खाद्य पदार्थों का विषैलापन पकड़ेगा लखनऊ का आइआइटीआर lucknow news
खाद्य पदार्थों की जांच के लिए एफएसएसएआइ ने बनाया दर्जनभर लैब का नेटवर्क।
लखनऊ, (रूमा सिन्हा)। मिलावटखोरी के जरिए लोगों की जान खतरे में डालने वालों की निगहबानी के लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी (एफएसएसएआइ) ने एक और पहल की है। राजधानी स्थित वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) और भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आइआइटीआर) को खाद्य पदार्थों में विषैलापन के आकलन की जिम्मेदारी सौंपी है।
आइआइटीआर ही नहीं, एफएसएसएआइ ने सरकारी व गैर सरकारी लगभग एक दर्जन लैबोरेट्री का नेटवर्क तैयार किया है। नेशनल रिसर्च लेबोरेट्री के तौर पर नामित इन प्रयोगशालाओं को न केवल खाद्य पदार्थों की जांच, बल्कि जांच विधि व मानक तैयार करने की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। दरअसल, अथॉरिटी इसके जरिये अपने नेटवर्क को भी मजबूत करना चाहती है, जिससे आने वाले समय में मिलावटखोरों पर नकेल कसी जा सके।
मानक तैयार करने की भी जिम्मेदारी
आइआइटीआर के निदेशक प्रो. आलोक धावन बताते हैं कि संस्थान को न केवल रेफरेंस, बल्कि रेफरल लैबोरेट्री बनाया गया है। यानी संस्थान देशभर में बिकने वाले खाद्य पदार्थों की विषाक्तता जांच करने के साथ मानक भी तैयार करेगा। इसके अलावा जांच किट भी बनाई जाएगी। इस तरह से आइआइटीआर पर दोहरी जिम्मेदारी है।
जांच की आसान विधि भी करेंगे विकसित
अथॉरिटी के सलाहकार डॉ. एन. भास्कर बताते हैं कि नेटवर्क के जरिये अथॉरिटी जांच का एक व्यापक नेटवर्क तैयार कर रहा है। जिसके तहत न केवल जांच बल्कि आसान जांच की विधि विकसित की जाएगी और उन तमाम चीजों के मानक भी तैयार होंगे, जिनका प्रयोग खाद्य पदार्थों के तौर पर तो किया जा रहा है पर उसके कोई मानक फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं। इस सेफ्टी नेटवर्क के जरिये हर बिंदु पर मिलावट पर नजर रखी जा सकेगी।