Move to Jagran APP

लखनऊ और मुंबई के ठिकाने पर आयकर सर्वे में बिना हिसाब-किताब भारी लेनदेन

हवाला के लेनदेन और संपत्ति में काले धन के निवेश की सूचना पर आयकर विभाग ने मंगलवार को लखनऊ के एक कारोबारी के यहां छापा मारा।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 10:50 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 08:27 AM (IST)
लखनऊ और मुंबई के ठिकाने पर आयकर सर्वे में बिना हिसाब-किताब भारी लेनदेन
लखनऊ और मुंबई के ठिकाने पर आयकर सर्वे में बिना हिसाब-किताब भारी लेनदेन

लखनऊ (जेएनएन)। हवाला के लेनदेन और संपत्ति में काले धन के निवेश की सूचना पर आयकर विभाग ने मंगलवार को लखनऊ के एक कारोबारी के यहां छापा मारा। राजाबाजार व सुभाष मार्ग स्थित ठिकानों के साथ लखनऊ में पांच और मुंबई में एक स्थान पर मंगलवार सुबह शुरू हुआ छापा देर रात तक जारी था। आयकर अधिकारियों ने बड़ी मात्रा में टैक्स चोरी, काला धन और बेनामी संपत्ति मिलने की आशंका जताई है। पुराने लखनऊ के निवासी व कारोबारी कन्हैयालाल रस्तोगी के ठिकानों पर आयकर टीम ने सुबह आठ बजे दस्तक दी।

loksabha election banner

आयकर के उप निदेशक जांच जयनाथ वर्मा ने बताया कि कन्हैयालाल रस्तोगी, उनकी पत्नी अनीता रस्तोगी तथा दो पुत्रों उमंग व तरंग रस्तोगी से संबंधित दो आवासों व तीन कार्यालयों की जांच लखनऊ में की गई, जबकि मुंबई स्थित एक ऑफिस में भी साथ ही छापे की कार्रवाई शुरू की गई। इस दौरान कन्हैयालाल व परिवारीजन द्वारा संचालित की जा रहीं पांच फर्मों के कामकाज की जांच की गई। इसमें मेसर्स श्रीराम सावित्री बिल्डर्स एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स हेडगे टाइटन फिनकॉप प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स केसरी सुत माइक्रो क्रेडिट फाउंडेशन, मेसर्स हेरंब क्रेडिट रिंग प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स करम दर्शन व मेसर्स मां दुर्गा ब्रिक फील्ड शामिल थीं।

आयकर अधिकारियों के मुताबिक इन फर्मों के जरिए घोषित तौर पर तो वेयरहाउसिंग, ईंट-भट्ठा, फाइनेंसिंग व पब्लिकेशन का काम किया जाता था, लेकिन विभाग को प्राप्त शिकायतों के मुताबिक इसकी आड़ में संबंधित फर्मों द्वारा बिना लिखापढ़ी के नकद रकम प्राप्त की जा रही है, जबकि भारी लेनदेन, संपत्ति में काला धन निवेश करने के साथ हवाला का कारोबार किया जा रहा था। इसके अलावा बड़े पैमाने पर ब्याज पर पैसा बांटने की सूचनाएं भी आयकर विभाग को प्राप्त हुई हैैं। बताया जा रहा है कि रस्तोगी परिवार द्वारा हर महीने करोड़ों रुपये सूद पर बांटे जा रहे थे। छापों में बरामद दस्तावेजों की पड़ताल में देर रात तक जुटे आयकर अधिकारियों ने बुधवार तक सही तस्वीर सामने आने की उम्मीद जताई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.