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मातृभूमि योजना : अपने गांव को संवारने का है सपना तो यूपी सरकार देगी साथ, बस करना होगा इतना काम

प्रदेश सरकार ने गांवों के विकास में आपकी भागीदारी का द्वार खोल दिया है। विकास की योजना आपकी होगी उसमें आप 60 फीसद धन देंगे तो सरकार भी 40 प्रतिशत खर्च उठाएगी। इतना ही विकास का सारा श्रेय शिलापट आदि आपका ही लगेगा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 11 Nov 2021 01:02 PM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 03:45 PM (IST)
मातृभूमि योजना : अपने गांव को संवारने का है सपना तो यूपी सरकार देगी साथ, बस करना होगा इतना काम
विकास कार्य की लागत का 60 फीसद खर्च उठाएं तो 40 प्रतिशत धन देगी सरकार।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। आपका जन्म गांव में हुआ या आपके पूर्वज फलां गांव के रहे हैं इस नाते आपका वहां से विशेष लगाव है। नौकरी व व्यवसाय की वजह से आप दूर शहर में, दूसरे राज्य या विदेश में रह रहते हुए मातृभूमि को संवारना चाहते हैं तो आगे आइए ...। प्रदेश सरकार ने गांवों के विकास में आपकी भागीदारी का द्वार खोल दिया है। विकास की योजना आपकी होगी, उसमें आप 60 फीसद धन देंगे तो सरकार भी 40 प्रतिशत खर्च उठाएगी। इतना ही विकास का सारा श्रेय शिलापट आदि आपका ही लगेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट ने 'उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना' के क्रियान्वयन प्रस्ताव पर मुहर लगा दिया है। असल में प्रदेश के बड़ी संख्या में लोग गांव से निकलकर देश के विभिन्न शहरों व विदेश में कार्यरत हैं। गांव में रह रहे व बाहर गए सुविधा संपन्न लोग अपने गांव के विकास में योगदान देना चाहते हैं, लेकिन कोई व्यवस्थित प्लेटफार्म न होने की वजह मन मसोस रहे थे। उन्हें व निजी संस्था को मौका दिया गया है।

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सोसाइटी का होगा गठन, सीएम होंगे अध्यक्ष : योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 'उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसाइटी' का गठन किया जाएगा। इस सोसाइटी के तहत गवर्निंग काउंसिल में मुख्यमंत्री अध्यक्ष व पंचायतीराज मंत्री उपाध्यक्ष होंगे। इसके अलावा संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, सदस्य और अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज विभाग सदस्य सचिव होंगे। साथ ही कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में सशक्त समिति का गठन किया गया है। इसमें संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव, सदस्य व निदेशक, पंचायतीराज उप्र सदस्य सचिव होंगे।

इस तरह लागू होगी योजना : योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली अनुदान की राशि यानि 40 प्रतिशत या उससे कम राशि की व्यवस्था कार्य से संबंधित विभागों के बजट प्रावधानों से की जाएगी। 'उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसायटी' का पंजीकरण सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत कराया जाएगा। सोसायटी का राज्य स्तर पर एस्क्रो बैंक अकाउंट व जिला स्तर पर मातृभूमि योजना सोसायटी के तहत अलग से बैंक अकाउंट खुलवाया जाएगा। सोसायटी को 100 करोड़ की कारपस फंड उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका उपयोग किसी योजना के लिए राज्यांश के बजट की उपलब्धता न होने पर किया जाएगा व बजट उपलब्ध होने पर इसे वापस किया जाएगा। इस फंड के ब्याज से योजना के संचालन का व्यय भार वहन किया जा सकेगा।

पसंद की एजेंसी से करा सकेंगे कार्य : योजना के तहत दानकर्ता की इच्छा के अनुसार उसकी पसंद की एजेंसी के माध्यम से कार्य कराया जाएगा। एजेंसी की ओर से दिये गये कार्य के नक्शे और डीपीआर आदि कार्य से संबंधित विभाग के सक्षम प्राधिकारी स्वीकृत करेंगे। कार्य पूर्ण होने के बाद एजेंसी के नियमों के अनुसार भुगतान करना होगा। दानकर्ता स्वयं भी कार्य करा सकते हैं, परंतु ऐसे मामले में सक्षम स्तर से डीपीआर अनुमोदित होगी व भुगतान सीधा वेंडर्स को किया जाएगा। निर्माण कार्यों में से कोई भी कार्य यदि कोई सरकारी या प्राइवेट कंपनी कराना चाहती है तो ऐसे कार्यों के लिए सरकारी सार्वजनिक उद्यम/निजी औद्योगिक इकाइयां कार्य की कुल लागत का 60 प्रतिशत राशि स्वयं और शेष 40 प्रतिशत राशि उस कंपनी के सीएसआर के माध्यम से सरकारी अनुदान में दे सकती हैं। यानी इस योजना के तहत कोई भी सरकारी या प्राइवेट कंपनी अपने सीएसआर में से 40 प्रतिशत इन कार्यों के लिए दे सकेगी, जिसे सरकारी अनुदान के तौर पर माना जाएगा।


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