UP Nikay Chunav 2023 Result: निष्क्रिय संगठन, भितरघात और परिवारवाद ने यूपी निकाय चुनाव में निकाली सपा की हवा
UP Nikay Chunav 2023 Result यूपी नगरीय निकाय चुनाव में प्रदेश की 17 नगर निगम सीटों में से एक भी समाजवादी पार्टी के हाथ नहीं लगी। वहीं लखनऊ सहित अन्य जिलों में निष्क्रिय संगठन भितरघात और परिवारवाद ने सपा की हवा निकाल दी।
लखनऊ, [निशांत यादव/जासं]। UP Nikay Chunav 2023 Result संगठन की निष्क्रियता, मेहनती कार्यकताZ की जगह अपनों को टिकट देने और भीतरघात के कारण लखनऊ के नगर निगम के साथ नगर पंचायत चुनाव में सपा की हवा निकल गई। शहरी क्षेत्रों में सपा का प्रदर्शन पिछली बार से अधिक पिछड़ गया। पिछली बार 34 वार्ड में सपा के पार्षद चुने गए थे, यह संख्या इस बार 21 हो गई। वहीं सपा गांवों में भी वर्ष 2017 का प्रदर्शन नहीं दोहरा सकी।
पिछली बार सपा ने नगर पंचायत की आठ में से पांच सीट सपा ने वर्ष 2017 में जीती थी। पिछले साल विधानसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तीन जुलाई 2022 को महानगर, जिला संगठन सहित सभी कार्यकारिणी भंग कर दी थी। संगठन भंग होने के बाद क्षेत्रों में पार्टी कार्यकताZओं की सक्रियता भी कम हो गई। निकाय चुनाव से ठीक पहले सपा ने जय सिंह जयंत को दोबारा जिलाध्यक्ष और सुशील दीक्षित महानगर अध्यक्ष बना दिया। इस बीच निकाय चुनाव की घोषणा हो गई।
अखिलेश यादव ने पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप की अध्यक्षता में नगर निगम चुनाव प्रबंध की कमेटी बनायी। इस कमेटी के बावजूद पार्षदी के दावेदारों की सूची ने मौजूदा दोनों विधायकों और विधानसभा प्रभारियों ने महानगर संगठन से साझा ही नहीं की। यहीं कारण रहा कि नामांकन के अंतिम दिन तक कई दावेदारों के टिकट काटे गए। महानगर संगठन ने 110 में से 83 और जिला संगठन ने 26 वार्डों में प्रत्याशी उतारे।
महानगर अध्यक्ष सुशील दीक्षित ने बेटे मयंक दीक्षित को गुरुनानक नगर वार्ड से टिकट दिया, महिला प्रकोष्ठ की पूर्व जिलाध्यक्ष प्रेमलता यादव जानकीपुरम, शमिZला महाजन ने काल्विन कालेज-निशातगंज वार्ड से चुनाव लड़ा। तीनों ही अपनी सीट हार गए। गीतापल्ली वार्ड से पूर्व पार्षद सुरेश चौहान ने नामांकन लिया, यहां जिलाध्यक्ष जय सिंह जयंत के रिश्तेदार अरविंद यादव को टिकट मिला। सुरेश चौहान ने निर्दलीय लड़ा और करीब 500 वोट काटे। इस भीतरघात में यह सीट भी सपा हार गई।
अरविंद यादव की पत्नी वर्ष 2017 में पार्षद का चुनाव जीती थी। इब्राहिमपुर प्रथम वार्ड ने अर्जुनगंज की रहने वाली शांति यादव को सपा ने उतारा। क्षेत्रीय विरोध के बीच इस वार्ड में सपा तीसरे नंबर पर रही। दूसरे नंबर पर निर्दलीय मो. उस्मान उर्फ लल्लन रहे। गढ़ी पीर खां में पिछली बार के पार्षद अयाजुर्रहमान उर्फ अल्लाह प्यारे का टिकट काटकर सिमरन सक्सेना को दिया गया।
अल्लाह प्यारे की पत्नी शाइस्ता परवीन निर्दलीय लड़ीं और जीत दर्ज की। चौक बाजार कालीजी वार्ड से मुदित कपूर का टिकट काटकर आचार्य नरेंद्र देव वार्ड से पिछली बार पार्षद रहे राजकुमार सिंह राजा सिंह को टिकट दिया गया। राजा सिंह इस सीट को नहीं जीत पाए। हुसैनाबाद वार्ड में नुसरत हसन लाला का टिकट काटकर यास्मीन हाशमी को दिया गया। यास्मीन तीसरे नंबर पर रहीं। चुनाव से पहले चरनजीत गांधी राजू गांधी भाजपा में शामिल हुए और सपा को इस सीट का भी नुकसान उठाना पड़ा।
नहीं दिखा बड़ा चेहरा
नगर निगम चुनाव में जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई सभाएं की। वहीं अखिलेश यादव केवल एक मेट्रो यात्रा को छोड़ चुनाव प्रचार से दूर रहे। ट्रांसपोर्टनगर से भूतनाथ तक मेट्रो सफर में भी वह किसी मतदाता से नहीं मिल सके थे। शिवपाल सिंह यादव ने जरूर मलिहाबाद में सभा की थी।
होटल से बांटे गए टिकट
ऐसा पहली बार हुआ जबकि पार्षद और नगर पंचायत के टिकट पाटीZ कायाZलय की जगह होटल से बांटे गए। नामांकन से एक दिन पहले सारी रात आवेदकों को बुलाकर टिकट बांटा गया। इंटरनेट मीडिया पर वरिष्ठ कार्यकताZओं ने इसका विरोध दर्ज कराया। चुनाव में उन्होंने भी दूरी बनाए रखी।