Illegal Conversion Cases: मौलाना कलीम ने नोएडा में भी खरीदी थी दो एकड़ जमीन, दोबारा होगी पूछताछ
एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) कोर्ट से अनुमति से लेकर मौलाना कलीम से जेल में पूछताछ किए जाने की तैयारी भी कर रही है। हालांकि उससे पहले मौलाना कलीम के दिल्ली में सक्रिय कुछ अन्य साथियों के बारे में छानबीन की जा रही है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। अवैध मतांतरण मामले में गिरफ्तार मौलाना कलीम ने नोएडा में भी करीब दो एकड़ जमीन खरीदी थी। कलीम ने कोरोना काल में इस जमीन के अलावा कुछ अन्य संपत्तियां भी खरीदी थीं। इनमें कुछ संपत्तियां कलीम ने अपनी ट्रस्ट के नाम और कुछ करीबियों के नाम खरीदी थीं। नोएडा में खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री के आधार पर आगे की छानबीन की जा रही है। अन्य संपत्तियों का ब्योरा भी जुटाजा जा रहा है। एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) कोर्ट से अनुमति से लेकर मौलाना कलीम से जेल में पूछताछ किए जाने की तैयारी भी कर रही है। हालांकि उससे पहले मौलाना कलीम के दिल्ली में सक्रिय कुछ अन्य साथियों के बारे में छानबीन की जा रही है। एटीएस जल्द अवैध मतांतरण के सिंडीकेट से जुड़े कुछ अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी कर सकती है।
एटीएस ने मौलाना कलीम की दिल्ली स्थित संस्था ग्लोबल पीस सेंटर के प्रबंधक सरफराज अली जाफरी को पुलिस रिमांड पर लेकर उससे नए सिरे से पूछताछ शुरू की है। मूलरूप से अमरोहा के निवासी सरफराज के भी बैंक खाते खंगाले जा रहे हैं। सरफराज से मौलाना कलीम की संपत्तियों के बारे में जानकारियां जुटाने का प्रयास किया जा रहा है। एटीएस के एक अधिकारी का कहना है कि मौलाना कलीम के अलावा मौलाना उमर गौतम की संपत्तियों का भी ब्योरा जुटाया जा रहा है। कलीम व उमर गौतम की संस्थाओं के बीच हुए लेनदेन भी खंगाले जा रहे हैं। दरअसल, दोनों ही दिल्ली से अपनी संस्थाओं का संचालन कर रहे थे, जिनके तार महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों से जुड़े हैं।
एटीएस ने महराष्ट्र व गुजरात से इस सिंडीकेट से जुड़े सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार भी किया है। दूसरी ओर अवैध मतांतरण को लेकर देश-विदेश से हो रही फंडिंग को लेकर भी अहम साक्ष्य हाथ लगने का दावा किया जा रहा है। फंडिंग की रकम से ही कई संपत्तियां खरीदी गई थीं। मौलाना कलीम की संस्था के खातों में आई रकम कहां खर्च की गई। इसे लेकर भी अब सरफराज से पूछताछ होगी। कोर्ट ने सरफराज की शनिवार से छह दिनों की पुलिस रिमांड मंजूर की है। एटीएस उसे साथ लेकर दिल्ली भी जा सकती है। खासकर सरफराज के मोबाइल की छानबीन की जा रही है। फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से उसके मोबाइल से कुछ डाटा रिकवर किए जाने का प्रयास भी हो रहा है।