Defence Expo 2020: अचूक हथियारों की धमक दिखाएगा भारत, इन पर खास नजर
Defence Expo 2020 पांच फरवरी से शुरू हो रही हथियारों की मंडी में मेक इन इंडिया की ताकत नजर आएगी। नौ फरवरी तक चलने वाले आयोजन में तेजस के तेज से लेकर ब्रह्मोस मिसाइल भी दिखेगी।
लखनऊ, जेएनएन। हथियारों की मंडी में भारत दुनिया को मेक इन इंडिया की ताकत दिखाएगा। भारत में स्वदेशी तकनीक से बनी एंटी सेटेलाइट मिसाइल ए-सेट से लेकर एचएएल के हल्के लड़ाकू विमान तेजस पर दुनिया की नजरें होंगी। पिछले साल जिस धनुष आर्टीलरी गन को भारतीय सेना में शामिल किया गया था, उसकी मारक क्षमता ने कई देशों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अपने लक्ष्य को 38 किलोमीटर दूरी तक मार गिराने वाली यह आर्टीलरी गन पहली बार आई है।
बारूदी सुरंग के ऊपर चलकर अपने जवानों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने के लिए रूस की तरह भारत ने भी माइन प्रोटेक्टेट व्हीकल बनाया है, जिसे बड़े पैमाने पर निर्यात करने की तैयारी है। टी-90 की तरह घातक हो चुका स्वदेशी टैंक अर्जुन भी आधुनिक उपकरणों से लैस होकर एक्सपो में अपनी मौजूदगी दर्ज कराएगा। भारत इलेक्ट्रिकल्स के कई रडार हैं, जो जल से लेकर नभ तक दुश्मन की सटीक निगरानी करते हैं।
तेजस का तेज
हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) ने दुनिया के सबसे हल्के लड़ाकू विमान को बनाया है। पिछले दिनों एयरक्राफ्ट कैरियर पर तेजस ने अरेस्ट लैंडिंग कर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया था। एयरक्राफ्ट कैरियर पर मिग 29 की जगह तेजस को तैनात करने की तैयारी है।
ए-सेट
अंतरिक्ष में दुश्मन के सेटेलाइट को मार गिराने वाली डीआरडीओ की यह एंटी सेटेलाइट मिसाइल है। भारत यह तकनीक हासिल करने वाला चौथा देश बन गया है। एक्सपो में दुनिया भर की सबसे अधिक नजर ए-सेट पर ही होगी।
एलयूएच हेलीकॉप्टर
एचएएल ने अब तक ऐसे तीन लाइट यूटीलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच) बनाए हैं। एक हेलीकॉप्टर को डिफेंस एक्सपो के फ्लाई पास्ट में शामिल किया गया है, जबकि दूसरा हेलीकॉप्टर बेंगलुरु और तीसरा लखनऊ में शोकेस स्थल पर लाया गया है। इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल सर्च एंड रेस्क्यू में होता है।
अर्जुन टैंक
डीआरडीओ ने स्वदेशी तकनीक से चार क्रू वाले अर्जुन टैंक को तैयार किया है। यह टैंक अधिकतम 70 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ सकता है। इसकी 120 एमएम गन एक मिनट में छह राउंड तक फायर कर सकती है।
धनुष
अल्ट्रालाइट होवित्जर गन धनुष को पिछले साल दीपावली पर ही भारतीय सेना में शामिल किया गया। यह 155/45 एमएम आर्टीलरी गन 38 किलोमीटर तक एक मिनट में चार राउंड फायर कर सकती है। इसे दुनिया की सबसे मारक आर्टीलरी गन में से एक माना जा रहा है।
वॉयस एक्टिवेटेड कमांड सिस्टम
आवाज से ही लड़ाकू विमान उड़ाने की तकनीक विकसित कर ली गई है। एचएएल ने वॉयस एक्टिविटेड कमांड सिस्टम वाले सुखोई एसयू 30 विमान की कॉकपिट बनाई है। इस प्रोटोटाइप की सफल टेस्टिंग भी पूरी कर ली है।
पेट्रोलिंग वेसेल्स
हिंदुस्तान शिपयार्ड लि. विशाखापट्टनम का पांच मीटर पानी तक में उतरकर निगरानी करने वाला पेट्रोलिंग वेसेल समुद्र में इकोनोमिक जोन में एंटी स्मगलिंग, कोस्टल क्षेत्र की निगरानी, मछुआरों की सुरक्षा में भारत की मजबूती को प्रदर्शित करेगा।
माइन प्रोटेक्टेट व्हीकल
भारतीय आयुध बोर्ड ने बारूदी सुरंग से निपटने के लिए माइन प्रोटेक्टेट व्हीकल बनाया है। नेपाल को इसे निर्यात किया जा चुका है, जबकि डिफेंस एक्सपो में आया व्हीकल यहां से दुबई भेजा जाएगा। साथ ही रडार से लैस व्हील आम्र्ड फाइटिंग व्हीकल भी देखने को मिलेंगे।
ब्रह्मोस मिसाइल
यह दुनिया की इकलौती सुपरसोनिक मिसाइल है, जो सबमरीन, युद्धपोत, लड़ाकू विमान और जमीन पर लांचिंग पैड से फायर की जा सकती है। मेक इन इंडिया के तहत रूस के साथ मिलकर भारत ने ब्रह्मोस को विकसित किया है।