अयोध्या को लेकर बढ़ी सतर्कता, सोशल मीडिया के 4500 दागियों पर नजर; तीन स्तर पर हो रही निगरानी
Ayodhya रामजन्म भूमि प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले पुलिस खासकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर कड़ी नजर रख रही है।
लखनऊ, जेएनएन। रामजन्म भूमि प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले पुलिस खासकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर कड़ी नजर रख रही है। पांच सालों में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक संदेशों को वायरल करने के करीब 4500 आरोपित पुलिस की रडार पर हैं। इनमें एक से अधिक बार आपत्तिजनक पोस्टों को लेकर कार्रवाई के घेरे में आ चुके आरोपितों को सूचीबद्ध कर उनकी जमानतें रद कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
आइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी का कहना है कि सोशल मीडिया पर बार-बार गड़बड़ी करने वाले तत्वों को चिह्नित कर उन पर कड़ी निगाह रखने के निर्देश दिए गए हैं। कानून-व्यवस्था शाखा, इंटेलीजेंस व डीजीपी मुख्यालय की सोशल मीडिया सेल द्वारा चुनिंदा शब्दों के जरिये सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे संदेशों की निगरानी की जा रही है। खासकर ऐसे वायरल संदेशों पर नजर रखी जा रही है, जिनसे कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर प्रतिक्रिया देने अथवा साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ आइटी एक्ट के साथ आइपीसी की संबंधित धाराओं में भी कार्रवाई की जाएगी।
वायरल संदेशों की निगरानी कर रही पुलिस
पुलिस खास सॉफ्टवेयर के जरिये फेसबुक, वॉट्सऐप, ट्विटर व इंस्टाग्राम पर वायरल संदेशों की निगरानी कर रही है। आइजी का कहना है कि पुलिस 1090 की तर्ज पर पहले आपत्तिजनक पोस्ट करने अथवा उसे शेयर व लाइक करने वालों की काउंसलिंग का भी प्रयास कर रही है। न समझने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। बताया गया कि हिंदुत्ववादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या के बाद 18 अक्टूबर से अब तक सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक संदेश वायरल करने वालों के खिलाफ 72 केस दर्ज किए गए हैं। आइजी ने कहा कि यदि किसी संदेश से कहीं स्थिति बिगड़ती है अथवा कोई विवाद होता है तो संबंधित के खिलाफ रासुका के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।
अफवाह रोकने के लिए सोशल मीडिया पर लग सकता बैन
कानून-व्यवस्था की स्थिति आकलन करने गोरखपुर आए नोडल पुलिस अधिकारी और एडीजी एटीएस डीके ठाकुर ने कहा कि अयोध्या पर फैसला आने के बाद के हालात से निपटने को पुलिस पूरी तरह से तैयार है। फैसले के बाद अफवाहों को रोकने के लिए डीएम और एसएसपी की रिपोर्ट पर सोशल मीडिया पर भी वैन लगाया जा सकता है। एडीजी एटीएस ने नेपाल बार्डर से आतंकियों के उत्तर प्रदेश में घुसने की सूचना को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मिली सूचना सटीक नहीं थी, बल्कि आशंकाओं पर आधारित थी। फिलहाल इस तरह की कोई ताजा सूचना नहीं है। सुरक्षा को लेकर हमारे इंतजाम काफी पुख्ता हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हम हर समय तैयार भी हैं। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से नेपाल के रास्ते सात आतंकियों के उत्तर प्रदेश में आने की सूचना सरगर्म थी। आतंकियों के नाम भी बताए जा रहे थे। तब देश की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां भी सक्रिय हो गई थीं।