शामिल। 55181 छात्र-छात्राओं को विभिन्न पाठ्यक्रमों की मिली उपाधि। 90 मेधावियों को पीएचडी की उपाधि 65 मेधावियों को स्वर्ण रजत और कांस्य पदक।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 12:44 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 09:20 AM (IST)
AKTU Convocation Ceremony in Lucknow : स्वर्ण सी चमकीं बेटियां, मेधावियों ने शेयर किया सफलता का राज
AKTU Convocation Ceremony in Lucknow : एकेटीयू में 60 फीसद मेडल पर बेटियों का कब्जा।

लखनऊ, जेएनएन। AKTU Convocation Ceremony in Lucknow : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के 18वें दीक्षा समारोह में पदक से लेकर डिग्री तक बेटियां छाई रहीं। 23 में से 15 स्वर्ण पदक बेटियों के नाम रहे। अजय कुमार गर्ग कॉलेज गाजियाबाद की इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन की बीटेक की छात्रा सृष्टि सिंह को कुलाधिपति स्वर्ण पदक व जेएसएस एकेडमी ऑफ टेक्निकल एजुकेशन गौतमबुद्ध नगर की इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन की बीटेक की छात्रा ऋतु वर्मा को कमल रानी स्वर्ण पदक दिया गया। समारोह में 90 पीएचडी छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई। कुल 65 मेधावियों को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक दिए गए। इसके अलावा सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज के दो विद्यार्थियों को भी स्वर्ण पदक दिए गए। समारोह में 55181 छात्र-छात्राओं को विभिन्न पाठ्यक्रमों में उपाधि दी गई। विवि के पूर्व छात्र नीरज सरन श्रीवास्तव को डिस्टेंगविस एल्युमिनाई अवॉर्ड दिया गया। 

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एकेटीयू का दीक्षा समारोह सुबह 11:45 पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुआ। विवि परिसर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी बहुद्देशीय सभागार में हुए समारोह की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने अध्यक्षता की। मुख्य अतिथि पर्यावरणविद् पद्मभूषण से सम्मानित अनिल प्रकाश जोशी को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने डॉक्टर ऑफ साइंस (डीएससी) की मानद उपाधि से दी। 

हमारे गांव ही हमारे पांव: अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि हमारे गांव ही हमारे पांव हैं। पश्चिमी विज्ञान ही नहीं, पूरब के विज्ञान की भी पकड़ हमेशा से मजबूत रही है। हमारी प्रकृति ही सबसे बड़ी संपदा है, दुनिया में अगर कहीं प्रकृति को पूजा जाता है तो वह हमारे देश में। कोरोना काल का जिस तरह से हमारे देश ने सामना किया, उससे निश्चित तौर पर इस बात के संकेत मिले हैं कि हम कुछ इतिहास रचने जा रहे हैं। इस दौरान हमने तमाम कष्ट सहे, मगर इस बात को हमेशा स्मरण रखना होगा कि सुविधाओं से नहीं, कष्टों से हमें सीख मिलती है। पिछले एक दशक में हमारे देश ने विश्व में एक अलग पहचान बनाई है। हम आत्मनिर्भर बनकर ही सम्मान हासिल कर सकते हैं। 

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कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हुई जीत पर हो शोध: राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि कई लोगों ने कहा था कि जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, वैसे-वैसे कोरोना संक्रमण बढ़ेगा, मगर ऐसा हुआ नहीं। यह हमारी बड़ी उपलब्धि है। हमें इस पर शोध करना होगा, ताकि भविष्य में कोई ऐसी बीमारी हो तो हम उसका सामना कर सकें। उन्होंने कहा कि हमने कुलपति से बात की और राजभवन में सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्रधानाचार्यों के साथ मुलाकात की। आज 26 निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों ने पांच-पांच आंगनबाड़ी गोद ली है। राज्यपाल ने कहा कि सिर्फ डिग्री हासिल करने तक मतलब न रखें। समाज के प्रति अपने दायित्वों का भी निर्वहन करते रहें। लखनऊ में नारी जेल है, वहां जाने पर पता चला कि यहां तीन सौ महिलाएं हैं। मैं उनसे मिली, उन्होंने छुड़ाने के लिए कहा। उनमें से कुछ के छूटने में पांच साल बाकी हैं। पता चला किसी ने दहेज के लिए जला दिया तो किसी ने खेत के लिए मार दिया। हमें क्रोध पर अंकुश लगाने की शिक्षा देनी चाहिए। हम किसी को उकसाएं नहीं, इसकी भी शिक्षा देनी चाहिए। 

