Indian Railway Update: रेलवे पुलों पर अब RDSO के मानकों के स्टील गर्डर, ऐसे मजबूत होंगे रोड ओवरब्रिज
Indian Railway Update रेल लाइन के ऊपर पुलों से जोखिम कम करने के लिए रेलवे बोर्ड ने उठाया कदम। लाइन पर पुल गिरने से हो चुके हैं कई हादसे। देश भर में बनने वाले ओवरब्रिज में आरडीएसओ की मुहर वाली कंपनियों के ही स्टील गर्डर लगाने के आदेश।
लखनऊ [निशांत यादव]। रेल लाइन के ऊपर से गुजरने वाले ओवरब्रिज अब पहले से अधिक मजबूत होंगे। अब अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के अप्रूवल वाले स्टील गर्डर का उपयोग ही ओवरब्रिज के स्पैन के लिए किया जाएगा। ऐसा ओवरब्रिज पर यातायात का लोड बढऩे से नीचे गुजर रही ट्रेनों के ऊपर से जोखिम कम करने के लिए किया जाएगा। देश भर में बनने वाले ओवरब्रिज में आरडीएसओ की मुहर वाली कंपनियों के ही स्टील गर्डर लगाने के आदेश रेलवे बोर्ड ने जारी किए हैं।
दरअसल रेल लाइन के ऊपर से गुजर रहे पुलों के हिस्सों के टूटकर गिरने की कुछ घटनाएं पिछले दो से तीन साल में हुई हैं। पुलों के स्टील गर्डर की गुणवत्ता पर सवाल सात साल पहले कासगंज-बरेली ब्राडगेज रेलखंड पर निर्माणाधीन पुल का हिस्सा गिरने पर उठा था। यहां रेलवे की संस्था आरकोनम के 10 में से पांच गर्डर की गुणवत्ता आरडीएसओ की जांच में गड़बड़ मिली थी। हालांकि तब इसे बदलने के बाद भी निर्माण के दौरान हादसा हो गया था। वहीं मुजफ्फरनगर में भोपा रोड पर छह जुलाई 2018 को पुल का मलबा ओएचई पर जा गिरा था। ऐसे ही कई हादसों के बीच आरडीएसओ ने तय मानक के ही स्टील गर्डर इस्तेमाल करने की संस्तुति की थी।
ऐसे मजबूत होंगे रोड ओवरब्रिज
नई रेल लाइन और अमान परिवर्तन के दौरान जो नए रोड ओवरब्रिज बनेंगे। पुल की जनरल एडजेस्टमेंट डिजाइन (जीएडी) तैयार करते समय ही आरडीएसओ से मंजूर डिजाइन वाले स्पैन बनाने की व्यवस्था की जाएगी। विशेष परिस्थिति में पुल बनाने वाले स्थल पर यदि नॉन स्टैंडर्ड स्पैन का निर्माण किया जाएगा तो जोनल रेलवे इसको दस्तावेजों में रिकॉर्ड करेगा। साथ ही वह नॉन स्टैंडर्ड स्पैन की मजबूती के लिए किए गए उपाय और भविष्य में इसको इस्तेमाल करने वाली जनसंख्या को कम करने के प्लान के बारे में भी बताना होगा। हालांकि इसके लिए आरडीएसओ की गाइड लाइन का भी पालन कराना हेागा। पुल बनाते समय आरडीएसओ के स्टैंडर्ड का पालन हो रहा है या नहीं। इसकी नियमित जांच संबंधित चीफ इंजीनियर निर्माण करेंगे। जीएडी की मंजूरी के बाद यदि नॉन स्टैंडर्ड गर्डर लगाने की आवश्यकता हुई तो केवल जोनल रेलवे ही आरडीएसओ से संपर्क करेगा।