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AKTU में आइआइटी का आइसीटी कोर्स हुआ शुरू, ऑनलाइन पोर्टल तैयार

दोनों संस्थानों की ओर से तैयार पोर्टल किया गया लॉन्च। पिछले पांच वर्षो में आइसीटी ने तेजी से पाया है विस्तार। आइसीटी के बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए एकेटीयू का बड़ा कदम।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 10:07 AM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 08:49 AM (IST)
AKTU में आइआइटी का आइसीटी कोर्स हुआ शुरू, ऑनलाइन पोर्टल तैयार
AKTU में आइआइटी का आइसीटी कोर्स हुआ शुरू, ऑनलाइन पोर्टल तैयार

लखनऊ, जेएनएन। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) में अब आइआइटी के इंफारमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आइसीटी) के कोर्स भी शुरू होंगे। एकेटीयू और आइआइटी की ओर से इसे लेकर तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल को मंगलवार को लॉन्च कर दिया गया है। पोर्टल लांचिंग के दौरान सचिव भुवनेश कुमार व आइआइटी प्रोफसर भी मौजूद रहे।

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एकेटीयू के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में मंगलवार को बैठक हुई। बैठक का मकसद आइसीटी को एक नया मुकाम देकर विवि व शिक्षकों तक इस तकनीक को पहुंचाना था। इसी क्रम में आइआइटी में संचालित हो रहे आइसीटी कोर्स को विश्वविद्यालय में शुरू किए जाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल की शुरुआत की गई। कुलपति प्रो पाठक ने बताया कि पिछले पांच वर्षो में आइसीटी ने तेजी से विस्तार पाया है। इसके चलते आइआइटी में विशेष रूप से आइसीटी सेल स्थापित करना पड़ा। आइआइटी के अलावा आइसीटी कोर्स देश में सामान्य तौर पर कम हैं।

इसी महत्व के चलते विवि के शिक्षकों व छात्रों को लाभ मिल सके, इन कोर्स की शुरुआत की जा रही है। यह बीटेक स्तर के एडवांस कोर्स हैं, जिन्हें छात्र कर सकेंगे। सचिव भुवनेश कुमार ने कहा जो छात्र-छात्राएं इन कोर्स में अच्छे अंक लाएंगे, उनको रिवॉर्ड भी दिया जाएगा। आइआइटी कानपुर प्रो एस गणोश ने कहा कि आईसीटी कोर्स के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होने से टीचिंग-लर्निग के क्षेत्र को नया आयाम मिलेगा। इस दौरान प्लेटफार्म पर वर्नाक्यूलर भाषाओं में लर्निग मैटेरियल उपलब्ध कराने की पहल की गई। प्रो बीवी फेनी, अनिल पीपल एवं प्रो अमेय करकरे विशेष तौर पर मौजूद रहे। डीन यूजी प्रो विनीत कंसल, कुलसचिव नंदलाल सिंह, प्रतिकुलपति प्रो कैलाश नारायण, एफजीआईइटी के निदेशक आरपी शर्मा समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

एसईई में इस बार भी कम आए आवेदन

राज्य प्रवेश परीक्षा (एसईई) में इस बार एमबीए, एमसीए व बीफार्मा की सीटों पर कम संख्या में आवेदन आए। आवेदनों की कम संख्या के चलते कई कॉलेजों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। एकेटीयू की ओर प्रदेश के इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट व बीफार्मा कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाली एसइई की अंतिम तिथि मंगलवार को समाप्त हो गई। प्रवक्ता की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार प्रदेश के 590 इंजीनियरिंग कॉलेजों में बीटेक में दाखिले के लिए एक लाख छह हजार छात्रों ने आवेदन किया है। जबकि बीटेक में सीटों की संख्या करीब 90 हजार है। एमबीए में 8077 छात्रों ने आवेदन किया है, जबकि प्रदेश में एमबीए की सीटें करीब 31 हजार हैं। ऐसे में तीस हजार से अधिक सीटें खाली रहेंगी। एमसीए की 4485 सीटों पर महज 1400 छात्रों ने ही आवेदन किया है। सिर्फ बीआर्क कोर्सेज में 644 सीटों के लिए करीब 5 हजार छात्रों ने आवेदन किया है।

अब हिंदी में सीख सकेंगे कोडिंग और पाइथन

पोर्टल में ऑनलाइन लर्निग और टीचिंग की सुविधा मुहैया कराई गई है। इसके साथ ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कोर इंजीनियरिंग विषयों के कोर्स हिंदी में भी उपलब्ध हैं। यहां तक कि कोडिंग में पाइथन जैसी जटिल भाषा को हिंदी में सीखा जा सकता है।


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