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Doctor Advice: गर्भवती इम्युनिटी रखें फिट, टलेगा कोरोना का खतरा

गुरुवार को हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में क्वीनमेरी हॉस्पिटल की चिकित्सक डॉ. पुष्पलता शंखवार ने महिलाओं के सवालों के जवाब दिए और बीमारियों से बचाव के उपाए बताए।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 06:50 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 08:36 AM (IST)
Doctor Advice: गर्भवती इम्युनिटी रखें फिट, टलेगा कोरोना का खतरा
Doctor Advice: गर्भवती इम्युनिटी रखें फिट, टलेगा कोरोना का खतरा

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण में गर्भवती महिलाएं हाई रिस्क ग्रुप में हैं। तनिक भी असावधानी जच्चा-बच्चा दोनों के लिए घातक हो सकती है। लिहाजा, शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बेहतर बनाए रखें। पौष्टिक आहार लें। डॉक्टर के परामर्श पर आयरन, विटामिन-सी, कैल्सियम, मल्टी विटामिन की डोज लें। यह इम्युनिटी सिस्टम मजूबत रखेंगी, जो कोरोना संक्रमण के बचाव में मददगार बनेंगी। 

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पीसीओएसडी से बांझपन-गर्भपात का खतरा

डॉ. शंखवार के अनुसार पीसीओएसडी के कारण 15 से 20 फीसद महिलाएं बांझपन का शिकार हो रही हैं। वहीं 20 फीसद में गर्भपात की समस्या हो रही है। यह महिलाएं गले में काला पन आने पर सतर्क रहें। यह पीसीओएसडी का लक्षण है। वहीं गर्भधारण के वक्त व सात माह पर 75 ग्राम ग्लूकोज पीकर डायबिटीज की जांच कराएं। 140 से अधिक स्तर आने पर डॉक्टर की निगरानी में रहें।

पहले प्लानिंग, फिर प्रेग्नेंसी

प्रेग्नेंसी (गर्भावस्था) की पहले पूरी प्लानिंग कर लें। खासकर, मां-शिशु का जोखिम कम करने के लिए गर्भावस्था के पूर्व रक्त, थायरॉइड, शुगर, ब्लड प्रेशर, वायरल मार्कर टेस्ट कराएं। इससे बीमारी को नियंत्रित कर जोखिम कम किया जा सकेगा। इसके बाद प्रसव पूर्व की सभी जांच समय-समय पर अनिवार्य हैं।

हाईरिस्क प्रेग्नेंसी के ये हैं कारण

पहले बच्चे में गड़बड़ी, पहले बच्चे में सिजेरियन प्रसव, गर्भपात की समस्या, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज, टीबी, एनीमिया, गर्भ में बच्चे का बड़ा होना-उल्टा होना, गर्भ में फ्ल्यूड का अधिक या कम होना।

गर्भावस्था में खतरे के लक्षण : बेहोशी आना, अचानक तेज दर्द होना, रक्तस्राव होना, पानी की थैली फूटना, तेज बुखार आना, झटके आना। 

प्रश्न : दस वर्ष की बच्ची है। अभी से माहवारी शुरू हो गई। उसे काफी दिक्कत हो रही है।-- दीक्षा, लखनऊ

उत्तर : कई बालिकाओं में नौ से दस वर्ष में माहवारी होने लगी है। घबराएं नहीं, स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखा लें। यह देखना होगा कि फिजियोलॉजिकल समस्या है या कुछ और है। खानपान पर ध्यान रखें।

प्रश्न : 19 वर्ष की हूं। लंबाई 156 सेमी है। वहीं वजन 38 किग्रा ही है। क्या करें।-निशा, लखनऊ

उत्तर : पौष्टिक आहार लें। हरी सब्जी, दाल खाएं। सुबह व्यायाम अवश्य करें। मलाईदार दूध में प्रोटीन पाउडर मिलाकर पीएं।

प्रश्न : जननांगों में दाने निकल रहे हैं। इलाज में फायदा नहीं हो रहा है।- प्रिया, लखनऊ

उत्तर : इसका घरेलू इलाज कोई नहीं है। एक बार क्वीनमेरी में दिखा लें। जांच रिपोर्ट के बाद ही प्रोसीजर या दवा से इलाज तय किया जाएगा।

प्रश्न : सात माह की गर्भवती हूं। डॉक्टर ने बच्चा यूट्रस में नीचे बताया है। क्या करेें।--अनीता, अंबेडकर नगर

उत्तर : आपकी प्रेग्नेंसी हाईरिस्क ग्रुप में है। स्त्री रोग विशेषज्ञ के लगातार संपर्क में रहें। समय-समय पर चेकअप कराएं। प्रसव कीतय तारीख से पहले अस्पताल में भर्ती हो जाएं।

प्रश्न : 40 वर्ष की हूं। ब्लीडिंग कभी ज्यादा-कभी काफी कम होती है। क्या हो सकता है।-भावना, लखनऊ

उत्तर : यह मीनोपॉज के लक्षण हैं। अधिक ब्लीडिंग होने पर सेहत का ध्यान रखें। एक बार अल्ट्रासाउंड कराकर डॉक्टर को दिखा लें।

