Fight against coronavirus : गलत जानकारी बढ़ा रही है परेशानी, दिमाग पर न डालें ज्यादा बोझ
कोरोना के डर को न बनाने दें मन में घर। 19 फीसद लोग बीमारी के बारे में ज्यादा सोच रहे हैं।
लखनऊ, (कुमार संजय)। डॉक्टरों की तमाम हिदायतों के बावजूद कोरोना वायरस के भय से लोगों की नींद उड़ गई है। गलत जानकारी पढ़कर और सुनकर लोग अपने दिमाग पर ज्यादा बोझ डाल रहे हैं। हालांकि डॉक्टर यह भी कह रहे हैैं कि डरने की जरूरत नहीं है लेकिन, ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित शोध 'मेंटल हेल्थ केयर फॉर साइकेट्रिक इन पेशेंट ड्यूरिंग द कोविड' बता रहा है कि 19.2 फीसद लोग कोरोना को लेकर मानसिक रूप से परेशान हो गए हैैं। शोध के मुताबिक कोरोना के डर से युवा भी साइको सोमेटिक का शिकार बन रहे हैं।
मानसिक रोग विशेषज्ञ के मुताबिक डर के माहौल की वजह से भले ही लोग शारीरिक रूप से बीमार न हो रहे हों लेकिन, यह डर उनकी मानसिक सेहत को कमजोर करने के लिए काफी है। विशेषज्ञों का कहना है कि युवा से लेकर बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं तक कोरोना वायरस को बखूबी जान गए हैं लेकिन, इन सबके बीच युवा कोरोना वायरस को लेकर पैनिक भी हो रहे हैं। यही वजह है कि कोरोना को लेकर रोज आठ से दस युवा कॉल कर रहे हैं।
क्या है साइको सोमेटिक परेशानी
मेडिकल विवि के डा.एसके कार कहते है कि वायरस का डर युवाओं के बीच असुरक्षा का माहौल पैदा कर रहा है कि आगे उनकी नौकरी रहेगी या नहीं। वायरस से संक्रमित हो गए तो परिवार का क्या होगा। इसकी वजह से युवा साइको सोमेटिक के मरीज बनते जा रहे है। साइको सोमेटिक में युवाओं को एंग्जायटी, नींद का न आना, अचानक सीने में दर्द या सांस की परेशानी होने लगती है।
जिन लोगों को पहले से परेशानी, लेते रहें दवाएं
जो लोग पहले से डिप्रेशन और ओसीडी (जिसमें लोग ज्यादा सोचते हैं और उन्हें डर लगता है) की दवाएं ले रहे हैैं, वे इसे लेते रहें। लगातार कोरोना के बारे में देखते-सुनते रहने से मास पैनिक के मामले भी बढ़ रहे हैैं।
खुद को बचाएं स्ट्रेस से
मौसम बदल रहा है। ऐसे में सर्दी, जुकाम और बुखार स्वाभाविक है। इसलिए ज्यादा तनाव लेने की जरूरत नहीं। खानपान पर्याप्त और सही रखें। पूरी नींद लें और परिचितों से बात करते रहें। तनाव मुक्त होने के लिए शराब और सिगरेट का इस्तेमाल बिल्कुल न करें। जरा सी भी परेशानी होने पर डॉक्टर से सलाह लें।