अब लखनऊ को नो ट्रिपिंग जोन बनने की तैयारी, 97 करोड़ से सुधरेगी बिजली व्यवस्था
कल्याणपुर, सेक्टर 25, सर्वोदय नगर, कमता उपकेंद्र का होगा अपना सोर्स, लेसा के 12 खंडों में 12 करोड़ से बदली जा रही है एबीसी।
लखनऊ, अंशू दीक्षित। बिजली की आंख मिचौली का खेल आने वाले चंद महीनों में पूरी तरह से बंद हो जाएगी। जिन उपकेंद्रों में बिजली कटौती को लेकर प्रदर्शन होते हैं, वहां के उपभोक्ता अब चैन की नींद सो सकेंगे। क्योंकि ऐसे उपकेंद्र के अपने सोर्स खुद होंगे। लेसा के 12 खंडों में 12 करोड़ की लागत से पुराने जर्जर एबीसी तारों की जगह नया बिजली तारों का जाल बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है। कुल 97.15 करोड़ रुपये खर्च करके लखनऊ को नो ट्रिपिंग जोन बनाने की पहल तेज कर दी गई है।
दो लाख उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली देने के लिए उपकेंद्रों तक स्वतंत्र व द्वितीय स्रोत से लैस करने के लिए 38 किमी. तक 33 केवी भूमिगत लाइन बिछाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। इससे कल्याणपुर, सेक्टर 25, सवरेदय नगर, कमता उपकेंद्र दूसरे उपकेंद्रों पर बिजली के लिए निर्भर नहीं रहेंगे और बिजली संकट से निजात मिल सकेगी। वर्तमान में उक्त उपकेंद्रों पर पिछले कई सालों से पीक सीजन (अप्रैल से जुलाई) में संकट बढ़ जाता है, नतीजतन रात रात भर बिजली संकट रहता है। राजधानी के 11 केवी के लोडेड फीडर को लोड विभाजित करने के साथ ही 497 एलटी सर्किटों को भी चरणबद्ध तरीके से अलग किया जाएगा।
क्या कहते हैं अफसर?
एलएमआरसी के एमडी संजय गोयल का कहना है कि नो ट्रिपिंग जोन बनाने को लेकर काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए 97.15 करोड़ का प्रोजेक्ट मंजूर किया गया है। प्रयास है कि आगामी गर्मी से पहले बिजली का इंफ्रास्ट्रक्चर और मजबूत कर लिया जाए।
ई सुविधा केंद्रों से गायब हुए एलईडी बल्ब
राजधानी के ई सुविधा केंद्रों व उपकेंद्रों पर एलईडी बल्ब, पंखे और ट्यूब लाइट फिलहाल नहीं बिक रहे हैं। इससे तो उतनी परेशानी नहीं है, जितनी उन उपभोक्ताओं को हैं, जो फ्यूज एलक्ष्डी बल्बों को वापस करने के लिए परेशान घूम रहे हैं। राजाजीपुरम ओल्ड व न्यू, वृंदावन के तीनों उपकेंद्र, ऐशबाग, क्लाइड रोड, गोखले मार्ग, 1090 चौराहा सहित कई उपकेंद्रों पर संकट छाया हुआ है। गोमती नगर स्थित ई सुविधा केंद्र से भी लोग लौट रहे हैं। काउंटर पर बैठे कर्मियों को एलईडी बेचने वालों की जानकारी नहीं है, वहीं अभियंता भी जल्द बिक्री शुरू होने का आश्वासन दे रहे हैं।