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ट्रेन में न मिले सही खाना तो बस करना होगा इतना सा काम

उपभोक्ता हितों से संबंधित कई सवालों के जवाब दैनिक जागरण के प्रश्न पहर कार्यक्रम में आए राजधानी के जिला उपभोक्ता फोरम के न्यायिक अधिकारी राजर्षि शुक्ला ने दिए।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 06:16 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 06:16 PM (IST)
ट्रेन में न मिले सही खाना तो बस करना होगा इतना सा काम
ट्रेन में न मिले सही खाना तो बस करना होगा इतना सा काम

लखनऊ(जेएनएन)। यदि आप ट्रेन में सफर कर रहे हैं और आपका सामान चोरी हो जाता है या फिर आपको खाना सही नहीं मिलता तो आप यात्रा के एक महीने के अंदर उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर सकते हैं। उपभोक्ता हितों से संबंधित ऐसे कई सवालों के जवाब बुधवार को 'दैनिक जागरण' के प्रश्न पहर कार्यक्रम में आए राजधानी के जिला उपभोक्ता फोरम के न्यायिक अधिकारी राजर्षि शुक्ला ने दिए। 

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प्र.1-मिठाई की दुकान पर मिठाई के साथ डिब्बा व उसका ढक्कन भी दुकानदार तौलते हैं, जिससे उपभोक्ता को घाटा होता है। इसकी शिकायत कहां की जा सकती है?

(मोहन बाबू श्रीवास्तव, लखीमपुर )

उ.-डिब्बा और उसके साथ उसका ढक्कन तौलना उपभोक्ता हितों के साथ अन्याय है। इसके लिए आपको जिलापूर्ति अधिकारी से शिकायत करनी चाहिए। कार्रवाई न होने पर जिला उपभोक्ता फोरम में रसीद के साथ लिखित शिकायत कर सकते हैं।

प्र.2-मैंने जनरल कंपनी का एसी लिया और गारंटी समय में सर्विस कराई, लेकिन वह कूलिंग नहीं कर रहा है, शिकायत के बावजूद कंपनी ने कोई कार्रवाई नहीं की, अब मैं क्या करूं?

(जावेद हुसैन, सआदतगंज लखनऊ )

उ. कंपनी द्वारा खरीदे गए एसी की रसीद और शिकायती दस्तावेजों के साथ आप उपभोक्ता फोरम में प्रार्थना पत्र दे सकते हैं। कंपनी ने उपभोक्ता हितों के साथ अन्याय किया है। कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

प्र.3-मैंने एक आदमी को आरटीजीएस के माध्यम से पैसे उसके खाते में भेजे थे, लेकिन उसने वापसी का चेक दिया, लेकिन उसके खाते में पैसे ही नहीं हैं, क्या उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर सकते हैं?

(मदनपाल सिंह, हरदोई)

उ.-पैसा स्थानांतरण का आपका मामला व्यक्तिगत है। इसके लिए आप पहले बैंक में उस चेक को लगाइए। बाउंस होने पर उसकी शिकायत नजदीकी थाने में करिए। उसके बाद आप अदालत में केस फाइल कर सकते हैं। यह मामला उपभोक्ता हितों के बजाय व्यक्तिगत है। ऐसे में आप उपभोक्ता फोरम में शिकायत नहीं कर सकते।

प्र.4-बैंक में खाता खुलवाया था, लेकिन बैंक पैसा वापस करने से पहले ही भाग गई, अब क्या करें?

(जमील अहमद, हरदोई)

उ.-आप व्यक्तिगत या फिर सामूहिक रूप से इसकी शिकायत थाने और फिर पुलिस के उच्च अधिकारी से कर सकते हैं। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती है तो आप सिविल कोर्ट में वाद दायर कर सकते हैं। 

प्र.5-दुकानदार बिल न दे तो क्या करें? (चंदन कुमार, गोंडा)

उ. यदि आप कोई सामान खरीद रहे हैं और आपको वह बिल नहीं दे रहा है तो आप जिलापूर्ति अधिकारी से शिकायत कर सकते हैं। बिल लेना आपका अधिकार है। यदि आपको सही बिल नहीं दिया गया तो आप उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर सकते हैं। 

प्र.6-मैंने बाराबंकी में किस्त पर प्लॉट लिया था, लेकिन किस्त नहीं जमा कर पाया। प्लॉट भी नहीं मिला और जमा पैसा भी वापस नहीं हो रहा है, क्या करें? (रोहित, सर्वोदयनगर लखनऊ)