प्रश्न : 44 वर्ष की हूं। यूट्रेस में फाइब्रॉइड निकला है। कोरोना की वजह से डॉक्टर को दिखा नहीं पाए क्या करें। - ज्योति, लखनऊ

उत्तर : आप जो दवाएं खा रही है, उसका कोर्स तीन से छह माह का होता है। ऐसे में यदि डॉक्टर को नहीं दिखा पा रही हैं तो दवा जरूर खाती रहें। कोर्स पूरा होने पर डॉक्टर को दिखा लें।

प्रश्न : पिछले कुछ माह से माहवारी अनियमित चल रही है। दवा से फायदा नहीं हो रहा है। -पूजा, सीतापुर

उत्तर : बेवजह दवा का सेवन न करें। तनाव न लें, व्यायाम करें। धीरे-धीरे चक्र सही आ जाएगा। खानपान का ध्यान रखें।

प्रश्न : 24 वर्ष की हूं। शरीर में अवांक्षित जगहों पर बाल निकल रहे हैं। साथ ही माहवारी गड़बड़ है। -देविका, लखनऊ

उत्तर : आपको पॉलिसिस्टिक ओबेरियन सिंड्रोम डिजीज (पीसीओएसडी) की समस्या है। अल्ट्रासाउंड व खून की जांचें होंगी। इसके बाद इलाज तय किया जाएगा।

प्रश्न : सात माह की गर्भवती हूं। मेरा ब्लड ग्रुप निगेटिव है। पति का पॉजिटिव है। क्या करें। -पूजा, लखनऊ

उत्तर : एक आइसीटी जांच करा लें। 28 हफ्ते बाद एंटीडी इंजेक्शन की डोज लगवाएं। डॉक्टर को समय-समय पर दिखाते रहें।

प्रश्न : 55 वर्ष की हूं। कमर के नीचे हिस्से से पैर तक दर्द बहुत होता है, क्या करें। -कलावती, हरदोई

उत्तर : मीनोपॉज के बाद यह समस्या होने लगती है। कैल्सियम की डोज लें। दुग्ध उत्पादों का सेवन करें। सुधार न होने पर डॉक्टर को दिखा लें।

प्रश्न : 48 वर्ष की हूं। कभी-कभार धड़कन बढ़ जाती है। उदासी रहती है, मन भारी रहता है। -अनीता, गोंडा

प्रश्न : यह मीनोपॉज की वजह से है। इस दरम्यान हार्मोनल बदलाव आते हैं। हर रोज कुछ देर ध्यान लगाएं व व्यायाम करें। गेहूं, सोयाबीन के मिक्स आटा की रोटी खाएं। सुधार आ जाएगा।

प्रश्न : बीपी, थायरॉइड की समस्या है। तीन बच्चे खराब हो चुके हैं। क्या करें। -सुमन, हरदोई

उत्तर : घबराएं नहीं। दोबारा सभी टेस्ट कराएं तब इलाज कराएं। इस बार बीपी-थायरॉइड नियंत्रित होने पर ही प्रेग्नेंसी प्लान करें।

प्रश्न : 18 वर्ष की हूं। चार वर्ष से पीरियड अनियमित हो रहे हैं। क्या करें। -मुस्कान, बहराइच

उत्तर : शुरुआत में एक-दो वर्ष पीरियड अनियमित होना

कोई विशेष बात नहीं। मगर, चार वर्ष हो गए हैं तो डॉक्टर को दिखा लें। अल्ट्रासाउंड व हार्मोनल टेस्ट भी करा लें।

प्रश्न : 50 वर्ष उम्र है। तीन वर्ष से जननांगों से सफेद पानी निकलने की दिक्कत है। -लीला, सीतापुर

उत्तर : यह सर्वाइकल डिस्चार्ज है। इंफेक्शन हो सकता है। ट्यूमर आदि की पुष्टि के लिए पैप स्मीयर जांच करा लें।

प्रश्न : पहले पेशाब में जलन, हैवी पीरियड होते थे। अब चेहरे पर सूजन आ गई है। -र‍‍ि‍ंंकी, अमेठी

उत्तर : चेहरे पर सूजन के कारण, किडनी, हार्ट व हार्मोनल समस्या हो सकती है। एक बार डॉक्टर को दिखा लें।

प्रश्न : बच्चेदानी में सिस्ट है। पीरियड जल्दी और ब्लीडिंग अधिक होती है। -अंजू, सीतापुर

उत्तर : ब्लीडिंग अधिक हो रही है तो डीएनसी चेकअप कराएं। यह यूट्रस की जांच है। बीमारी की पुष्टि होने के बाद उपचार कराएं। देर न करें।

प्रश्न : गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड किस-किस समय कराना चाहिए। -रजनी, हरदोई

उत्तर : पहला अल्ट्रासाउंड 6 से 12 सप्ताह पर, दूसरा 18 से 20 सप्ताह पर, तीसरा 34 से 36 सप्ताह पर कराएं।

यह भी जानें

  • 11 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन माइल्ड एनीमिया
  • नौ ग्राम से कम हीमोग्लोबिन मॉडरेट एनीमिया
  • सात ग्राम से कम हीमोग्लोबिन एनीमिया 

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