लखनऊ, जागरण संवाददाता। बादशाहनगर मेट्रो स्टेशन के पास जिस तीन मंजिला एसएस कांपलेक्स में मंगलवार को आग लग गई, वह भी लविप्रा के अफसरों की मिलीभगत से अवैध रूप से बनाया गया था। इस कांपलेक्स को बनाने का नक्शा ही पास नहीं किया गया। वहीं निर्माण करते समय सेटबैक नहीं छोड़ा गया। भूमिगत पार्किंग के स्थान पर दुकानें बना दी गईं।
अग्निकांड के बाद एसएस कांप्लेक्स में जांच करने जाएगी एलडीए की टीम
अब इस घटना के बाद लविप्रा ने भी जांच के आदेश दिए हैं। बुधवार को लविप्रा के इंजीनियर मौके पर जाएंगे। एसएस कांप्लेक्स का निर्माण लविप्रा के प्रवर्तन जोन छह में कराया गया है। जिस भूखंड पर यह व्यावसायिक कांप्लेक्स को बनाया गया है, वहां का भूउपयोग आवासीय है। ऐसे में लविप्रा से भूउपयोग परिवर्तन कराए बिना आवासीय भूखंड पर व्यावसायिक निर्माण कराने को लेकर लविप्रा जांच करेगा।
भूमिगत पार्किंग की जगह कराया गया व्यावसायिक निर्माण
लविप्रा के इंजीनियरों से मिलीभगत के कारण ही इस अवैध कांपलेक्स का निर्माण किया गया था। कांपलेक्स को बनाते समय मानकों का पालन नहीं किया गया। भूमिगत पार्किंग की जगह व्यावसायिक निर्माण कर लिया गया था। महीनों तक चले इस अवैध निर्माण को लविप्रा के अफसरों ने रोका ही नहीं। लविप्रा प्रवर्तन जोन छह के जोनल अधिकारी रामशंकर का कहना है कि एसएस कांपलेक्स के मानचित्र सहित कई पहलुओं की जांच की जाएगी। बुधवार को लविप्रा की टीम मौके पर जाएगी।
पहले भी हुए हैं हादसे
लविप्रा के अफसरों की मिलीभगत के कारण ही चारबाग में होटल विराट और एसएसजे इंटरनेशनल में आग लगी थी। इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई थी। इस आवासीय क्षेत्र में 140 से अधिक होटल खुल गए हैं। अग्निकांड के बाद शासन स्तर पर एक जांच कमेटी बनी थी। इसमें कई आरोपी लविप्रा इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई थी। वहीं होटल लेवाना अग्निकांड में भी हुई मौतों के बाद जांच में लविप्रा, अग्निशमन और विद्युत विभाग के अधिकारी दोषी पाए गए थे।