IET लखनऊ के हॉस्टल में मिली बीटेक के छात्र की लाश, नहीं उठाया दोस्त का फोन और फिर...
लखनऊ के जानकीपुरम स्थित आइईटी छात्रावास में बी.टेक केमिकल इंजीनियरिंग अंतिम वर्ष के छात्र आकाश दत्त सिंह (21 वर्ष) की शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई; सुबह क्लास के लिए सहयोगियों के फोन कॉल अनुत्तरित रहे।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। जानकीपुरम स्थित इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी (आइईटी) लखनऊ के छात्रावास में रहने वाले बी.टेक केमिकल इंजीनियरिंग चौथे वर्ष के 22 वर्षीय छात्र आकाश दत्त सिंह की शुक्रवार को सदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। सुबह कक्षा के लिए जब उसके सहयोगी फोन कर रहे थे तो काल रिसीव नहीं हुई।
उन्होंने कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन जब नहीं खुला तो हास्टल प्रशासन को सूचना दी गई। कारपेंटर को बुलाकर दरवाजा खोला गया तो आकाश फर्श पर पड़ा था। तुरंत डाक्टर को बुलाया गया। डाक्टर ने जांच में उसे मृत घोषित कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने अभिभावकों को भी सूचना दी है।
पुलिस के अनुसार आकाश मऊ के हलधरपुर स्थित छिछोरे करोड़ी गांव का रहने वाला था। कालेज के फार्म में वाराणसी के आइआइटी बीएचयू के मणिरथपुरी का भी पता दर्ज है। आइईटी लखनऊ के निदेशक प्रोफेसर विनीत कंसल ने बताया कि वह संस्थान के रमन-बी हास्टल के कमरा नंबर 203 में रहता था। दीपावली की छुट्टियों के बाद आकाश 29 अक्टूबर को ही वापस आया था। वह पढ़ाई में बहुत अच्छा था।
दोस्त ने क्या बताया?
उसके दोस्तों ने बताया कि गुरुवार रात में आकाश से बात हुई थी, लेकिन वह मेस में भोजन करने नहीं गया था। उसकी मेज पर कुछ भोजन रखा हुआ था। शुक्रवार की सुबह 9:50 मिनट पर कक्षा के लिए जब उसके दोस्तों ने फोन किया तो रिसीव नहीं हुआ। उसके अभिभावक का भी फोन रिसीव नहीं हुआ, तब दोस्त उसके कमरे पर पहुंचे। दरवाजा अंदर से बंद था। इसकी सूचना वार्डन, चीफ वार्डन और अन्य अधिकारियों को दी गई।
जमीन पर पड़ा था शव : निदेशक के मुताबिक मौके पर जब पुलिस व हम लोग पहुंचे तो आकाश जमीन पर पड़ा था, लेकिन उसके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। डाक्टर ने उसे देखा और मृत घोषित कर दिया। बताया कि इसकी मौत काफी देर पहले हो चुकी है। उसके शरीर पर चोट के निशान भी नहीं दिखे, न ही खून निकल रहा था। आत्महत्या जैसे कोई साक्ष्य भी नहीं दिखे। प्रोफेसर के अनुसार, ह्रदयाघात की आशंका जताई जा रही है। उनके पिता अंजनी कुमार सिंह को सूचना दे दी गई है। छात्र के स्थानीय अभिभावक चाचा चाची आ गए थे। वहीं, हास्टल के वार्डन राजीव कुमार सिंह का कहना है कि उसने कभी किसी शिक्षक या दोस्तों से तनाव या अन्य कोई समस्या नहीं बताई।
फारेंसिक टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है। शव पर कोई चोट के निशान नहीं थे। परिवार को सूचना दी गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही मौत के कारण स्पष्ट हो सकेंगे। अगर कोई तहरीर मिलती है तो उसी आधार पर कार्रवाई होगी। -विनोद तिवारी, इंस्पेक्टर जानकीपुरम
सभी वार्डन के साथ बैठक कर कहा गया है कि वे विद्यार्थियों के बीच में जाकर उनसे बातचीत करें। किसी की कोई समस्या हो तो उसकी सुनवाई करें और इस घटना से भी जुड़ी सभी जानकारियां सही से दें ताकि संस्थान की ओर से किसी भी प्रकार की कोई चूक न रहे। - प्रो. विनीत कंसल, निदेशक, आइईटी लखनऊ

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