उ.-जिस कंपनी या डेवलपर से आपने प्लॉट बुक कराया था, उसके विरुद्ध सबसे पहले थाने में प्राथमिकी दर्ज कराएं और फिर भी सुनवाई न हो तो आप दस्तावेजों के साथ पुलिस के उच्च अधिकारियों से शिकायत करें। इसके बाद भी कुछ नहीं होता तो आप उपभोक्ता फोरम में वाद दायर कर सकते हैं।

प्र.7-कृषि ऋण मोचन योजना के तहत पहले मेरा एक लाख रुपये का कर्ज माफ हुआ फिर दोबारा हमारे खाते से पैसा वापस चला गया। अब मैं क्या करूं? (महेंद्र प्रताप सिंह, बहराइच)

उ.आपको जिला कृषि अधिकारी और बैंक से शिकायत करनी चाहिए। इसके बाद भी आपकी सुनवाई नहीं होती है तो सारे दस्तावेज लगाकर जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत करें, अवश्य कार्रवाई होगी। 

प्र.8-किराए के लिए एग्रीमेंट कराया, लेकिन समय से पहले दोबारा एग्रीमेंट किसी और को कर दिया गया। अब मैं क्या कर सकता हूं? (सुरेश कुमार सोनी, सुल्तानपुर)

उ.-जिससे आपने एग्रीमेंट कराया था और उसने दूसरे के साथ दोबारा अधिक पैसे लेकर एग्रीमेंट कर दिया तो यह मामला धोखाधड़ी का है। आपको संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करानी होगी। मामला व्यक्तिगत है न कि कंपनी का। ऐसे में यह उपभोक्ता फोरम के दायरे में नहीं आएगा।

प्र.9-बैंक में 10 रुपये प्रति दिन के हिसाब से पैसा जमा किया और पांच साल बाद पैसा लेने गए तो पैसा वापस नहीं दे रहे हैं, अब क्या करें? (मथुरा प्रसाद, हरदोई)

उ. यह उपभोक्ता हितों की अनदेखी है। उस बैंक की शाखा को शिकायत भेजें और उसमें उपभोक्ता फोरम जाने की बात भी लिखें। इसके बाद भी सुनवाई न हो तो आप बेहिचक उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर सकते हैं।

प्र.10-दुकानदार द्वारा दिया जाने वाला बिल कैसे जानें की असली है या नकली? (मुहम्मद फैजी रजा, अंबेडकरनगर)

उ. बिल लेने से पहले उस पर प्रतिष्ठान का नाम और मोहर होनी चाहिए। दुकानदार का पंजीयन नंबर और टिन नंबर के साथ ही जीएसटी नंबर भी होना चाहिए। ये सब नहंी है तो आपको इसकी शिकायत जिला पूर्ति अधिकारी से कर सकते हैं। 

इसका रखें ध्यान

  • यदि आप किसी होटल या रेस्टोरेंट में भोजन करने जा रहे हैं और आपसे सर्विस टैक्स लिया जाता है तो आप इसका विरोध कर सकते हैं। यह टैक्स देना आपका अधिकार है। इसकी शिकायत भी आप उपभोक्ता फोरम में कर सकते हैं। 
  • उपभोक्ता फोरम में शिकायत करने के एवज में आपसे पोस्टल ऑर्डर के रूप में शुल्क भी लिया जाता है। दो लाख तक के दावे के लिए 100 रुपये के पोस्टल आर्डर के साथ आपको प्रार्थना पत्र जिला उपभोक्ता कार्यालय को देना होगा। 
  • उपभोक्ता फोरम में वाद दायर करने के 90 दिनों के अंदर फैसले का प्रावधान है। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर यह नियम सभी जिला उपभोक्ता फोरम में लागू है। वाद दायर करने के लिए आपको किसी भी अधिवक्ता की जरूरत नहीं होती है। आप प्रार्थना पत्र देकर स्वयं वाद दायर कर सकते हैं।
  • होटल, बस, हवाई जहाज व ट्रेन में यदि आपको दावे के अनुसार सुविधा नहीं दी जा रही है तो इसके लिए आप उपभोक्ता फोरम में लिखित शिकायत कर सकते हैं। फोरम उपभोक्ता हितों का खास ध्यान रखता है।
  • बैंक या बीमा कंपनी बिना बताए आपका पैसा काट लेती है या फिर मैसेज के एवज में पैसा लेती है, लेकिन कोई मैसेज नहीं देती तो आप उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए आपको पहले संबंधित बैंक या फिर बीमा कंपनी को प्रार्थना पत्र देना होगा और फिर शिकायत करनी होगी। कार्रवाई न होने पर उपभोक्ता फोरम में प्रार्थना पत्र दिया जा सकता है। 

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