विवि की सभी छात्राओं का कराएं हीमोग्लोबिन टेस्ट : राज्यपाल

राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कुलपति से कहा, विवि की सभी बेटियों (छात्राओं) का हीमोग्लोबिन टेस्ट कराएं। ताकि यह पता चल सके कि कितनी बेटियों का हीमोग्लोबिन 13 से कम है। उन्होंने गर्भ संस्कार की जानकारी के लिए विवि में वीडियो व किताबें उपलब्ध कराने का भी सुझाव दिया। कहा, विद्यार्थियों को केजीएमयू में विजिट कराइए। ताकि, उन्हें समझ में आए कि बच्चे किस तरह कमजोर पैदा हो रहे हैं।कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि वर्ष 2020 में 1,288 शोधपत्र प्रकाशित हुए। एकेटीयू में कोरोना के खिलाफ आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर बड़ी सफलता हासिल की गई। हमने स्वच्छ कैंपस रैंकिंग में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पहला स्थान हासिल किया। करीब दो हजार युवाओं को बेहतर कैंपस प्लेसमेंट मिला। समारोह में विशिष्ट अतिथि प्राविधिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की कमी को दूर किया जा रहा है। प्रदेश सरकार तकनीकी शिक्षा से जुड़े छात्र-छात्राओं के कौशल विकास के लिए उनके संस्थान में इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के प्रयास कर रही है। अपर मुख्य सचिव प्राविधिक शिक्षा राधा एस. चौहान, कुलसचिव नंद लाल सिंह, प्रतिकुलपति प्रो. विनीत कंसल समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

मेधावियों ने बताया सफलता का राज

मां से मिली सफलता की प्रेरणा: कुलाधिपति पदक से सम्मानित अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिंग कॉलेज गाजियाबाद की बीटेक- इलेक्ट्रॉनिक एंड कॉमिनेक्शन इंजीनियरिंग की छात्रा सृष्टि सिंह ने बताया कि परीक्षा की जमकर तैयारी की। सृष्टि के पिता उमा शंकर सिंह मेरठ डेवलेपमेंट अथॉरिटी में जूनियर इंजीनियर हैं और मां अनुराधा सिंह गृहिणी हैं। सृष्टि का कहना है कि उनके साथ मां का हमेशा सपोर्ट रहता है। मां कोई भी काम नहीं करने देते थीं, पढ़ाई पर जोर देती थीं। मां कहती हैं कि सृष्टि को पढऩे के लिए कभी कहना नहीं पड़ा। सृष्टि आगे सिविल सेवा में जाना चाहती हैं। शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को पढ़ाई की मुख्यधारा से जोडऩा चाहती हैं। 

महिलाओं के लिए बनना है मिसाल: कमल रानी स्वर्ण पदक हासिल करने वाली रितु वर्मा का मानना है कि सेल्फ स्टडी बहुत अधिक महत्व रखती है। प्रोफेशनल कोर्स में इसकी अहमियत और बढ़ जाती है। इसी बात पर फोकस किया। जिसका परिणाम रहा, कई सेमेस्टर में टॉप किया था। रितु सिविल सेवा में जाना चाहती हैं। उनका कहना है कि जिनकी याद में ये मेडल मिला है, अब उन्हीं की तरह कुछ करके दिखाना है और महिलाओं के लिए एक मिसाल बनना है। 

मेहनत का परिणाम हमेशा अच्छा होता है: बीबीडीएनआइआइटी के बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले पार्थ श्री कहते हैं कि मेहनत का परिणाम हमेशा अच्छा होता है। उनका कहना है लक्ष्य निर्धारित कर हर किसी को जीवन में आगे बढऩा चाहिए। उनके पिता दिनेश कुमार वर्मा प्राइवेट टीचर हैं और मां गीता वर्मा गृहिणी हैं। वह इंजीनियरिंग सेवा में जाना चाहते हैं। इसके लिए आइआइटी से एमटेक करने का इरादा है। उन्होंने बताया कि 12वीं में फीस भरने में काफी समस्या आई, मगर पापा ने पढ़ाई के सामने यह दिक्कत नहीं आने दी। 

आप अपना काम ईमानदारी से करें: विद्या इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी मेरठ से बीएफएडी में स्वर्ण पदक हासिल करने वाली तान्या एक कामयाब फैशन डिजाइनर बनना चाहती हैं। वह कहती हैं हर किसी को कर्म करते रहना चाहिए। अगर कर्म ईमानदारी से किया गया हो तो उसका परिणाम भी निश्चित तौर पर अपेक्षित आता है। वह अपनी सफलता का श्रेय चाचा अरविंद कुमार को देती हैं। उनके पिता स्व. पंकज मलिक अब और मां अनुपमा मलिक हैं।

स्वर्ण पदक पाने वाले मेधावी

  • केआइईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन गाजियाबाद की सिविल इंजीनियरिंग की वैशाली नरूला
  • आरडी इंजीनियरिंग कॉलेज गाजियाबाद की कंप्यूटर साइंस की छात्रा अनुपम
  • श्री रामस्वरूप मेमोरियल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट लखनऊ की इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स की छात्रा अंजली राय
  • केआइईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन गाजियाबाद के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग के छात्र शुभम पांडे
  • अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिंग कॉलेज गाजियाबाद की इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन ग्रुप की छात्रा सृष्टि सिंह
  • बाबू बनारसी दास नॉर्दर्न इंडिया इंस्टीट्यूट लखनऊ के मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्र पार्थ श्री
  • नित्रा टेक्निकल कैंपस गाजियाबाद की कारपेट एंड टैक्सटाइल इंजीनियरिंग की छात्रा पूर्णिमा सिंह
  • एसआर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी लखनऊ की एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग ग्रुप की छात्रा शुभी खरे
  • हिंदुस्तान कॉलेज आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी मथुरा के केमिकल इंजीनियरिंग ग्रुप की श्वेता बाजपेई
  • केआइटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन गाजियाबाद की बी फार्मा की उन्नति बत्रा
  • सुंदरदीप कॉलेज ऑफ होटल मैनेजमेंट गाजियाबाद के बीएचएमसीटी के सुमित कुमार राय
  • राजा बलवंत सिंह इंजीनियरिंग टेक्निकल कैंपस आगरा के बीआर्क के मोहम्मद साद मलिक
  • इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नोलॉजी मेरठ के बीएफएडी की तान्या
  • बीबीडी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट लखनऊ के इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी के दीपक चौधरी
  • केआइटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन गाजियाबाद की एमबीए की छात्रा शुभी त्यागी
  • लाल बहादुर शास्त्री इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज लखनऊ की एमसीए की पलक श्रीवास्तव
  • फैकल्टी ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग के बीआर्क की आयुषी जायसवाल
  • इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी लखनऊ के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के तेजस्वी मिश्रा
  • कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सुलतानपुर की सिविल इंजीनियरिंग की रश्मि मौर्या
  • उत्तर प्रदेश टैक्सटाइल टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट टैक्सटाइल टेक्नोलॉजी ग्रुप की छात्रा फिजा फातिमा
  • बुंदेलखंड इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, झांसी की इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की शालिनी यादव
  • सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज लखनऊ के एमटेक थीसिस के वेदांत सिंह
  • सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज लखनऊ के एमटेक थीसिस के अभिषेक कौशल 

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